Tata Salt क्यों है नंबर 1 ‘देश का नमक’

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 Tata Salt क्यों है नंबर 1 ‘देश का नमक’
18 Jun 2022
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आज Tata Salt बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है इंडिया में,और ये no.1 बिकने वाला नमक बन चुका है तो अब सवाल ये उठता है कि क्यों Tata का नमक नंबर 1 है और ये सबसे ज्यादा क्यों बिकता है। इन्ही सवालों के जवाब आपको आगे  मिलेंगे । पर नमक बेचने वाली तो ओर भी कई सारी कंपनिया है भारत में जो Tata से भी काफी कम कीमत पर नमक बेचती है। भारत भर में 180+ मिलियन से अधिक घरों में बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पादों को वितरित करने के लिए शुद्धता और दृढ़ मिशन के अपने आश्वासन के माध्यम से, टाटा साल्ट वास्तव में 'देश की सेहत, देश का नमक' के अपने ब्रांड वादे पर कायम है। जेआरडी टाटा J R D Tata ने 1938 में ओखा साल्ट वर्क्स  Okha Salt Works को खरीद लिया और इसी के साथ टाटा के मिकल्स Tata's Michals की शुरुआत हुई, 1984 में टाटा नमक ने भारत का पहला आयोडीन युक्त नमक Iodized Salt लॉन्च किया।  किचन में इस्तेमाल होने वाले नमक के आजकल तमाम ब्रांड आ गए हैं लेकिन अभी तक सबसे मशहूर टाटा का नमक ही रहा है,आज भारतीय बाज़ार में "टाटा नमक" को कौन नहीं जानता। यह शायद अधिकांश घरों में उपयोग किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय नमक ब्रांड है। 

नमक एक ऐसा उत्पाद है जो हर घर की ज़रूरत है। हर घर की इस आम ज़रूरत को पूरा करने के लिए बाज़ारों में अनेक नमक के ब्रांड उपलब्ध हैं। सभी ब्रांडों ने ग्राहकों के एक समूह को पकड़ कर रखा है लेकिन ऐसी सामान्य वस्तु को एक ब्रांड के नाम पर बेचने के लिए बहुत ही स्मार्ट रणनीति की आवश्यकता होती है। आज भारतीय बाज़ार Indian market में "टाटा नमक" को कौन नहीं जानता। यह शायद अधिकांश घरों में उपयोग किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय नमक ब्रांड  Popular Salt Brands है। तो क्या आपने कभी सोचा कि नमक जैसी सामान्य वस्तु कैसे आज "देश का नमक" बन गई। यह तो स्वाभाविक है कि कंपनी की इस सफलता का राज़ कंपनी की उत्कृष्ट रणनीति Excellent company strategy है। तो आइए, हम आपको "टाटा साल्ट" Tata Salt  कंपनी की सफल रणनीतियों के बारे में बताते हैं।

क्यों Tata Salt नंबर 1 है सालो से और ये सबसे ज्यादा क्यों बिकता है ?

आज Tata salt बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है इंडिया में,और ये no.1 बिकने वाला नमक बन चुका है तो अब सवाल ये उठता है कि क्यों tata का नमक नंबर 1 है और ये सबसे ज्यादा क्यों बिकता है। इन्ही सवालों के जवाब है नीचे। पर नमक बेचने वाली तो ओर भी कई सारी कंपनिया है भारत में जो Tata से भी काफी कम कीमत पर नमक बेचती है। 

जहा Tata का नमक 19  रुपए में बिकता है वहीं कई सारी ओर कम्पनियों का 15 रुपए में भी आता है, पर वो इतना नहीं बिक पाता। तो ऐसा क्यों है,और Tata ने ऐसा कैसे किया, तो चलिए जानते है ये रहस्य – 

नमक सस्ता होता है ,पर उसे स्टोर करने का जब नम्बर आता है तो वो जगह काफ़ी घेरता है। और जहां बात करे परचून की दुकानों की तो उनमें अमूमन पहले ही जगह कम होती है, उनमें सभी चीज़ों के लिए बेरिक बने होते है। 

तो अगर दुकानदार नमक की अलग-अलग वेरायटी रखेगा तो उसकी काफ़ी जगह घिर जाएगी। और नमक में मार्जिन भी 2 से 2.50 रुपए होता है। तो दुकानदार ज्यादा नमक की वैरायटी Variety रखना भी नहीं चाहता। और कस्टमर को भी कोई फ़र्क नहीं पड़ता अगर नमक कोई 15 वाला हो या 19  वाला Tata नमक वो ले ही लेते है। तो जब कस्टमर को ही फ़र्क नहीं पड़ रहा तो दुकान वाला भी उसे ही रख लेता है। 

टाटा नमक मूल्य इतिहास  Tata Salt Price History

लोगो का हर महीने का कुछ ना कुछ बजट होता है घर का ग्रोसरी सामान खरीदने Grocery Shopping का,पर जहां नमक की बात आती है तो वो लगभग 1 पैकेट में पूरा महीना चल जाता है। और एक पैकेट नमक कि कीमत मात्र 19  रुपए ही होती हैं। तो नमक के कारण लोगो के बजट पे कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि 19  रुपए में पूरा महीना ही निकल रहा है। और लोगो ने भी Tata का नाम तो सभी ने सुना है होता है तो वो Tata को ही no.1 पे खरीदना पसंद करते है। और जब लोगो को Tata का 19  रुपए का नमक खरीदने में कोई दिक्कत नहीं है तो दुकानदार भी Tata नमक को ही रख लेता है। उन्होंने अपने नमक कि काफ़ी अच्छे से मार्केटिंग और ब्रांडिंग Marketing and branding कि है , लोगो के इमोशंस से सीधा जोड़ दिया  है जैसे – "टाटा नमक देश का नमक" "Tata Namak Desh ka Namak" आदि । ये स्वदेशी  वाली भावना जो लोगो के दिमाग में डाली है, जैसा कि पतंजलि भी कर रही है, इसने काफ़ी मदद की है no.1 बनने में Tata की , क्योंकि  लोग सोचते है की हम स्वदेशी चीज़े ही खरीदेंगे। चूंकि tata भारत की एक बड़ी  नमक कंपनी है Salt Company In India और वो नमक को छोड़कर भी काफ़ी सारी ओर भी चीजे बनाती है, जिनमे भी वो काफी अच्छा कर रही है, तो यही पर उनकी विपणन रणनीति Marketing strategy भी बहुत अच्छी है, उनके काफ़ी अच्छे T V Add भी आते हैं।  

"टाटा साल्ट" का इतिहास (History of "Tata Salt")

इसकी शुरुआत 1983 में हुई जब भारत में आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों को देखते हुए टाटा केमिकल्स ने "टाटा साल्ट" ब्रांड को भारत में लांच Salt Brands In India किया, जो भारत का पहला‌ आयोडीनयुक्त नमक ब्रांड है। 1983 में नमक उद्योग एक असंगठित क्षेत्र हुआ करता था। आमतौर पर इसे दुकानों में खुले तौर पर बेचा जाता था। उस समय नमक बेचने के लिए कोई ब्रांडेड कंपनी नहीं हुआ करती थी। यह वही समय था जब टाटा साल्ट ने बाज़ारों पर आधिपत्य करने का फैसला किया और नमक को एक ब्रांड के रूप में बेचने का निर्णय लिया। भारत की अधिकतम जनता हिंदी भाषी है। यही वजह है कि जब भी हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है तो लोग उससे अपना जुड़ाव अधिक महसूस करते हैं। टाटा साल्ट की मार्केटिंग टीम ने इसी बात का फ़ायदा उठाया और अधिक से अधिक ग्राहकों से जुड़ने के लिए रणनीति तैयार की। उन्होंने "नमक हो टाटा का, "Namak  Ho Tata ka" टाटा नमक" जिंगल के साथ उत्पाद को बाज़ारों में उतारा। इस जिंगल ने आम आदमी को कंपनी के साथ अच्छे तरीके से जोड़ा। वैसे भी नमक शब्द से भारत के लोग एक खास जुड़ाव रखते हैं, इसके पीछे की वजह "मैंने आपका नमक खाया है" का नारा है। इस कंपनी ने भारत में अपनी विशेष पहचान बना ली जहां भारत का हर आम आदमी टाटा नमक के बारे में जानता है।

ब्रांड जागरूकता के लिए स्मार्ट रणनीति

इसके बाद टाटा साल्ट कंपनी ने नए जमाने के उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए डिजिटल अभियानों का भी इस्तेमाल किया। इसके लिए कंपनी ने विश्व आयोडीन कमी दिवस World Iodine Deficiency day के अवसर पर #MissingI अभियान का इस्तेमाल किया। #MissingI मल्टी मीडिया अभियान ने सभी माध्यमों जैसे समाचार पत्रों, टीवी चैनलों Newspapers, TV Channels और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Social Media Platform के माध्यम से दर्शकों की ध्यान को अपनी ओर खींचा। इस अभियान में कंपनी ने सभी मीडिया ट्वीट्स Media Tweets में से "आई" (I) अक्षर को हटा दिया और इस मुद्दे को प्रिंट, टीवी, समाचारों की सुर्खियों में ले जाया गया। असल में, इस मल्टीमीडिया अभियान Multimedia Campaign के माध्यम से कंपनी का इरादा दर्शकों के बीच आयोडीन की कमी Deficiency Of Lodine को लेकर जागरूकता पैदा करना था। लोगों के आहार में आयोडीन के महत्व को स्थापित करने के लिए इस #MissingI अभियान को जारी किया गया था। यह अभियान उस समय काफी सुर्खियों में रहा जिसकी वजह से "टाटा साल्ट" दर्शकों के बीच और भी प्रसिद्ध हो गया।

Tata Salt Ingredients

खाने योग्य सामान्य नमक, पोटैशियम क्लोराइड, पोटैशियम आयोडेट, एंटीकिंग एजेंट

(Edible common salt, Potassium Chloride, Potassium Iodate, Anticaking agents)

Per 100 g:

  • Energy 0 g,

  • Protein 0 g,

  • Carbohydrate of which Sugar 0 g,

  • Fat 0 g,

  • Sodium 26.85 g.

  • Potassium 15.75 g.

कंपनी को No. 1 बनाने में टैगलाइन का हाथ

वास्तव में कंपनी की अपार सफलता के पीछे कंपनी द्वारा दिए गए अनेक टैगलाइनों Taglines का बहुत बड़ा हाथ रहा है। बीतते वर्षों के साथ कंपनी ने "देश का नमक" टैगलाइन को भी संचालित किया। अनेक टीवी और अखबार विज्ञापनों ने कंपनी को उनके टैगलाइन के ज़रिए और विस्तारित किया। टीवी पर "देश का नमक" टैग लाइन से प्रसारित होने वाले एक विज्ञापन ने ईमानदारी पर दर्शकों का ध्यान केंद्रित किया जहां हर मां अपने बच्चों के चरित्र निर्माण करने की कोशिश करती है। विज्ञापन का अंत  "आख़िर हमने भी देश का नमक खाया है" से किया जाता था। यह टैगलाइन भी दर्शकों के बीच एक सुर्खियों और चर्चा का विषय बन गई।

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सूत्रों के अनुसार, कंपनी को उम्मीद है कि वह 3-4 साल में `टाटा साल्ट ‘ब्रांड से दोगुना कारोबार करेगी।  वर्तमान में, ब्रांड 360,000 टन के साथ वार्षिक बिक्री कारोबार में लगभग 160 करोड़ ₹  ला चुका है। लगभग 65 प्रतिशत टाटा नमक की बिक्री शहरी क्षेत्रों में होती है, शेष 35 प्रतिशत ग्रामीण बाजारों से आती है।  भारत में कुल खाद्य नमक बाजार 5.2 मिलियन टन है, जिसमें से 1.5 मिलियन टन ब्रांडेड श्रेणी है। आप भी अपने बिजनेस में ऐसा कोई तरीका इस्तेमाल कर सकते है जिससे कि बेचने वाला मजबूर  हो जाए आपका ही प्रोडक्ट रखने को ,जैसा कि टाटा ने किया है। तो अब आपको समझ में आ गया होगा की क्यों टाटा का नमक नंबर 1 है और ये सबसे ज्यादा क्यों बिकता है।