क्या ज़्यादा रिस्क से मिलेगा व्यवसाय में ज़्यादा फ़ायदा

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क्या ज़्यादा रिस्क से मिलेगा व्यवसाय में ज़्यादा फ़ायदा
15 Dec 2021
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व्यवसाय में जोखिम उठाना सफ़लता की गारंटी नहीं होती है। परन्तु किसी भी व्यवसाय में कठिन फ़ैसले लेने के लिए व्यक्ति को हमेशा सज्ज रहना चाहिए। यदि उचित नीतियों तथा योजनाओं से व्यवसाय किया जाय तो शायद हमें जोखिम लेने की नौबत ही ना आए। इसलिए अपनी रूपरेखा को दृढ़ रखें। साथ ही उतार-चढ़ाव तो ज़िंदगी का अटूट हिस्सा है, तो फ़िर वह व्यवसाय में क्यों नहीं दिखेगा।

व्यवसाय करने की इच्छा सब रखते हैं परन्तु इसको शुरू करने की हिम्मत सब नहीं जुटा पाते। कारण, सफ़ल ना होने का डर। यह डर सबके मन में सदैव उपस्थित रहता है। यह आवश्यक नहीं कि यह भय केवल उनके मन में ही हो जो स्टार्ट अप को शुरू करना चाहते हैं, यह डर तो उनके मन में भी उपस्थित रहता है जो एक सफ़ल व्यवसायी या सफ़ल उद्यमी होते हैं। व्यवसाय का पटरी पर से उतर जाना, उसमें घाटा होने लगना तथा बाज़ार में अंक तालिका में नीचे आने का ख़तरा, प्रत्येक व्यवसायी को सदैव बना रहता है। इसीलिए हर कोई इसी प्रयास में रहता है कि वह अपने व्यापार को रिस्क से बचा सके। इसी कारण कोई भी उद्यमी ऐसी योजनाओं पर ही अमल करता है जो उसे सफ़लता की सीढ़ियों पर और ऊपर चढ़ने की क्षमता दें। परन्तु इसके साथ-साथ लोगों का यह भी मानना है कि यदि व्यवसाय को सफ़ल बनाना है तो इंसान को जोखिम उठाना ही पड़ेगा। अर्थात बिना रिस्क लिए व्यवसाय को सफ़ल नहीं बनाया जा सकता है। यह तथ्य कितने प्रतिशत तक सत्य होता है? क्या वास्तव में यदि जोखिम ना उठाया जाय तो किसी बिज़नेस को स्थायी नहीं बनाया जा सकता है?

इस बात से हम इनकार नहीं कर सकते हैं कि व्यापार में जोखिम उठाना कोई नई बात है। कई ऐसे व्यवसायी रहे हैं जिन्होंने अपने व्यवसाय में खतरा danger in business मोल लिया तथा अपने जीवन की कमाई हुई संपत्ति तक को भी दांव पर लगाकर आजीविका का विस्तार करने का प्रयत्न किया। कई बार इस प्रयास में वे सफ़ल हुए तथा कई बार असफ़ल भी हुए। नतीजन उन्हें कई बार अपना सब कुछ गंवाना पड़ा।

यही कारण है कि अक्सर लोग व्यवसाय में जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। परन्तु किसी भय की वजह से अपने कार्य को विस्तारित नहीं करना उचित नहीं होता है। ध्यान रहे कि सफ़लता की मंजिल आसान तथा कठिन दोनों रास्तों से होकर गुजरती हैं। इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि आपके उठाए गए कदम से अधिक फ़ायदा होने की आशंका है या अधिक नुकसान। तत्पश्चात अपनी योजना को इतना अधिक दृढ़ रखें और बैकप में भी एक योजना को तैयार रखें।  इस प्रकार से यदि हम व्यवसाय में जोखिम लेते हैं तो नुकसान की स्थिति में भी हम अपने व्यवसाय को संभाल सकेंगे।

यह भी आवश्यक नहीं कि व्यवसाय में सफ़लता केवल कठिन फ़ैसलों से ही मिले। कई बार हम अनावश्यक जोखिम भरे फ़ैसले ले लेते हैं जो हमारे व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण नहीं होते। यदि नुकसान ना होना हो तब भी हमें नुकसान झेलना पड़ता है। याद रहे कुछ व्यवसाय स्थल तरीके से चलाने पर अधिक फलयुक्त होते हैं। 

व्यवसाय में जोखिम उठाना सफ़लता की गारंटी नहीं होती है। परन्तु किसी भी व्यवसाय में कठिन फ़ैसले लेने के लिए व्यक्ति को हमेशा सज्ज रहना चाहिए। यदि उचित नीतियों तथा योजनाओं से व्यवसाय किया जाय तो शायद हमें जोखिम लेने की नौबत ही ना आए। इसलिए अपनी रूपरेखा को दृढ़ रखें। साथ ही उतार-चढ़ाव तो ज़िंदगी का अटूट हिस्सा है, तो फ़िर वह व्यवसाय में क्यों नहीं दिखेगा।