स्टार्टअप्स के लिए 10 फंडिंग विकल्प

1. बूटस्ट्रैपिंग Bootstrapping

बूटस्ट्रैपिंग का अर्थ है खुद से ही फंड की व्यवस्था करना। यह मुख्य रूप से आपकी बचत हो सकती है या आपके दोस्त, जान पहचान वाले, रिश्तेदार, आदि जहाँ से आपको आसानी से बिना व्याज के फंड की व्यवस्था हो जाये।
2.क्राउड फंडिंग Crowdfunding

Crowdfunding एक ऐसा तरीका है जिसके ज़रिए व्यवसायिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कई इन्वेस्टर्स से छोटी-छोटी रकम जुटाई जाती है। क्राउडफंडिंग के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स और वेब आधारित प्लेटफार्म्स का इस्तेमाल किया जाता है।
3.इनक्यूबेटर व एक्सेलेरेटर Incubator And Accelerator

सरकार की स्टार्टअप पॉलिसी में इनक्यूबेटरस की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और वे स्टार्टअप्स को मान्यता प्रदान करने, उनके लिए दिशा निर्देश निर्माण एवं वित्तीय सहयोग प्रदान करने में भूमिका में अदा करते हैं।
4.एंजेल इन्वेस्टर्स Angel Investors

Angel Investor, वो लोग होते हैं जो किसी व्यवसाय या स्टार्ट-अप के शुरुआती समय में उसमें निवेश करते हैं और उसके बदले उसमें कुछ हिस्सेदारी लेते हैं।भारत में हैदराबाद एंजेल्स, इंडियन एंजेल्स नेटवर्क, मुंबई एंजेल्स जैसे कई ऐसे इन्वेस्टर्स हैं।
5.स्टार्टअप इंडिया योजना Startup India Scheme

इस योजना का मुख्य उद्देश स्टार्टअप करने वाले करने वाले युवाओ की शुरुआत को मजबूत बनाकर स्टार्टअप युवाओ को बैंक के माध्यम से फण्ड उपलब्ध कराना है। यह पहली बार 15 अगस्त, 2015 को शुरू की गई थी।
6.सोसाइटी स्कीम Society Scheme

Society Scheme आपसी ग्रुप द्वारा चलाई जाने वाली एक योजना है, इसमें आपसी लोग पैसा इक्कठा करके जिस भी व्यक्ति को जरुरत होती है उसे दे देते हैं।सबसे बड़ी बात आपको इसमें अधिक व्याज नहीं देना पड़ता।
7.मुद्रा लोन Mudra Loan

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत, भारत सरकार ने देश के छोटे कारोबारियों की मदद करने के लिए मुद्रा लोन की व्यवस्था की है।इस लोन के माध्यम से अधिक-से-अधिक 10 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है।
8.वेंचर कैपिटल Venture Capital

वेंचर कैपिटलिस्ट्स इक्विटी यानि हिस्सा लेकर आपके बिज़नेस में पैसा लगाते हैं। ये आईपीओ जारी होने या एक्विजिशन के बाद ही बिज़नेस से हटते हैं। वेंचर कैपिटलिस्ट स्टार्टअप को केवल आर्थिक रूप से सहारा नहीं देते हैं, बल्कि महत्वपूर्ण मामलों में स्टार्टअप का मार्गदर्शन भी करते हैं।
9.सरकारी योजनाओं Government Schemes

भारत सरकार द्वारा भी समय समय पर कई योजनाएं शुरू की गईं हैं। इनका मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप उद्यमों, SMEs, MSMEs को लोन देना है। स्टार्टअप इंडिया, अटल इनोवेशन मिशन, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडित गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE), स्टैंड-अप इंडिया, मेक इन इंडिया, ट्रेड-रिलेटिड एंटरप्रेन्योरशिप असिस्टेंस एंड डेवलपमेंट (THREAD) आदि शामिल हैं।
10.सीड फ़ंडिंग Seed Funding

Seed Funding मतलब बीज की तरह सबसे छोटी और सबसे पहली फ़ंडिंग। यही वो फ़ंडिंग है जिसके कारण आपका स्टार्टअप आगे बढ़ता है। ये शुरुआती धन राशि होती है। इसमें आपका जानकार, कोई परिवार वाला या कोई दोस्त पैसे नहीं देता है बल्कि पैसे देने वाला कोई अनजान व्यक्ति होता है।
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