चाणक्य क्लासरूम: स्टूडेंट्स के लिए लाइफ लेसन्स

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चाणक्य क्लासरूम: स्टूडेंट्स के लिए लाइफ लेसन्स
17 Nov 2022
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आचार्य चाणक्य Acharya Chanakya का मानना था कि किसी व्यक्ति के जीवन का सबसे अनमोल समय विद्यार्थी जीवन होता है और हर छात्र को इस समय का महत्व समझना चाहिए और इस समय को बेकार के काम में व्यर्थ नहीं करना चाहिए। उनका मानना था कि इस उम्र में की जाने वाली गलतियां आपको जीवन भर परेशान करती हैं। आचार्य चाणक्य बताते हैं कि आलस्य, बुरी संगत, लापरवाही ये तीनों ऐसी चीज़ें हैं, जो किसी व्यक्ति के विद्यार्थी जीवन को क्षति पहुंचाती हैं। हां, ये बात बिलकुल सत्य है कि कम उम्र होने के नाते हमें ये नहीं पता होता है कि हम कहां सही हैं और कहां गलत, इसीलिए अपने आचार्य और माता-पिता से प्रश्न करें और वे आपको सही और गलत का फर्क समझाएंगे। अगर आप भी जीवन में सफल होना चाहते हैं, एक सफल छात्र बनना चाहते हैं तो आपको चाणक्य के द्वारा बताए गए कुछ लाइफ लेसन्स Life lessons for students by Acharya Chanakya को फॉलो करना होगा। इन लेसंस पर अमल करके आप एक बेहतर छात्र बन सकते हैं। आइए जानते हैं कि चाणक्य के द्वारा बताए गए उन लाइफ लेसन्स के बारे में जिसका पालन हर छात्र को करना चाहिए। 

हर छात्र अपने क्लास में अव्वल रहना चाहता है। कई लोग इसके लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी वह उतने अच्छे मार्क्स नहीं ला पाते हैं जितने का वह टारगेट बनाते हैं। कई लोग ग्रुप स्टडी Group Study करते हैं, टीचर से अपने सारे डाउट क्लियर करते हैं लेकिन फिर भी वह उतने अच्छे मार्क्स नहीं ला पाते हैं जितना उन्होंने टारगेट किया था। 

ऐसा कई स्टूडेंट्स के साथ होता है। इसका एक बहुत अच्छा उपाय भी है। हम सब मेहनत करने के लिए तो तैयार है लेकिन हमें यही नहीं पता कि किस विषय को कैसे पढ़ना है। चाणक्य Chanakya ने अपनी किताबों के माध्यम से स्टूडेंट्स को कुछ लाइफ लेसन Life Lessons for Students दिए हैं। उनकी किताब नीति शास्‍त्र Ethics में सिर्फ राजा के लिए ही नहीं बल्कि छात्रों के मार्गदर्शन के लिए भी कई सीख है। 

चाणक्य का मानना था कि किसी व्यक्ति के जीवन का सबसे अनमोल समय विद्यार्थी जीवन Student life होता है और हर छात्र को इस समय का महत्व समझना चाहिए और इस समय को बेकार के काम में व्यर्थ नहीं करना चाहिए। उनका मानना था कि इस उम्र में की जाने वाली गलतियां आपको जीवन भर परेशान करती हैं। आचार्य चाणक्य बताते हैं कि आलस्य, बुरी संगत, लापरवाही एक तीनों ऐसी चीज़ें हैं, जो किसी व्यक्ति के विद्यार्थी जीवन को क्षति पहुंचाती हैं। 

हां, ये बात बिलकुल सत्य है कि कम उम्र होने के नाते हमें ये नहीं पता होता है कि हम कहां सही हैं और कहां गलत, इसीलिए अपने आचार्य और माता पिता से प्रश्न करें और वे आपको सही और गलत का फर्क समझाएंगे। 

अगर आप भी जीवन में सफल होना चाहते हैं, एक सफल छात्र बनना चाहते हैं तो आपको चाणक्य के द्वारा बताए गए कुछ लाइफ लेसन्स को फॉलो करना होगा। इन लेसंस पर अमल करके आप एक बेहतर छात्र बन सकते हैं। आइए जानते हैं कि चाणक्य के द्वारा बताए गए उन लाइफ लेसन्स के बारे में जिसका पालन हर छात्र को करना चाहिए। 

आचार्य चाणक्य के गुरुकुल में छात्रों को पढ़ाने के लिए बेहद इंट्रेस्टिंग सिस्टम था। सबसे पहले आचार्य चाणक्य छात्रों को पढ़ाते थे और इस कक्षा में सभी का उपस्थित होना ज़रूरी था। इसके बाद जो दूसरी कक्षा होती थी उसमें सीनियर और जूनियर साथ में बैठते थे और जूनियर के सारे प्रश्नों का जवाब सीनियर दिया करते थे लेकिन इन सब के बावजूद भी अगर किसी छात्र के मन में कोई सवाल रह गया हो तो उसे फिर से खुद आचार्य चाणक्य समझाते थे। 

आचार्य चाणक्य का मानना था कि सीनियर और जूनियर का साथ में बैठना और जूनियर का प्रश्न करना सीखने का सबसे अच्छा तरीका है और इससे जूनियर स्टूडेंट्स के साथ-साथ सीनियर स्टूडेंट्स की भी मदद होती है। 

इसके बाद आचार्य चाणक्य सेल्फ स्टडी self-study को सबसे ज्यादा ज़ोर देते थे। आचार्य का मानना था कि सीखने के सौ तरीके हो सकते हैं लेकिन सेल्फ स्टडी से बेहतर कुछ नहीं है। एक बार आचार्य चाणक्य अपने छात्रों को समझाते हैं कि एक छात्र होने के नाते ये तुम्हारा फर्ज़ है कि तुम ज्यादा से ज्यादा ज्ञान प्राप्त करो। सेल्फ स्टडी का महत्व importance of self study  समझाते हुए आचार्य कहते हैं कि ये वह समय है जो छात्र खुद को देता है ताकि वह बेहतर बन सके। आचार्य बताते हैं कि सिर्फ छात्र जीवन में नहीं बल्कि इसके बाद भी हर व्यक्ति को खुद के लिए समय निकालना चाहिए, जिसमें आप सेल्फ स्टडी करें। आज आचार्य चाणक्य की इस सीख का पालन दुनिया में करोड़ों लोग करते हैं। आचार्य बताते हैं कि खुद माता-पिता को भी ग्रंथ पढ़ना चाहिए और आपको ऐसा करते देख आपका बच्चा खुद सेल्फ स्टडी के महत्व को समझेगा और उसे ये बताने की भी आवश्यकता नहीं होगी कि सेल्फ स्टडी का क्या महत्व है। 

सेल्फ स्टडी के महत्व The importance of self-study 

  • इस समय आप सीखते हैं कि किसी विषय में आपको कितनी जानकारी है और आचार्य के समझाने के बाद आप उस विषय को कितना समझ पाएं हैं। 
  • सेल्फ स्टडी की मदद से आपको खुद ओरिजनल आइडियाज आते हैं और आपको किसी की भी नकल करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। 
  • जिन्हें सेल्फ स्टडी करना पसंद होता है उन्हें अकेले रहने से डर नहीं लगता है क्योंकि ऐसे लोग खुद की कंपनी को एंजॉय करना सीख जाते हैं। 

सेल्फ स्टडी करते वक्त किन बातों का ध्यान रखें 

1. अनुशासन Discipline 

आचार्य चाणक्य अपने छात्रों को यह सीख देते हैं कि सेल्फ स्टडी करने के लिए अनुशासन का होना बेहद ज़रूरी है। एक ही जगह पर ध्यान लगाकर घंटे बैठे रहना और किताबों को समय देना आसान नहीं है और अनुशासन के बिना ये संभव नहीं है। 

अगर आप सेल्फ स्टडी नहीं कर पा रहे हैं तो शुरुआत में आपको एक्सटर्नल डिसिप्लिन external discipline की ज़रूरत है लेकिन धीरे-धीरे सेल्फ स्टडी करना आपकी आदत बन जाएगी और आपका इंटरनल डिसिप्लिन internal discipline आपको मोटिवेट रखने के लिए काफी होगा। 

2. ईमानदारी Honesty

आप पूरी दुनिया को मूर्ख बना सकते हैं लेकिन खुद को मूर्ख नहीं बना सकते हैं। हर छात्र को पता होता है कि वह किस विषय का कितना ज्ञान रखता है और उसे कितनी मेहनत करने की ज़रूरत है इसीलिए अगर आप ईमानदारी से अपना काम करेंगे तो आपको सफलता मिलेगी। 

आपको अपने माता-पिता या आचार्य के सामने बस दिखावा करने के लिए किताबें नहीं खोलना है बल्कि पूरी ईमानदारी से हर विषय को उचित समय देना है और हर विषय का अध्धयन करना है। 

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3. टाइम मैनेजमेंट Time management 

कई बार छात्र किसी सरल या किसी कठिन विषय को दिन भर पढ़ते रह जाते हैं लेकिन सही मायने में एक सफल छात्र वह होता है जो हर विषय पर बराबर ध्यान देता है और हर विषय का ज्ञान रखता है। 

हर विषय को उचित समय देने के लिए टाइम मैनेजमेंट का होना बहुत ज़रूरी है। रोज़ प्लान करें कि आप हर विषय को कितना समय देंगे और उसी के अनुसार अपनी पढ़ाई शुरू करें। 

4. फोकस बना कर रखें Keep Focus

फोकस के बारे में समझाने के लिए आचार्य चाणक्य अर्जुन और मछली की आंख के उदाहरण का सहारा लेते हैं और बताते हैं कि पढ़ाई के दौरान सबसे ज़रूरी फोकस है। आचार्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति ने अपना फोकस खो दिया, उसने सब कुछ खो दिया। 

निष्कर्ष

ज्ञान को प्राप्त करने के कई तरीके हैं लेकिन आचार्य चाणक्य के अनुसार अपने आचार्य की बातों को ध्यान से सुनना, प्रश्न करना, और सेल्फ स्टडी ये तीनों ज्ञान प्राप्त करने के सबसे सर्वश्रेष्ठ तरीके हैं। सेल्फ स्टडी करते वक्त आपको टाइम मैनेजमेंट, अनुशासन, ईमानदारी और फोकस का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप भी जीवन में सफल होना चाहते हैं, एक सफल छात्र बनना चाहते हैं तो आपको चाणक्य के द्वारा बताए गए कुछ लाइफ लेसन्स को फॉलो करना होगा। इन लेसंस पर अमल करके आप एक बेहतर छात्र बन सकते हैं।