भारतीय नौसेना दिवस-अविस्मरणीय जीत का जश्न

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भारतीय नौसेना दिवस-अविस्मरणीय जीत का जश्न
03 Dec 2022
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हर भारतीय के लिए 4 दिसंबर का दिन बहुत ही खास होता है। क्योंकि इस दिन भारतीय नाैसेना दिवस है। नौसेना के लोगों की भूमिका, उपलब्धियों और कठिनाइयों को उजागर करने के लिए हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। भारत के लिए नौसेना का महत्व बहुत ही अधिक है। आपको बता दें कि भारत की समुद्री सीमा बहुत विशाल है और इसलिए इसकी सुरक्षा के साथ भारतीय नौसेना का महत्व और भी ज्यादा और संवेदनशील हो गया है। 4 दिसंबर को मनाया जाने नौसेना दिवस केवल एक ऐतिहासिक घटना की सालगिरह ही नहीं, बल्कि भारतीय नौसेना को सही परिपेक्ष्य में देखने का और नाैसेना के प्रति आभार प्रकट करने का दिन है। दरअसल नौसेना दिवस 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत हासिल करने वाली भारतीय नौसेना की शक्ति और बहादुरी को याद करते हुए मनाया जाता है। 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' 'Operation Trident' के तहत 4 दिसंबर, 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोल दिया था बस इसी ऑपरेशन की सफलता की वजह से 4 दिसंबर को हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है। भारतीय नौसेना के इस हमले में पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया गया था। तब से लेकर अब तक 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना की ताकत और बहादुरी की याद में भारतीय नौसेना दिवस Indian Navy Day मनाया जाता है।

भारतीय नौसेना दिवस पर हमारी पराक्रमी नौसेना का हर भारतीय नागरिक और Think With Niche की तरफ से आभार प्रकट करती हूँ। इसके साथ ही भारतीय नौसेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और देश की जल सीमाओं के सजग प्रहरी, अद्भुत साहस और देश के लिए समर्पित भारतीय नौसेना के वीर जवानों को कोटि कोटि नमन।

#IndianNavyDay

देश में 4 दिसंबर को नौसेना दिवस Indian Navy Day मनाया जाता है। क्‍योंकि इस दिन ही भारतीय नौसेना ने वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध India Pakistan war में पाकिस्तान को पूरी तरह से पस्‍त कर दिया था। नौसेना दिवस पर हर साल भारत और पाकिस्‍तान के बीच 1971 के युद्ध को याद किया जाता है और इसे भारतीय नौसेना की अविस्‍मरणीय जीत Unforgettable victory of Indian Navy के जश्‍न के रूप में मनाया जाता है। साथ ही इस दिन नौसेना के उन वीर योद्धाओं को भी याद किया जाता है, जिनकी बहादुरी और रण कौशल ने भारत की जीत सुनिश्चित की। भारतीय नौसेना देश की सैन्य ताकत Country's Military Strength का बहुत अहम हिस्सा है। यह देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा Defense Of Maritime Borders में अहम भूमिका निभाती है। भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में भी भारतीय नौसेना का अहम योगदान है। वर्तमान में भारतीय नौसेना अपने विशालकाय और एडवांस फीचर से लैस युद्धक पोतों, सबमरीन्स के बलबूते दुनिया भर में चौथे स्थान पर आती है। नौसेना दिवस के दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आइए जानते हैं नेवी डे के इतिहास के बारे में। 

4 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है नौसेना दिवस ?

भारत में नौसेना दिवस हर साल चार दिसंबर को मनाने के पीछे नौसेना की खास उपलब्धि है। दरअसल पाकिस्तानी सेना ने 3 दिसंबर को अपने लड़ाकू विमानों के जरिये हम पर हमला किया था। इस हमले के साथ भारत और पाकिस्‍तान के बीच 1971 का युद्ध प्रारंभ हो गया था। पाकिस्‍तान को 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' 'Operation Trident' के जरिये मुंहतोड़ जवाब देने की जिम्‍मेदारी भारतीय नौसेना को सौंपी गई थी। यह ऑपरेशन कराची बंदरगाह Karachi Port और वहां स्थित पाकिस्‍तान के नौसेना मुख्यालय को टारगेट करके शुरू किया गया था। उस युद्ध के घटनाक्रम में 4 दिसंबर की तारीख को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला कर उसे तबाह कर दिया था। इसकी सफलता की याद में इस दिन को मनाया जाता है। 

अभियान की शुरुआत में कराची स्थित पाकिस्‍तानी नौसेना के मुख्‍यालय को निशाना बनाया गया और कराची के तट पर मौजूद जहाजों के समूह पर भीषण हमला किया गया। इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल का इस्‍तेमाल किया गया था। भारतीय नौसेना ने अपने पराक्रम से पाकिस्‍तान के कई जहाजों को पानी में डुबो दिया। इस हमले में पाकिस्तान के कई जहाज नष्ट हो गए। इस दौरान पाकिस्तान के तेल टैंकर भी नष्ट कर दिए गए। इन टैंकरों के तबाह होने के बाद पाकिस्तान नौसेना की कमर टूट गई। तब से लेकर अब तक 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना की ताकत और बहादुरी की याद में भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है।

60 किमी दूर से देख सकते थे तेल टैंकरों में लगी आग को 

भारतीय नौसेना ने बड़ी ही समझदारी और अपने रणनीतिक कौशल से कराची के हार्बर फ्यूल स्‍टोरेज को तबाह कर दिया था। कराची बंदरगाह पर मौजूद तेल स्‍टोर करने वाले टैंकरों में लगी आग इतनी भीषण थी कि उसे 60 किमी दूर तक से देखा जा सकता था। कराची का तेल डिपो सात दिनों तक धूं-धूंकर जलता रहा था और यह आग कई दिनों तक धधकती रही थी। भारतीय नौसेना के इस हमले में पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया गया था।

नहीं मारा गया था कोई भारतीय 

4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस को ऑपरेशन ट्राइडेंट Operation Trident की सफलता की याद में मनाया जाता है जिसके तहत ही भारतीय नौसेना ने करांची बंदरगाह तहस नहस किया था। इस दिन भारतीय नौसेना पाकिस्तान के चार जहाजों को डुबो दिया था जिसमें उसका प्रमुख जहाज पीएनएस खैबर PNS Khaibar भी शामिल था। इस ऑपरेशन में सैंकड़ों पाकिस्तानी नौसैनिक मारे गए। इस हमले में कोई भारतीय नाविक नहीं मारा गया था। साल 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध India Pakistan war में पहली बार पाकिस्तानी जहाज पर एंटी-शिप मिसाइल से हमला किया गया था। ऑपरेशन ट्राइडेंट के ठीक तीन दिन बाद ऑपरेशन पायथन किया गया। हमले में फिर से कोई भारतीय नाविक नहीं मारा गया। भारतीय नौसेना का प्राथमिक उद्देश्य समुद्री सीमाओं की रक्षा करने के साथ-साथ आवश्यकता के समय सद्भावना यात्राओं और मानवीय मिशनों को पूरा करके देश के द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने में सहायता करना है। हर साल, नौसेना दिवस भारत के नौसैनिक बल की वीरता, उपलब्धि और उनके साहस की कहानी बयां करता है। 

भारतीय नौसेना का इतिहास History of Indian Navy

भारतीय नौसेना (Indian Navy) भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है। भारतीय नौसेना की स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी East India Company ने 1612 में की थी। ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए East India Company's Marine ईस्ट इंडिया कंपनी मरीन के रूप में सेना गठित की थी। जिसे बाद में रॉयल इंडियन नेवी का नाम दिया गया। भारत की स्वतंत्रता के बाद, नौसेना को वर्ष 1950 में फिर से गठित किया गया और इसका नाम बदल कर भारतीय नौसेना कर दिया गया।

भारतीय नौसेना का नेतृत्व नौसेना के कमांडर-इन-चीफ Commander-in-Chief of the Navy के रूप में भारत के राष्ट्रपति President of India द्वारा किया जाता है। 17वीं शताब्दी के मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी भोसले The Maratha Emperor, Chatrapati Shivaji Maharaj को भारतीय नौसेना का जनक Father of Indian navy माना जाता है। नौसैनिक अपनी स्किल का प्रदर्शन कर अपना शौर्य जाहिर करते हैं। पहले विश्व युद्ध के दौरान इंडियन मरीन ने अहम भूमिका निभाई। इसका इस्तेमाल गश्त के अलावा इराक, मिस्र और पूर्वी अफ्रीका में सैनिकों और साजो सामान के परिवहन के लिए किया गया। रॉयल इंडियन मरीन में कमीशन होने वाले पहले भारतीय सब लेफ्टिनेंट डी.एन.मुखर्जी D.N. Mukherjee थे। 

भारतीय नौसेना दिवस थीम Indian Navy Day Theme

हर साल भारतीय नौसेना दिवस मनाने के लिए एक अलग थीम प्रस्तावित की जाती है। भारतीय नौसेना दिवस 2022 की थीम "स्वर्णिम विजय वर्ष" (Swarnim Vijay Varsh) है जो 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत के 50 साल पूरे होने का प्रतीक है।

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 नौसेना दिवस समय समय पर बदलता रहा

भारत में नौसेना दिवस इससे पहले रॉयल नेवी के ट्रॉफैग्लर डे के साथ मनाया जाता था। 21 अक्टूबर 1944 को रॉयल इंडियन नेवी ने पहली बार नौसेना दिवस मनाया था। इसे मनाने का उद्देश्य आम लोगों में नौसेना के बारे में जागरूकता बढऩा था। 1945 से द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नौसेना दिवस 1 दिसंबर को मनाया जाने लगा था। इसके बाद 1972 तक नौसेना दिवस 15 दिसंबर को मनाया जाता रहा और 1972 से अब इसे हर साल 4 दिसंबर को ही मनाया जाता रहा है।

विशाखापटनम में दिखेगी नौसेना की ताकत

आपको विशाखापटनम Visakhapatnam में नौसेना की ताकत दिखेगी जहाँ जहाज-पनडुब्बियों और विमानों का बेजोड़ प्रदर्शन होगा। भारतीय नौसेना दिवस भारतीय नौसेना मिसाइल नौकाओं द्वारा कराची में 1971 के ऑपरेशन ट्राइडेंट की जीत को दर्शाने के लिए मनाया जाता है। इसीलिए भारतीय नौसेना की सफलता का जश्न मनाने के लिए पूरे देश में भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। ये दिन भारतीय नौसेना के पराक्रम का प्रतीक है। हर साल की तरह भारतीय नौसेना इस साल भी 4 दिसंबर को 'नौसेना दिवस' मनाने जा रही है। इस बार खास बात यह है कि इस बार का आयोजन विशाखापटनम में किया जाएगा और ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब नौसेना दिवस का मुख्य कार्यक्रम नई दिल्ली के बाहर कहीं आयोजित होगा। नौसेना दिवस इस समारोह में दुनिया की ताकतवर भारतीय नौसेना अपने युद्ध कौशल और क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन करेगी। 

भारतीय नौसेना दिवस 2022 का महत्व Significance of Indian Navy Day 

  • यह दिन भारतीय नौसेना के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण घटना का भी स्मरण कराता है और इसलिए यह उस उपलब्धि का जश्न भी मनाता है और नौसेना कर्मियों की बहादुरी और निस्वार्थ सेवा को सलाम करता है। 

  • ऑपरेशन ट्राइडेंट की जीत का सम्मान करने के लिए और हर साल नौसेना की सफलता का जश्न मनाने के लिए पूरे देश में भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। 

  • यह दिन, इस दिन के पीछे के ऐतिहासिक महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करता है जिससे लोग भारतीय नौसेना के गौरवशाली अतीत को याद कर सकें जो लोगों को देश के लिए गर्व और सम्मान के साथ महसूस करता है।

  • इन नौसेना कर्मियों द्वारा किए गए सभी योगदान और बलिदानों के कारण भारतीय नौसेना की विरासत का जश्न मनाना बहुत महत्वपूर्ण है और इसलिए उन्हें भुलाया नहीं जाना चाहिए और राष्ट्र के लिए उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए। इसलिए हमें किसी भी खतरे से सुरक्षित रखने के लिए उनका सम्मान करना चाहिए।

  • इस दिन लोग एक दूसरे को भारतीय नौसेना दिवस की शुभकामनाएं देते हैं, नौसेना को श्रद्धांजलि देते हुए और युद्ध में कर्मियों के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में जागरूकता पैदा करते हैं। 

  • भारतीय नौसेना के महत्व और जीत के बारे में बच्चों और भारत के नागरिकों को शिक्षित करना महत्वपूर्ण है। भारतीय नौसेना दिवस मनाना आम जनता में नौसेना के प्रति जागरूकता बढ़ाने के बारे में है। 

  • नेवल इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिकल टेक्नोलॉजी Naval Institute of Aeronautical Technology (एनआईएटी) गुड होप ओल्ड एज होम, फोर्ट कराची में 24 से 26 नवंबर तक एक सामुदायिक सेवा का आयोजन करता है, जहां छात्र खेलों और विभिन्न अन्य गतिविधियों के साथ नौसेना के कार्यक्रम में भाग लेते हैं। साथ ही नेवी बॉल, नेवी क्वीन और कई अन्य प्रतियोगिताएं भी नेवी फेस्टिवल में आयोजित की जाती हैं। 

  • भारतीय नौसेना भारतीय सशस्त्र बलों की नौसेना शाखा है और यह आज दुनिया की सबसे शक्तिशाली नौसेनाओं में से एक है। भारतीय नौसेना ने राष्ट्र के हितों को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

  • भारतीय नौसेना Indian Navy की देश की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने के साथ-साथ बंदरगाह यात्राओं, संयुक्त अभ्यास, मानवीय आपदा राहत आदि के माध्यम से भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका है।

  • भारतीय नौसेना की ताकत में 67,000 से अधिक सक्रिय कर्मी शामिल हैं, इस प्रकार यह सबसे बड़ी नौसेना में से एक है। हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी स्थिति सुधारने के लिए आधुनिक भारतीय नौसेना तेजी से नवीनीकरण के दौर से गुजर रही है।