1-वर्तमान में भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हैं। शिक्षा मंत्रालय के साथ-साथ उनके पास कौशल विकास एवं आंत्रप्रेन्योरशिप मंत्रालय भी है।

2-मिनिस्ट्री ऑफ़ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट का नाम अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है, यह नाम परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के मसौदे की प्रमुख सिफारिशों में से एक था।

3-शिक्षा मंत्री का सबसे पहला कार्य यह सुनिश्चित करना होता है कि शिक्षा के क्षेत्र में सभी बच्चों की भागीदारी हो। साथ ही सभी बच्चों को निःशुल्क शिक्षा मिल सके इस पर कार्य करना है।

4- स्कूलों पर सर्वे करना, मिड डे मील की व्यवस्था देखना और बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देना जिससे उनका भविष्य सुरक्षित रहे।

5-भारतीय शिक्षा मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करना है और सुनिश्चित करना है कि यह नीतियां पूरे भारत में सभी शिक्षण संस्थानों पर लागू हो और सही तरीके से उपयोग में लाया जाए।

6-जो लोग शिक्षा लेने में असमर्थ हैं जैसे गरीब बच्चे, महिलाओं और अल्पसंख्यक जैसे वंचित समूहों की ओर विशेष रूप से ध्यान देना और उन्हें विशेष तौर पर छात्रवृत्ति प्रदान करना ।

7-शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना साथ ही सब्सिडी भी प्रदान करना शामिल है। यानि शिक्षा मंत्रालय का एक कार्य समाज में वंचित वर्गो के छात्रों को योग्य बनाना भी है।

8-शिक्षा मंत्री द्वारा ये भी सुनिश्चित किया जाता है कि सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षकों की भर्ती की जाए। क्योंकि शिक्षक ही बच्चों को शिक्षित करने के महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करते हैं।

9-शिक्षा मंत्रालय को दो महत्वपूर्ण विभागों में बांट दिया गया है। पहला स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग जो प्राथमिक शिक्षा और साक्षरता के लिए जिम्मेदार है। दूसरा है उच्च शिक्षा विभाग।

10-शिक्षा मंत्रालय के कार्यों में शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना भी है। इसमें यूनेस्को, विदेशी सरकारों और विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम किया जाता है।

Keep Exploring
Startup Success Stories & Bussiness News
View More