नीति आयोग के 7 स्तंभ क्या हैं?

Share Us

18916
नीति आयोग के 7 स्तंभ क्या हैं?
17 Aug 2024
6 min read

Blog Post

भारत के विकास एवं परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय संस्थान, जिसे नीति आयोग (NITI Aayog) के नाम से भी जाना जाता है। इसे भारत सरकार (Indian government) के लिए थिंक टैंक (think tank) के रूप में बनाया गया है।

नीति आयोग केंद्र सरकार की नीति बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह आयोग राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करता है और भारत सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की प्रगति या विकास पर नज़र रखता है।

इस लेख में आज हम नीति आयोग के 7 स्तंभ 7 Pillars of NITI Aayog, योजनाओं, कार्यों और निति आयोग के द्वारा की गयी नयी पहलों पर चर्चा करेंगे। यूपीएससी प्रीलिम्स और मुख्य परीक्षा में इस पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं इसलिए नीति आयोग के बारे में विस्तार से जानकारी रखना बहुत आवश्यक है।

NITI Aayog क्या है? What is NITI Aayog? 

नीति आयोग (NITI Aayog) भारत सरकार का प्रमुख नीतिगत 'थिंक टैंक' (think tank) है, जो दिशात्मक और नीतिगत इनपुट प्रदान करता है। यह आयोग, भारत सरकार के लिए कार्यनीतिक और दीर्घकालिक नीतियों और कार्यक्रमों की योजना तैयार करने के साथ-साथ केंद्र और राज्यों को प्रासंगिक तकनीकी सलाह भी प्रदान करता है। 

नीति आयोग का इतिहास (Historical Background of NITI Aayog)

आपको बता दें कि नीति आयोग से पहले ‘योजना आयोग’ (Planning Commission) की शुरुआत मार्च 1950 में एक गैर-संवैधानिक निकाय के रूप में की गई थी। इस योजना आयोग का गठन पंचवर्षीय योजनाओं (five year plans) को तैयार करने और राज्यों और मंत्रालयों को धन के वितरण के कार्यों के लिए किया गया था।

इस आयोग के तहत प्रथम पंचवर्षीय योजना वर्ष 1951-56 के लिए तैयार की गई थी जबकि अंतिम पंचवर्षीय योजना वर्ष 2012-17 के लिए बनाई गई थी। योजना आयोग को वर्ष 2015 में भाजपा सरकार द्वारा नीति आयोग से बदल दिया गया था।

नीति आयोग (NITI Aayog) Full Form नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (National Institution for Transforming India) या निति आयोग स्वास्थ्य, शिक्षा और उनसे संबंधित विभिन्न नीतियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सरकार को सलाह देता है।  

नीति आयोग की संरचना (Composition of NITI Aayog)

  • नीति आयोग के अध्यक्ष (Chairperson)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (Chairperson of NITI Aayog – Prime Minister Narendra Modi)

  • नीति आयोग के उपाध्यक्ष (Vice-Chairperson)- सुमन के बेरी (Vice-Chairperson of NITI Aayog – Suman K Berry)

  • नीति आयोग के सीईओ (Chief Executive Officer) - बीवीआर सुब्रमण्यम  ( Niti Aayog CEO- BVR Subrahmanyam)

  • नीति आयोग के पूर्व आधिकारिक सदस्य - अधिकतम 4 

  • नीति आयोग के अंशकालिक सदस्य - अधिकतम 2 

इसके अलावा शासी परिषद जिसमें सभी मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के विधानमंडल शामिल हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों से संबंधित विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ सदस्य भी निति आयोग में शामिल हैं। 

Related: स्थायी व्यवसाय

नीति आयोग के उद्देश्य और कार्य (Objectives & Functions of NITI Aayog)

  • राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं की रणनीतियों का एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना।

  • सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं, इसको स्वीकार करते हुए राज्यों के साथ सतत आधार पर संरचनात्मक सहयोग की पहल और सहयोगपूर्ण संघवाद (cooperative federalism) को बढ़ावा देना।

  • ग्राम स्तर पर विश्वसनीय और विकास योजनाएं (development plans) तैयार करने के लिए प्रणाली विकसित करना और इन सभी को सरकार के उच्चतर स्तर तक पहुंचाना।

  • जो क्षेत्र विशेष रूप से आयोग को सौपे गए हैं उनकी आर्थिक रणनीति और नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को सम्मिलित करने को सुनिश्चित करना।

  • हमारे समाज के उन वर्गों पर विशेष रूप से ध्यान देना जिन तक आर्थिक प्रगति का लाभ नहीं पहुंच रहा या जो उचित प्रकार से लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं। 

  • रणनीतिक और दीर्घावधि के लिए नीति तथा कार्यक्रम का ढांचा तैयार करना और पहल करना तथा उनकी प्रगति और क्षमता को मॉनीटर करना।

  • महत्वपूर्ण पणधारियों तथा समान विचारधारा वाले राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक और साथ ही साथ शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थाओं के बीच परामर्श और भागीदारी को प्रोत्साहन देना।

  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, वृतिकों तथा अन्य भागीदारों के सहयोगात्मक समुदाय के माध्यम से ज्ञान, नवाचार, उद्यमशीलता की सहायक प्रणाली बनाना।

  • विकास के एजेंडे के कार्यान्वयन में तेजी लाने के क्रम में अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय मुद्दों के समाधान के लिए एक मंच प्रदान करना।

  • अत्याधुनिक संसाधन केन्द्र बनाना जो सुशासन तथा सतत् और न्यायसंगत विकास की सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली पर अनुसंधान करने के साथ-साथ स्टेकहोल्डर्स तक पहुंचाने में भी मदद करे।

  • आवश्यक संसाधनों की पहचान करने तथा कार्यक्रमों के कार्यान्वयन का सक्रिय मूल्यांकन और सक्रिय अनुवीक्षण  करना, ताकि सेवाएं प्रदान करने में सफलता की संभावनाओं को प्रबल बनाया जा सके।

  • कार्यक्रमों और नीतियों के क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण पर जोर देना।

  • राष्ट्रीय विकास के एजेंडा और उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अन्य आवश्यक गतिविधियों का उत्तरदायित्व लेना।

इसके अलावा भी कई कार्य नीति आयोग द्वारा किये जाते हैं जो सरकार को हर सम्भव मदद करने में अहम भूमिका निभाते हैं। 

नीति आयोग के 7 स्तंभ (7 Pillars of NITI Aayog)

  • प्रो-पीपल (Pro-People): 

नीति आयोग जन-समर्थक है क्योंकि यह समाज और व्यक्तियों दोनों की आकांक्षाओं को पूरा करता है। 

  • प्रो-एक्टिव (Pro-Active): 

नीति आयोग नागरिकों की जरूरतों का अनुमान लगाने और प्रतिक्रिया देने पर केंद्रित है। 

  • भागीदारी (Participation): 

नीति आयोग की भागीदारी में आम जनता की भागीदारी शामिल है। 

  • सशक्तिकरण (Empowering):

लोगों को विशेष रूप से महिलाओं को उनके जीवन के सभी पहलुओं में सशक्त बनाना। 

  • सभी का समावेश (Inclusion of All) : 

नीति आयोग जाति, पंथ या लिंग की परवाह किए बिना सभी लोगों को योजनाओं के लाभ में शामिल करना सुनिश्चित करता है।

  • समानता (Equity): 

नीति आयोग का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोगों को समान अवसर प्राप्त हो। 

  • पारदर्शिता (Transparency): 

सरकार को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाना पारदर्शिता के अंतर्गत आता है। 

नीति आयोग की प्रमुख योजनाएं (Important Schemes of NITI Aayog)

  • अटल इनोवेशन मिशन (AIM ):

दिसंबर 2017 में शुरू किया गया यह अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) की मदद से नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। 

  • लकी ग्राहक योजना और डिजी दान व्यापार योजना (Lucky Grahak and Digi-Dhan Vyapar Yojana):

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए लकी ग्राहक योजना और डिजी दान व्यापार योजना शुरू की गयी थी। 

  • न्यायिक प्रदर्शन सूचकांक (judicial performance index)

लंबित मामलों के मुद्दे में तेजी लाने के लिए न्यायिक प्रदर्शन सूचकांक को लाया गया था।  

  • मेंटर इंडिया अभियान ('mentor India' Abhiyan)

अटल टिंकरिंग लैब्स के लिए मेंटर्स को जोड़ने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए मेंटर इंडिया अभियान शुरू किया गया। 

  • वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन (Global Entrepreneurship Summit)

नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। 

  • महिला उद्यमिता कार्यक्रम (Women Entrepreneurship Program)

महिलाओं को सशक्त करने हेतु महिला उद्यमिता कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। 

Related: Digital Seva Portal- डिजिटल इंडिया की ओर एक मज़बूत क़दम

निति आयोग और योजना आयोग में प्रमुख अंतर  Major differences between NITI Aayog and Planning Commission

  • योजना आयोग एक असंवैधानिक निकाय था जबकि निति आयोग एक सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करता है। 

  • विभिन्न विषयों पर निर्णय लेने के लिए योजना आयोग की सीमित विशेषज्ञता थी जबकि नीति आयोग के पास व्यापक विशेषता है जो इसे विभिन्न विषयों पर बेहतर निर्णय लेने की अनुमति देती है। 

  • योजना आयोग ने नियोजन के लिए बॉटम-अप दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया जबकि नीति आयोग टॉप-डाउन दृष्टिकोण पर केंद्रित है। 

  • योजना आयोग ने राज्यों पर नीतियां लागू की थी जबकि नीति आयोग नीतियों को अनिवार्य रूप से लागू नहीं करता। 

  • योजना आयोग के पास राज्यों और मंत्रालयों को धन आवंटित करने की शक्ति थी जबकि नीति आयोग के पास धन आवंटित करने का अधिकार नहीं है। 

नीति आयोग से संबंधित चिंताएंँ और चुनौतियांँ Concerns and challenges related to NITI Aayog

  • नीति आयोग के पास राज्यों को विवेकाधीन धन देने का कोई अधिकार नहीं है, जो परिवर्तनकारी हस्तक्षेप करने के लिये इसे असमर्थ बना देता है। 

  • आपको बता दें कि निजी या सार्वजनिक निवेश को प्रभावित करने में नीति आयोग की कोई भूमिका नहीं है। 

  • यह केवल एक सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करता है जो सरकार को अपने विचारों की प्रवर्तनीयता सुनिश्चित किये बिना विभिन्न मुद्दों पर सलाह देता है। 

  • नीति आयोग को एक गौरवशाली सिफारिशी निकाय में बदल दिया गया है, जिसके पास सरकार के कार्यों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिये आवश्यक शक्ति का अभाव है। 

  • हाल के दिनों में संगठन का राजनीतिकरण हुआ है। 

नीति आयोग पृष्ठभूमि, नीति आयोग हब NITI Aayog Hubs

योजना आयोग को 1 जनवरी, 2015 को एक नए संस्थान नीति आयोग द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, जिसमें 'सहकारी संघवाद' की भावना को प्रतिध्वनित करते हुए अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार की परिकल्पना के लिये 'बॉटम-अप' दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया गया था। 

NITI आयोग (NITI Aayog) द्वारा संचालित एक गतिशील वेब पोर्टल इंडिया नॉलेज हब (IKH) देश भर से सर्वोत्तम प्रथाओं के भंडारण और प्रसार के लिए एक भंडार के रूप में कार्य करता है।

नीति आयोग के दो हब  Two hubs of Niti Aayog-

टीम इंडिया हब Team India Hub- जो राज्यों और केंद्र के बीच इंटरफेस का काम करता है। 

ज्ञान और नवोन्मेष हब Knowledge and Innovation Hub- नीति आयोग के थिंक-टैंक की भाँति कार्य करता है। 

टीम इंडिया हब राज्य से केंद्र सरकार के जुड़ाव का समन्वय करता है, जबकि नॉलेज एंड इनोवेशन हब NITI के थिंक टैंक कौशल को विकसित करता है।

नीति आयोग की उपलब्धियां और पहल Achievements and Initiatives of NITI Aayog

  • ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट 2017 - वीमेन फर्स्ट: प्रॉस्पेरिटी फॉर ऑल वूमेन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफॉर्म 

  • एक ग्राम भंडारण योजना अवधारणा तैयार की गई है

  • अत्याधुनिक तकनीकों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन और मेथनॉल अर्थव्यवस्था के उपयोग को बढ़ावा देना, दूसरों के बीच में।

  • नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI Aayog) एक सरकार है- समग्र मापदंडों के आधार पर, 117 आकांक्षी जिलों की पहचान की गई थी।

  • अटल इनोवेशन मिशन, जिसने भारत में अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की, ने पहले ही भारत के इनोवेशन इकोसिस्टम को बेहतर ना में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

  • आधुनिक तकनीकों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन और मेथनॉल अर्थव्यवस्था के उपयोग को बढ़ावा देना।

नीति आयोग का मूल दर्शन - सहकारी संघवाद Cooperative Federalism

सहकारी संघवाद का अर्थ है कि भारत में संघवाद की भावना को सहकारी माध्यम से बढ़ावा दिया जाए। यानि इस व्यवस्था के तहत भारतीय संघवाद को मजबूत करने के लिए केंद्र और विभिन्न राज्य आपस में मिलकर कार्य करेंगे।

नीति आयोग को प्रदान किए गए विभिन्न अधिदेशों में से ‘सहकारी संघवाद’ (Cooperative Federalism) को बढ़ावा देना भी एक महत्वपूर्ण अधिदेश (Mandate) है। सहकारी संघवाद के सिद्धांत का मौलिक दर्शन यह होता है कि सशक्त राज्यों के निर्माण के द्वारा ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव किया जा सकता है।

दरअसल योजना आयोग के अस्तित्व के दौरान भारत में विकास संबंधित नीतियाँ केंद्र के द्वारा बनाई जाती थी और उनका क्रियान्वयन राज्यों के सहयोग के द्वारा किया जाता था। मतलब नीतियाँ बनाते समय राज्यों की प्रभावी भूमिका नहीं होती थी।

ऐसे में, केंद्र द्वारा निर्मित नीतियों में सभी राज्यों की समस्याओं के समाधान का दृष्टिकोण शामिल नहीं हो पाता था। इसलिए इस समस्या का समाधान करने के लिए योजना आयोग को समाप्त करके नीति आयोग का गठन किया गया है तथा इस संस्था में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है।

केंद्र के साथ साथ राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी सुनिश्चित करने से संबंधित इस व्यवस्था को ही सहकारी संघवाद कहा जाता है।

सहकारी संघवाद के सिद्धांत के तहत राष्ट्रीय विकास की योजनाएँ निर्मित करते समय तथा उससे संबंधित रणनीतियाँ बनाते समय, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की ‘अग्रसक्रिय भागीदारी’ (Proactive Partnership) को सुनिश्चित किया जाता है। इस सिद्धांत के अंतर्गत न सिर्फ केंद्र और राज्य के आपसी संबंधों को, बल्कि राज्यों और राज्यों के आपसी संबंधों को भी मजबूत करने की ओर बल दिया जाता है। 

प्रतिस्पर्धी संघवाद Competitive Federalism

अब तो सहकारी संघवाद के साथ ही ‘प्रतिस्पर्धी संघवाद’ (Competitive Federalism) की बात की जाने लगी है। प्रतिस्पर्धी संघवाद, सहकारी संघवाद से इस अर्थ में अलग होता है कि ‘सहकारी संघवाद’ के तहत राज्यों और राज्यों तथा केंद्र और राज्यों के बीच आपसी सहयोग के माध्यम से आगे बढ़ने की बात की जाती है। वहीं ‘प्रतिस्पर्धी संघवाद’ के अंतर्गत विभिन्न राज्यों के मध्य सकारात्मक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाता है जिससे विभिन्न राज्य एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ कर सकें। 

नीति के सूचकांक Policy Indexes 

एसडीजी इंडिया इंडेक्स (SDG India Index)

समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (Composite Water Management Index)

समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (Composite Water Management Index)

स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक (School Education Quality Index)

स्वास्थ्य सूचकांक 2019 (स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत )

समग्र स्वास्थ्य सूचकांक (Composite Health Index)

जिला अस्पताल सूचकांक (District Hospital Index)

डिजिटल परिवर्तन सूचकांक (Digital Transformation

भारत नवाचार सूचकांक 

नीति आयोग की अब तक की सफलता NITI Aayog's success so far

नीति आयोग की अब तक की सफलता की बात करें तो इससे योजना प्रक्रिया में राज्यों की भागीदारी बढ़ी है। नीति आयोग देश के विकास में योगदान करने के लिए सबसे आगे रहा है। जैसे हम बात कर सकते हैं - डिजिटल भुगतान के लिए रोडमैप की, आकांक्षी जिला कार्यक्रम, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के कार्यान्वयन की निगरानी आदि।

यह राज्यों के बीच सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना को बढ़ावा दे रहा है। उदाहरण- विभिन्न विकास मानकों पर रैंकिंग जारी करना। अटल इनोवेशन मिशन ने भारत में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने में सराहनीय कार्य किया है। 

हमारे देश को जिस परिवर्तन की आवश्यकता है वह है – एक ऐसे संस्थान की स्थापना करना जो सरकार के लिए थिंक टैंक का काम करे – डायरैक्शनल और पोलिसी डायनेमो। नीति आयोग इसी लक्ष्य को पूरा करता है।

यह नीति के प्रमुख तत्वों के संबंध में केंद्रीय और राज्यों सरकारों को संबंधित नीतिगत और तकनीकी सलाह देगा। इसने आर्थिक मोर्चे से संबंधित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मामले, अपने देश में और अन्य देशों में सर्वोत्तम पद्धतियों का प्रसार करना, विभिन्न मुद्दों पर आधारित नए नीतिगत विचारों और विशिष्ट जानकारियों को समाहित करना शामिल है।