QUICK HEAL के सीईओ की सफलता की कहानी

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QUICK HEAL के सीईओ की सफलता की कहानी
11 Dec 2021
9 min read

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कंप्यूटर आज लोगों के जीवन का एक जरुरी हिस्सा बन चुका है। कंप्यूटर आने के बाद लोगों के जीवन में इतना बदलाव आया है कि आज बिना कंप्यूटर के लोग अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। यह एक ऐसा उपकरण है जिसका इस्तेमाल करके बड़े से बड़ा काम कम बहुत ही कम समय में किया जा सकता है। आज विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जो तरक्की हो रही है वो भी कंप्यूटर की ही देन है। कंप्यूटर में इंटरनेट का उपयोग करके जैसी चाहे वैसी जानकारी कुछ ही सेकंड में प्राप्त की जा सकती हैं। कंप्यूटर के क्षेत्र में अनेकों अविष्कार हो रहे हैं। ऐसे ही एक शख़्स हैं Quick Heal क्विक हील के चेयरमैन और सीईओ Kailash Katkar कैलाश काटकर जिन्होंने एक एंटीवायरस बना डाला और उसका नाम रखा Quick Heal क्विक हील।

आज कंप्यूटर हर आदमी की जरुरत बन चुका है। कंप्यूटर के बिना आधुनिकता उतनी ही अधूरी है जितना दिमाग के बिना शरीर। हर क्षेत्र में कंप्यूटर जरूरी है। कंप्यूटर विभिन्न कार्यों को तेज़ी से और अधिक सटीक रूप से करता है। सबसे बड़ी बात कम्प्यूटर बेहद ही कम समय में गणना करके तथ्यों को अपनी स्क्रीन पर दिखा देता है। कंप्यूटर के कारण आए दिन नए-नए आविष्कार हो रहे हैं और दुनिया तरक्की की ओर बढ़ रही है। कंप्यूटर का उपयोग करके बड़े से बड़ा काम हम कुछ ही क्षणो में कर सकते हैं। आज हर कोई कंप्यूटर सीखना चाहता है फिर चाहे वह एक बच्चा हो या बड़ा। ऐसे ही एक इंसान हैं जिनका नाम है Kailash Katkar कैलाश काटकर। कैलाश काटकर ने पहले मोबाइल और कंप्यूटर की ट्रेनिंग ली। धीरे-धीरे वह मोबाइल और कंप्यूटर के बारे में काफी कुछ जान और समझ चुके थे। तभी उनके दिमाग में एक एंटीवायरस antivirus  बनाने का आईडिया आया और फिर उन्होंने बना डाला एक एंटीवायरस, जिसका नाम उन्होंने 'Quick Heal' रखा। चलिए जानते हैं कौन हैं Kailash Katkar और क्या है Antivirus Quick Heal । 

कौन हैं कैलाश काटकर

कैलाश काटकर जो कभी दुकान में कैलकुलेटर रिपेयर का काम करते थे। आज क्विकहील के एमडी MD Managing  Director  व सीईओ ceo हैं। स्कूल ड्रॉपआउट कैलाश आखिर इस मुकाम तक कैसे पहुंचे। दरअसल कैलाश काटकर ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाए। वह 10वीं की पढ़ाई करने के बाद काम करने लग गए थे। उन्होंने रिपेयरिंग शॉप repair shop से अपने करियर की शुरुआत की थी। रिपेयरिंग शॉप में वह कैलकुलेटर और रेडियो रिपेयर करते थे। दरअसल ये सब चीज़ें कैलाश ने अपने पिता से सीखी। उनके पिताजी Philips कंपनी में काम करते थे। रिपेयरिंग से उनकी कमाई थोड़ी बहुत अच्छी होने लगी। इस तरह वह धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे। फिर उन्होंने खुद की दुकान खोली और फिर सॉफ्टवेयर Software  Market में उतर गए। फिर अपना पहला प्रॉडक्ट product क्विकहील एंटीवायरस लॉन्च कर दिया। 

क्या है Quick Heal क्विक हील 

Quick Heal इंडिया India  का सबसे पसंदीदा कंप्यूटर एंटीवायरस computer antivirus है। वैसे कोई सोच भी नहीं सकता कि छोटी सी दुकान से कोई इतनी बड़ी कंपनी खड़ी कर सकता है। कुछ समय उन्होंने मोबाइल और कंप्यूटर की ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के समय वह मोबाइल और कंप्यूटर के बारे में बहुत कुछ जान चुके थे। फिर अपनी दूकान खोलने के बाद जब उनका बिज़नेस अच्छा चल रहा था तो उन्होंने बिजनेस को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा। बस यही वह समय था जब उन्होंने एंटीवायरस बनाने के बारे में सोचा। दरअसल कैलाश ने देखा कि रिपेयरिंग के लिए आने वाली अधिकांश मशीनें वायरस से इन्फेक्टेड होती थीं। यह देखकर कैलाश ने अपने भाई संजय के साथ मिलकर एंटीवायरस प्रोग्राम antivirus program पर काम करना शुरू कर दिया। फिर क्या था उन्होंने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर एंटीवायरस बना डाला जिसका नाम 'Quick Heal' रखा गया। सिर्फ इंडिया ही नहीं विदेशों में भी इसे काफी पसंद किया जा रहा है।

दसवीं की पढ़ाई के बाद खोली अपनी दुकान

कैलाश काटकर, ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाए। वह सिर्फ दसवीं कक्षा तक ही पढ़े हैं। दसवीं की पढ़ाई के बाद कैलाश स्क्रीन प्रिंटिंग Screen Printing, रेडियो रिपेयरिंग Radio Repairing, आदि काम करते थे। इससे उनकी थोड़ा बहुत कमाई हो जाती थी। इस टेक्निकल काम को करते करते उन्हें technology के क्षेत्र में काफी जानकारी हो गयी थी। कैलाश ने अपनी भाई की पढ़ाई में भी मदद की। उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। अपने परिवार की आर्थिक रूप से भी उन्होंने मदद की। क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उनका भाई भी उनकी तरह पढ़ाई छोड़ दे। उन्होंने भाई संजय को कंप्यूटर्स की पढ़ाई करवाई। इसके लिए उन्होंने पुणे में अपनी ख़ुद की कैलकुलेटर रिपेयर शॉप Calculator Repair Shop खोली। उन्होंने इस दुकान में अन्य मशीनों की रिपेयरिंग भी शुरू कर दी।

सॉफ्टवेयर मार्केट में रखा कदम 

कैलाश ने पहली बार कंप्यूटर computer बैंक में देखा था। बैंक में वह कैलकुलेटर रिपेयर करने के लिए जाते थे। इसके बाद उन्होंने भी एक कंप्यूटर ख़रीदा। क्योंकि वह समझ गए थे कि कंप्यूटर में ही उनका भविष्य छुपा हुआ है। वह कंप्यूटर का प्रयोग बिलिंग billing के लिए करते थे। उस समय सॉफ्टवेयर शब्द मार्केट में तेजी से चल रहा था इसलिए उन्होंने रिपेयरिंग के साथ साथ CAT Common Admission Test कंप्यूटर सर्विसेज को भी शुरू कर दिया। यह कंपनी कंप्यूटर मेंटीनेंस सर्विसेज computer maintenance services करती थी। यही वह समय था जब कैलाश ने देखा कि ज्यादातर मशीनें वायरस से इन्फेक्टेड infected हैं। इसके बाद कैलाश के भाई संजय ने इन्फेक्टेड मशीनों को फिक्स करने वाला प्रोग्राम बना दिया। दोनों भाइयों ने मिलकर प्रॉडक्ट क्विकहील एंटीवायरस फॉर DOS लॉन्च कर दिया। इसके बाद उन्होंने हार्डवेयर रिपेयरिंग को बंद करके एंटी वायरस सॉल्युशन पर काम करना शुरू कर दिया। एक बार 1999 में इनको बिज़नेस बंद करना पड़ा। लेकिन एक बार फिर से शुरुआत करके अपना पूरा ध्यान मार्केटिंग पर दिया। 2002 से क्विकहील कंपनी सिर्फ पुणे में ही नहीं बल्कि दूसरे बड़े शहरों में भी विस्तार करने लगी। आज क्विकहील टेक्नोलॉजीज लिमिटेड कंपनी Quickheal Technologies Limited Company रिटेल और एंटरप्राइज Retail and Enterprise दोनों सेगमेंट के  प्रॉडक्ट उपलब्ध कराती है। आज कंपनी ग्लोबल ब्रांड नेम global brand name बन गई है।