आज हम आपको ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने कभी एमबीए MBA में पढ़ाई करके अपने आप को भविष्य में आगे बढ़ाने के बारे में सोचा था, लेकिन बात कुछ जमी नहीं और आज वह एक सफल उद्यमी Entrepreneur बनकर देश में बड़ा नाम कमा रहें हैं। हम बात कर रहे हैं प्रफुल्ल बिलौरे Praful Billaure की जो मध्य प्रदेश Madhya Pradesh के रहने वाले हैं, उनका सपना था कि वह किसी भी तरह आईआईएम IIM में पढ़ाई करें और एमबीए की डिग्री हासिल करें, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उन्होंने आईआईएम में
रोशनी नादर Roshni Nadar
रोशनी नादर मल्होत्रा एचसीएल एंटरप्राइज HCL Enterprises की कार्यकारी निर्देशिका और सीईओ CEO हैं। वह भारतीय अरबपति और एचसीएल HCL के संस्थापक शिव नादर Shiv Nadar की बेटी है। रोशनी ये अच्छी तरह से जानती है कि यदि कोई काम करना है तो उसकी क्या तकनीक होनी चाहिये। रोशनी मल्होत्रा फोर्ब्स मैगज़ीन forbes magazine के अनुसार दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक हैं और साथ ही देश की सबसे अमीर महिलाओं में से भी एक हैं। 38 वर्षीय रोशनी नादर मल्होत्रा को भारत के तीसरे सबसे
मनुष्य अपने जीवन में बहुत कुछ करने का सोचता है, परन्तु वास्तविकता में जब उसे क्रियान्वित करने की बारी आती है, तो उसकी हिम्मत उसका साथ नहीं देती है। कोई भी बड़ा काम केवल एक कदम चल के ही पूरा हो जाये ऐसा संभव नहीं होता है। परन्तु यही छोटे-छोटे कदम आगे बढ़ने में लोग सकुचाते हैं, उनके मन में यही चलता रहता है कि कहीं एक कदम आगे चलने के बाद वह दो कदम पीछे ना चले जाएं। यही डर कई लोगों को उनके सपनों से उन्हें हमेशा के लिए दूर कर देता है। उद्यमिता के क्षेत्र में हर एक इंसान अपने पैर जमा पाए, ऐसा कम ही होता
नारी और पुरुष के बल में, केवल नारी को ना बाँटो ,
बराबर तो नहीं होती हैं, हाथों की उँगली भी पाँचों...
महिलाएं एक बीज के समान होती हैं, जिनका यदि रोपण किया जाये तो, वह विशाल वृक्ष बन कर सबका हित करती हैं। सांसारिक मामलों पर चिल्लाये बिना कन्धों पर कई जिम्मेदारियां लिए, बिना थके, बिना पलके झुकाये, ये सारी जिम्मेदारियों को पूरा करती हैं। पहले महिलाओं को परदे के अंदर रखा जाता था और वो पुरुष प्रधान समाज में दासी जैसे बनकर रहती थीं। बावजूद इसके उन्होंने अपने साथ हो रहे अन्याय का कभी व
आज हम हर क्षेत्र में लैंगिक समानता देख सकते हैं, लेकिन क्या यह सब शुरू से ऐसा ही था? महिलाओं ने सिर्फ कार्यबल में शामिल होने के लिए ही कड़ी मेहनत की है। उसके बाद उन्होंने समान वेतन से लेकर अलग-अलग क्षेत्रों में अपना नाम बनाकर अविश्वसनीय प्रगति की है। जैसे-जैसे महिलाएं शिक्षित हो रही हैं, उन्हें रोजगार के कई अवसर मिल रहे हैं।
इस बात को हम झुठला नहीं सकते कि महिलाओं ने किसी भी रोजगार क्षेत्र में अपनी जगह बनाने के लिए कई संघर्ष किए हैं। लेकिन आज भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां महिलाओं की तुलना
हमें ऐसे स्थान कितने पसंद आते हैं, जहाँ हरियाली, खूबसूरती और स्वच्छता तीनों का समावेश होता है। ऐसे परिदृश्य मन को मोह लेते हैं। खुद के अंदर ऐसे ही परिवेश में रहने की इच्छा का जन्म होने लगता है, परन्तु हम ऐसा करने में सक्षम नहीं होते हैं। प्रकृति हमें ऐसा परिवेश भरपूर देती है और हम उसका मन भर आनंद लेते हैं। हम अपने आस-पास रहने वाले स्थान के भी स्वच्छ परिवेश में होने की कल्पना करते हैं। स्वच्छता प्रत्येक मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसकी कामना हम सब करते हैं, परन्तु इसमें हमारी कितन