ट्रेडिंग क्या है और यह कितने प्रकार की होती है?

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Trading, यह शब्द ज्यादातर स्टॉक मार्केट में नए लोगों को परेशान करता है। आज कई small retailers स्टॉक मार्केट में है जो trading और investment में अंतर नहीं समझ पाते हैं। Trading को आसान शब्दों में समझें तो हिंदी में इसे " व्यापार " कहा जाता है। यानी कि किसी वस्तु या सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना। Trading का मतलब (Buy & Sell) होता है जिसे हम खरीदना और बेचना भी कहते हैं। किसी भी चीज़ को खरीद कर उसे मुनाफे में बेचना उसे ट्रेडिंग कहा जाता है। आप स्टॉक मार्केट Stock Market में भी ट्रेडिंग कर सकते है। स्टॉक मार्केट में शेयर को खरीद या बेच कर पैसे कमा सकते हैं। किसी भी शेयर को कम कीमत में खरीदना और उसे ज्यादा कीमत में बेचना ट्रेडिंग है। Share Market में trading चार प्रकार की होती है- Intraday Trading, Scalping Trading, Swing Trading, Positional Trading, मुख्य रूप से ट्रेडिंग में लोग सबसे ज्यादा शेयर पर ट्रेडिंग करते है और स्टॉक पर ट्रेडिंग करके एक ही दिन में लाखों रूपये तक कमा लेते हैं।
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आज के समय में हर कोई अतिरिक्त आय extra income के बारे में सोचता रहता है और extra कमाई के लिए वह अपने बचे हुए समय में अपने घर पर या कहीं से भी अपने मोबाइल, लैपटॉप से एक्स्ट्रा कमाई करता है। बाज़ार में कम समय के अन्दर मुनाफा कमाने के लिए लोग ट्रेडिंग Trading करते है और यह Trading कई तरह की चीजों पर की जाती है, मुख्य रूप से ट्रेडिंग में लोग सबसे ज्यादा शेयर पर ट्रेडिंग करते है और स्टॉक पर ट्रेडिंग करके एक ही दिन में लाखों और हजारों रूपये कमा लेते हैं। मोबाइल में उपलब्ध ऐसे App जिनके द्वारा आप शेयर बाजार में Invest कर सकते हैं उसे Trading App कहते हैं। आप लोग भी अक्सर ट्रेडिंग से ढेर सारे पैसे कमाने के बारे में सुनते रहते होंगे और आपने भी ट्रेडिंग शब्द जरूर सुना होगा। आखिर क्या है Trading का मतलब और ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? यदि आप भी ट्रेडिंग के द्वारा हजारों या लाखों रूपये कमाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ट्रेडिंग को अच्छे से समझना होगा तो आइये जानते हैं Trading ट्रेडिंग क्या है और Trading कितने प्रकार की होती है?
ट्रेडिंग क्या है? What is Trading?
यदि आसान शब्दों में Trading को समझें तो इसका मतलब " व्यापार " होता है। मतलब making a profit by exchanging goods or service किसी वस्तु या सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना। Stock Market Trading भी ऐसे ही होता है, जैसे हम किसी वस्तु को खरीद करके और उसकी बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं। मतलब ट्रेडिंग का मुख्य मकसद किसी भी वस्तु या सेवा को खरीद व बेच कर कम समय में मुनाफा कमाना होता है। ठीक वैसे ही स्टॉक मार्केट में किसी वस्तु की नहीं बल्कि कंपनियों के शेयर की खरीद और बिक्री करके buying and selling shares of companies मुनाफा कमाया जाता है। यानि Trading में हम शेयर मार्केट से शेयर को खरीदने और बेचने का काम Buy and sell shares from the stock market करते हैं। यहाँ हम शेयर को stock exchange से कम price पर खरीदते हैं और फिर उस शेयर की price हाई होने पर उसे sell बेच देते हैं। Trading, Share Market में सबसे ज्यादा की जाती है और लोग हर रोज शेयर पर ट्रेडिंग करके हजारों और लाखों रूपये कमा लेते हैं। ट्रेडिंग की समय अवधि 1 साल की होती है। मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना है। यदि आप एक साल के बाद शेयर को बेचते हैं तो यह निवेश Investment कहलाता है। Trading को काफी रिस्की कहा जाता है इसमें यह कोई नहीं जानता कि कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। क्योंकि शेयर के भाव में कभी तेजी दिखाई देगी तो कभी शेयर के भाव में मंदी देखने को मिल सकती है। शेयर मार्केट में ट्रेडिंग अलग-अलग प्रकार की होती है और ट्रेडर trader अपनी सुविधा और जोखिम के अनुसार ट्रेडिंग करते हैं।
भारत के सबसे अच्छे ट्रेडिंग ऐप Best Trading Apps In India
आज के समय में मोबाइल एप्लीकेशन की मदद से ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान और सरल है। अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं Upstox App, Groww, Zerodha आदि एप्लीकेशन की मदद से आसानी ट्रेडिंग कर सकते हैं। भारत के सबसे अच्छे ट्रेडिंग एप्प निम्न हैं –
1 – Angel One By Angel Broking (एंजेल वन बाय एंजेल ब्रोकिंग)
2 – Upstox Trading App (अपस्टॉक्स ट्रेडिंग एप्प)
3 – Zerodha Trading App (ज़ेरोधा किट ट्रेडिंग एप्प)
4 – Groww Invesment App (ग्रो इन्वेस्टमेंट एप्प)
शेयर मार्केट ट्रेडिंग Stock Market Trading
शेयर मार्केट ट्रेडिंग को उदाहरण द्वारा समझते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर हम share market में शेयर खरीद रहे हैं तो हमारे जैसे कोई अन्य व्यक्ति होगा जो उन शेयर को बेच रहा होगा। चलिए इसे अब अपने डेली लाइफ से जोड़ कर देखते हैं जैसे आपने होलसेल स्टोर से कोई सामान ₹100 का खरीदा और उसे बाद में ₹120 का कस्टमर को बेच दिया और आप इसी तरह से रोज कस्टमर को सामान बेचते हैं तो इसे ट्रेडिंग कहा जाता है। ठीक इसी तरह शेयर मार्केट में भी होता है। शेयर मार्केट में यदि आप शेयर को खरीदते हैं और 1 साल के अंदर खरीदे हुए शेयर को प्राइस बढ़ने के बाद बेच देते है तो यह Stock Market Trading कहलाता है।
ठीक ऐसे ही इस उदाहरण से भी समझते हैं जैसे आप शेयर मार्केट में से SBI का 1 share खरीदना चाहते हैं और मार्केट के 9:15 AM पर खुलते ही शेयर की कीमत 90 रूपए रहती है और दिन में 1 PM तक शेयर की price 100 रूपए हो जाती है। यदि आप शेयर को सुबह खरीद लेते तो 90 रूपए का आपको 1 शेयर मिलता जिसे आप 100 रूपए में बेच सकते थे और ऐसा करने पर आपको 10 रूपए का मुनाफा होता जो कि आपका profit होता बस इस पूरी प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं। Trading को काफी रिस्की कहा जाता है।
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है What Are The Types Of Trading?
Share Market में trading चार प्रकार की होती है-
Intraday Trading
Scalping Trading
Swing Trading
Positional Trading
1- इंट्राडे ट्रेडिंग Intraday Trading
शेयर मार्केट के खुलने से लेकर उसके बंद होने के पहले शेयर को खरीद कर बेचने को Intraday Trading कहते हैं। इसमें ट्रेडर 9:15 AM से 3:30 PM के बीच शेयर को खरीदता और बेचता है और उसे एक ही दिन में शेयर पर ट्रेडिंग करने पर मुनाफा मिलता है। इस तरह इंट्राडे ट्रेडिंग की जाती है। यानि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं और मार्केट बंद (3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है। मतलब Intraday Trading वह trade जो 1 दिन के लिए trade किया जाए।
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2- स्कैल्पिंग ट्रेडिंग Scalping Trading
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग भी शेयर मार्केट के खुलने से उसके बंद होने के बीच में की जाती है लेकिन Scalping Trading में पूरे दिन ट्रेडिंग नहीं की जाती है। Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। इसमें traders केवल कुछ सेकंड या कुछ मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। जैसे 9:15 AM पर शेयर को खरीद कर 10:00 AM पर ही शेयर बेच कर मुनाफा कमा लेना है। इन ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। scalping trading को सबसे ज्यादा रिस्की माना जाता है।
3- स्विंग ट्रेडिंग Swing Trading
Swing Trading की बात की जाये तो यह ट्रेडिंग कुछ दिन और हफ़्तों के लिए की जाती है और इसमें भी शेयर को खरीदना और बेचना का काम शेयर मार्केट के खुलने और बंद होने के बीच ही किया जाता है। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है और यह उन लोगों के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं जैसे जॉब करने वाले लोग, स्टूडेंट्स आदि। इसमें ट्रेडर्स शेयर मार्केट में कम दाम पर शेयर खरीद लेते है और फिर उन्हें hold करके रख लेते हैं और जब बाद में जब कुछ दिन या हफ्ते में उनके शेयर की price ज्यादा हो जाती है तो तब उन्हें बेच कर मुनाफा कमा लेते हैं। मतलब इसमें traders एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं।
4- Positional Trading
Positional Trading बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है। Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाते हैं। यह Trading long term है। Positional ट्रेडिंग में शेयर्स को लम्बे समय तक होल्ड किया जाता है इसके अंदर किसी शेयर को कुछ महीनों से लेकर 1 साल तक खरीदकर रखा जाता है और फिर उस Share को बेच कर Profit कमाया जाता है। शेयर बाजार के रोजाना के up-down का इन पर ज्यादा असर नहीं होता है।
Trading और Investment में कुछ मुख्य अंतर Differences Between Trading And Investing
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जो लोग Trading करते हैं उन्हें traders कहा जाता है और वहीं निवेश Investment करने वाले लोगों को निवेशक Investor कहा जाता है।
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Trading में टेक्निकल एनालिसिस के बारे में जानना आवश्यक होता है। वहीं Investment की बात करें तो उसमें fundamental analysis की जानकारी होनी जरुरी है।
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Trading में शेयर को short term के लिए खरीदा जाता है और Investment में शेयर को लंबे समय के लिए खरीद लिया जाता है।
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Trading लोगों के द्वारा short term मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है वहीं निवेश Investment लंबे समय के मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है।
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Trading की जो अवधि होती है वो 1 साल तक की होती है। वहीं निवेश की अवधि 1 साल से ज्यादा की होती है।