इस तरह नेस्ले ने बदली जापानी संस्कृति

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इस तरह नेस्ले ने बदली जापानी संस्कृति
07 Jan 2022
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आज नेस्ले दुनियाभर में एक लोकप्रिय और एक सफल कॉफी ब्रांड है। लेकिन इसकी सफलता के पीछे कंपनी की उत्कृष्ट मार्केटिंग रणनीति शामिल है। नेस्ले ने अपने कॉफी के स्वाद‌ से लोगों को अपना दीवाना बना दिया। लेकिन नेस्ले के लिए जापान में अपने ब्रांड को प्रसिद्ध और सफल बनाना आसान नहीं था क्योंकि जापान के लोग चाय पीना अधिक पसंद करते थे और यह उनकी संस्कृति बन गई थी। इसके लिए नेस्ले ने एक स्मार्ट रणनीति को अपनाया और ‌नेस्कैफे को जापान में सफल बनाया।

जब कभी मन में कॉफी coffee पीने का ख्याल आता है तो हम सभी के मन में सबसे पहले नेसकैफे Nescafe का नाम आता  है जो वास्तव में नेस्ले Nestle का ही एक कॉफी ब्रांड है। आपने भी इसके बारे में जरूर सुना होगा और इसका लुत्फ भी उठाया होगा। और ऐसा हो भी क्यों ना, नेस्ले है ही इतना लोकप्रिय ब्रांड। यह दुनिया के अनेक देशों में एक पसंदीदा और सफल ब्रांड के रूप में सामने आता है। वास्तव में, नेस्ले को यह सफलता रातों-रात नहीं मिली है। इसके लिए कंपनी ने अनेक सफल रणनीतियों को अपनाया‌ और दुनियाभर में अपने ब्रांड को विकसित किया है। हालांकि कंपनी को सफल बनाने में अनेक चुनौतियां सामने आईं लेकिन नेस्ले के लिए सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण था अपने नेस्ले कॉफी ब्रांड को जापान में विस्तृत करना और लोकप्रिय बनाना। ऐसा इसलिए है क्योंकि जापान एक ऐसा देश हुआ करता था जहां के लोग चाय पीना पसंद करते थे।‌ लेकिन क्या आपको पता है नेस्ले ने जापान Japan के इस कल्चर culture को कैसे बदला और लोगों को कॉफी पीने पर मजबूर कर दिया। तो आइए जानते हैं।

इस‌‌ तरह हुई नेस्कैफे की शुरुआत

असल में, इस प्रसिद्ध कॉफी ब्रांड की शुरुआत 1930 के दशकों में हुई जब ब्राजील में भारी मात्रा में कॉफी का उत्पादन किया जाता था। ऐसे में ब्राजील के बैंकरों के एक समूह ने नेस्ले से कॉफी की खपत बढ़ाने और ब्राजील में कॉफी उत्पादन coffee production के भारी अधिशेष enormous surplus को कम करने का तरीका खोजने में मदद करने के लिए कहा। 1920 के दशकों के अंत में कॉफी की कीमतें चरम पर थीं और कॉफी कभी-कभी मात्र एक इंधन की तरह प्रयोग की जाती थी। ब्राजील में कॉफी के भारी अधिशेष के कारण कॉफी की खपत को बढ़ाना जरूरी हो गया था। उस समय कॉफी इतनी आसानी से सेवन के लिए उपलब्ध नहीं थी इसलिए ब्राजील के बैंकर चाहते थे कि एक ऐसी लोकप्रिय कॉफी विकसित की जाए जिसका सेवन अधिक से अधिक किया जाए।  इसके बाद 7 साल के सफल विकास के बाद केमिस्ट डॉ मैक्स मोर्गेंथेलर  chemist Dr. Max Morgenthaler ने नेसकैफे Nescafe की खोज की और इसे दुनिया के सामने पेश किया। इसके बाद द्वितीय विश्वयुद्ध second World War के दौरान नेस्कैफे अमेरिकी सशस्त्र बलों US Armed Forces का सबसे महत्त्वपूर्ण पेय बन गया और तभी से इसकी लोकप्रियता में काफी वृद्धि हुई। जैसे जैसे समय बदला, वैसे-वैसे इसके स्वाद में भी काफी बदलाव आया। हर किसी की पसंद अलग होती है जिसके चलते नेस्कैफे ने दुनिया भर में अलग-अलग स्वाद और पसंद के हिसाब से अलग-अलग वैरायटी ईजात की । पीढ़ी दर पीढ़ी नेस्कैफे की लोकप्रियता बढ़ती चली गई और वह एक सफल ब्रांड बन गया लेकिन नेस्कैफे के लिए जापान को टार्गेट करना टेढ़ी खीर था।

जापान में अपनाई यह स्मार्ट रणनीति

नेस्ले Nestle ने जापान को कुछ इस तरह से कॉफी का आदी बना दिया। 1970 के दशकों में, नेस्ले ने जापान में कॉफी बेचना शुरू किया लेकिन वह पूरी तरह से असफल हो गए। इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि जापान की संस्कृति Japanese culture में लोग चाय पीना अधिक पसंद करते थे और इसीलिए वहां के लोग कॉफी के स्वाद से खुद को जोड़ नहीं पा रहे थे। इसके बाद नेस्ले ने कुछ ऐसी रणनीति को अपनाया जिसने जापान की पूरी संस्कृति को बदल कर रख दिया। असल में, नेस्ले ने जापान में कॉफी फ्लेवर के कैंडी लॉन्च की जिससे जापान के लोगों को बचपन से ही कॉफी के स्वाद की आदत लग गई। परिणामस्वरूप, कॉफी उनकी संस्कृति का एक हिस्सा बन गई और इसके बाद धीरे-धीरे कॉफी जापान में भी लोकप्रिय हो गई। इस तरह नेस्ले ने नेस्कैफे का जापान में विस्तार किया। मौजूदा समय में, जापान करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए खर्च करता है। इसके साथ-साथ नेस्ले आज जापान की सबसे बड़ी कॉफी कंपनी है।