"National Doctors day" डॉक्टर्स के सम्मान का दिन

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"National Doctors day" डॉक्टर्स के सम्मान का दिन
01 Jul 2022
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हर वर्ष देश भर में 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे National Doctors day मनाया जाता है। यह दिन पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय Dr. Bidhan Chandra Rai की जयंती और पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। बिधान चंद्र रॉय की गिनती देश के महान चिकित्सकों में की जाती है। पूरी दुनिया में डॉक्टर्स को बहुत सम्मान दिया जाता है, जिसमें भारत में तो उन्हें पूजा जाता है। वैसे तो हम सब जानते हैं कि जीवन मृत्यु इन्सान के हाथ में नहीं होती है लेकिन भगवान ने इन्सान को डॉक्टर बनाकर उसे भी जीवन देने का हक दिया है। यही वजह है कि हम डॉक्टर्स को जीवनदाता भी कहते हैं। देखा जाये तो आज चिकित्सा के क्षेत्र में काफी प्रगति हो गयी है। आज टेक्नोलॉजी इतनी बढ़ गयी है कि डॉक्टर्स बड़ी से बड़ी बीमारी को विज्ञान के चमत्कारों #wonders of science की मदद से आसानी से ठीक कर देते हैं। डॉक्टर्स समाज और देश की सेवा में अपनी जान की चिंता किए बगैर दिन रात लगे रहते हैं। उनके लिए साल का एक दिन तो समर्पित होना ही चाहिए। डॉक्टर के समर्पण Doctor's dedication , कार्य के प्रति, निष्ठा, ईमानदारी, लगन को सम्मान देने के लिए और उन्हें सलाम करने के लिए यह जश्न मनाया जाता है। इस दिन के बारे में पूरी जानकारी एवं इसका इतिहास क्या है यह जानने के लिए आप इस लेख को पढ़ सकते हैं। 

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हम सब जानते हैं कि डॉक्टर की भूमिका हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है। जब हमें कोई भी परेशानी होती है तो हम सीधे डॉक्टर के पास भागते हैं इस उम्मीद में कि डॉक्टर हमें बिल्कुल ठीक कर देगा और ऐसा होता भी है। शायद यही वजह है कि डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। क्योंकि डॉक्टर हमें जीवनदान देता है। हम यदि शरीर से किसी भी रूप से परेशान होते हैं तो डॉक्टर ही होता है जो हमें नया जीवन देता है। डॉक्टर कई गंभीर और खतरनाक बीमारियों से हमें बचाते हैं। यानि डॉक्टर हमें कई बार मृत्यु से भी बचाता है। इसलिए डॉक्टर को दूसरा जन्मदाता भी कहा जाता है। इस बात को हम सबने कोरोना महामारी Corona Pandemic में भलीभांति देखा है। यह दिन उन डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों Doctors and Health Workers को समर्पित है जो अपनी जान की परवाह किये बिना नित्य मरीजों की सेवा करते है। इस बार कोरोना काल में तो डॉक्टर्स की महत्वता को हर किसी ने जाना और पहचाना है। पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे डॉक्टर्स ने दिन-रात काम करके मरीजों की जान बचाई। डॉक्टर्स के सम्मान में ही हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस National Doctors day मनाया जाता है। तो चलिए आज इस आर्टिकल में इस दिन के बारे में विस्तार से जानते हैं कि क्यों मनाया जाता है यह दिन और इस दिन का क्या महत्व है।

1 जुलाई को क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस National Doctors day?

ये तो हम सब जानते हैं कि भारत में प्राचीन काल से ही वैद्य परंपरा रही है। जैसे- चरक, धनवन्तरि, जीवक, सुश्रुत Charaka, Dhanvantari, Jivaka, Sushruta आदि। इन सबके द्वारा भी लोगों ने स्वस्थ रहना सीखा। इसके साथ ही कई डॉक्टर ऐसे हुए हैं जिनके कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्हीं में से एक थे बिधान चंद्र रॉय Bidhan Chandra Roy और हर साल भारत में डॉक्टर बिधान चंद्र राय के जन्मदिन के रूप में 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। इस दिन को उनकी याद के तौर पर भी मनाया जाता है। बिधान चंद्र राय एक महान चिकित्सक Great doctor के अलावा पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री Second Chief Minister of West Bengal भी रह चुके हैं। साल 1991 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाने की शुरुआत की थी। यह खास दिन समाज में डॉक्टरों के महत्वपूर्ण योगदान Important contributions of doctors को याद करने के लिए मनाया जाता है। भारत देश में डॉक्टर को इंसान के रूप में भगवान की तरह देखा जाता है। डॉक्टर्स डे देश के डॉक्टरों के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है। 

इस दिन को मनाने का महत्व Importance of celebrating this day

डॉक्टर बिधान चंद्र राय Dr. Bidhan Chandra Rai का जन्मदिन और पुण्यतिथि birthday and death anniversary दोनों ही 1 जुलाई को होती है। इसलिए उनके सम्मान में ये दिन नेशनल डॉक्टर्स डे National Doctors day यानी राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाने के पीछे के महत्व की बात करें, तो इस दिन डॉक्टर्स के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। लोगों को बताया जाता है कि डॉक्टरों का सम्मान करें और उनके साथ अच्छी तरह पेश आयें। क्योंकि डॉक्टर ही लोगों को छोटी ही नहीं कई गंभीर और खतरनाक बीमारियों से भी बचाते हैं। कोई दुर्घटना होने पर या फिर किसी गंभीर बीमारी की चपेट में आने पर ऐसे मुश्किल भरे वक्त में डॉक्टर ही उन्हें ठीक करते हैं और एक नई जिंदगी देने का काम करते हैं। इसके साथ ही हमारे जीवन में डॉक्टर्स का क्या योगदान है इस बात को भी लोगों को बताया जाता है। 

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कौन थे बिधान चंद्र रॉय?

बिधान चंद्र रॉय का समाज के प्रति योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता। वो जो भी कमाते थे, सब कुछ दान कर देते थे। आज भी वो डॉक्टरी पेशे में आने वाले लोगों के लिए एक आदर्श के तौर पर हैं। डॉ बिधानचंद्र रॉय का जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार Bihar के पटना Patna शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रकाश चंद्र Prakash Chandra था। बिधान चंद्र रॉय अपने पांच भाई बहनों में सबसे छोटे थे। वे अपने विद्यार्थी जीवन में बहुत ही मेधावी छात्र थे और यही वजह है कि उन्होंने अन्य छात्रों के मुकाबले अपनी शिक्षा जल्दी पूरी कर ली। बिधानचंद्र रॉय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भारत में पूरी की। उन्होंने अपनी मेडिकल की पढ़ाई कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज Presidency College of Kolkata से पूरी की। इसके बाद उन्होंने लंदन London से FRCS और MRCP उपाधि प्राप्त की। डॉक्टर रॉय इतने प्रखर बुद्धि के थे कि दो साल में ही उन्होंने एक साथ फिजिशियन और सर्जन की डिग्री Physician and surgeon degree हासिल कर ली। इसके बाद 1911 में भारत वापस आये और सियालदाह में सरकारी डॉक्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। 

बिधान चंद्र रॉय की गिनती देश के महान चिकित्सकों में की जाती है। विश्वभर में चिकित्सा के क्षेत्र में उनका अहम योगदान रहा है। उनकी उपलब्धियों की बात करें तो साल 1961 में डॉ. बिधान चंद्र रॉय को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” The country's highest civilian award "Bharat Ratna" से सम्मानित किया गया। विधानचंद्र रॉय डॉक्टर के साथ-साथ समाजसेवी, आंदोलनकारी और राजनेता भी थे। 

बिधान चंद्र रॉय को पश्चिम बंगाल का आर्किटेक्ट Architect of West Bengal भी माना जाता है। बिधान चंद्र रॉय डॉक्टर के साथ साथ समाजसेवी, आंदोलनकारी, स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता Social worker, agitator, freedom fighter and politician भी थे। देश के स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। लड़ाई के दौरान वो असहयोग आंदोलन Non-Cooperation Movement का हिस्सा भी रहे। शुरुआत में उन्हें लोग महात्मा गांधी, नेहरू के डॉक्टर Doctor of Mahatma Gandhi, Nehru के रूप में जानते थे। महात्मा गांधी के कहने पर उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और और इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी Indian National Congress Party में आ गए। प्रफुल चंद्र घोष Praful Chandra Ghosh के बाद 1948 में वे बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री बने और 1 जुलाई 1962 में अपने निधन तक वो इस पद पर बने रहे।

बिधान चंद्र रॉय जो कमाते सब दान कर देते

बिधान चंद्र राय लोगों के आदर्श थे। डॉक्टर बिधान चंद्र राय के बारे में एक बात प्रचलित है कि वह जो भी आय अर्जित करते थे, वो सब कुछ दान कर देते थे। उनकी महानता की बात करें तो आजादी के आंदोलन के समय उन्होंने घायलों और पीड़ितों की निस्वार्थ भाव से सेवा की थी। उनकी इसी निस्वार्थ भाव से समाज और देश की सेवा करने के जज्बे को सम्मान दिया जाता है और उन महान आत्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए 1 जुलाई को उनके जन्मदिन और पुण्यतिथि को नेशनल डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि डॉक्टर्स के बिना समाज की कल्पना करना असंभव है। अगर डॉक्टर न हों तो हमारा जीवित रहना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इसलिए आज के दिन सबसे गुजारिश है कि Respect For Doctors डॉक्टर्स का सम्मान जरूर करें। 

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राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस थीम National Doctor’s Day 2022 Theme

हर साल सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए इस दिन को एक थीम दी जाती है। वर्ष 2022 के लिए, राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की थीम 'फैमिली डॉक्टर्स ऑन द फ्रंट लाइन' ‘Family Doctors on the Front Line’ है। 2021 की थीम (Building the Future with Family Doctors) थी।

कोरोना काल में डॉक्टर्स ने निभाया बहुत बड़ा रोल 

अगर कोरोना काल के दिनों की बात करें तो कोरोना काल Corona period में डॉक्टर्स ने बहुत बड़ा रोल निभाया है। हर किसी ने डॉक्टर्स की महत्वता को पहचाना है। इस बात को वो अच्छी तरह समझ सकते हैं कि जिनके परिवार की जान कोरोना में डॉक्टर्स ने बचायी है। जहाँ हर कोई कोरोना के खौफ से अपने घर में बंद था। वहीं डॉक्टर उस वक्त भी अपनी ड्यूटी पर तैनात थे। डॉक्टर्स, नर्स और सफाईकर्मी उस काल में भी अपना कार्य कर रहे थे। कई घंटे पीपीई क‍िट PPE Kit में रहकर और अपनी जान की परवाह न करके उन्होंने कोरोना मरीजों को ठीक किया और उनकी जान बचायी। यहाँ तक कि इस महामारी में देश में सैकड़ों डॉक्टरों की मौत भी हुई। उस वक्त दुनिया ने देखा कि कैसे डॉक्टर्स दिन-रात काम करके हमारी सेवा में लगे रहे। उनके इस योगदान को पूरा विश्व नमन करता है। 

डॉक्टर्स हमारे लिए सबसे जरूरी

आज के समय को देखें तो बीमारियाँ दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। आज लोग दवाईयों पर ही जीवित हैं। यानि हर कोई किसी न किसी वजह से डॉक्टर के पास जाता ही है। अगर आज हम स्वस्थ हैं, तो कब हमें कोई बीमारी घेर ले कोई नहीं जानता। उस वक्त परेशानी में अगर हमें कोई नजर आता है तो वो है सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर। डॉक्टर के पास कई ऐसे मरीज भी आते हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि इनकी जान बचाना अब नामुमकिन है, लेकिन डॉक्टर्स अपने हुनर से, अपने ज्ञान से, नयी टेक्नोलॉजी और दवाओं के माध्यम से उस मरीज को एक नई जिंदगी देकर जीवनदान देते हैं। यहाँ तक कि कई बार ऐसी खबरें भी सुनने को मिलती हैं कि कुछ लोगों ने डॉक्टर्स पर हमला किया या फिर हॉस्पिटल को नुकसान पहुँचाया है। देखा जाये तो वास्तव में इस तरह की खबरें निराशा पैदा करती हैं। 

दुनियाभर में डॉक्टर्स डे किस दिन मनाया जाता है? 

डॉक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका और उनकी कड़ी मेहनत को अनदेखा नहीं किया जा सकता। डॉक्टर्स समाज और देश की सेवा में अपनी जान की चिंता किए बगैर दिन रात लगे रहते हैं। इसलिए उनके लिए साल का एक दिन तो समर्पित होना ही चाहिए। दुनियाभर में डॉक्टर्स डे अलग-अलग डेट पर मनाया जाता है जैसे -

अमेरिका America -

अमेरिका में यह दिन 30 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का विचार डॉ चार्ल्स बी. आलमंड एवं उनकी पत्नी यूडोरा ब्राउन आलमंड को आया था। 

वियतनाम Vietnam -

वियतनाम में 28 फरवरी सन 1955 को डॉक्टर्स डे की स्थापना की गयी थी। तब से इस दिन डॉक्टर डे मनाया जाता है। 

ईरान Iran-

ईरान में 23 अगस्त को यह दिन मनाया जाता है जो वहां के महान डॉक्टर एविसेना का जन्मदिवस था।

ब्राज़ील Brazil-

ब्राज़ील में 18 अक्टूबर को छुट्टी के रूप में राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे मनाया जाता है और यह कैथोलिक चर्च सेंट ल्यूक का जन्मदिवस है। वह वहां के एक महान डॉक्टर थे। 

नेपाल Nepal -

नेपाल में 4 मार्च के दिन डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। इस दिन डॉक्टर रोगी संचार, क्लिनिकल इलाज और स्वास्थ्य प्रचार पर चर्चा की जाती है। 

क्यूबा Cuba-

क्यूबा में कार्लोस जुआन फिनले के जन्मदिन को मनाने के लिए 3 दिसंबर को राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे छुट्टी के रूप में मनाया जाता है। ये क्यूबा के चिकित्सक और वैज्ञानिक थे जिन्होंने पीले बुखार का शोध किया था। 

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कैसे मनाया जाता है डॉक्टर्स डे How is Doctors Day celebrated?

इस दिन कई कार्यक्रम किये जाते हैं। इस दिन अधिकतर मरीज अपने डॉक्टर्स को धन्यवाद करते हुए उन्हें ग्रीटिंग कार्ड्स, प्रशंसा कार्ड, ईकार्ड्स, फूलों के गुलदस्ते, मेल के माध्यम से ग्रीटिंग मेसेज आदि देते हैं। जिससे मेडिकल प्रोफेशन के लिए डॉक्टर्स के दिन और उनके योगदान के महत्व को याद किया जा सके। इस दिन दिन विभिन्न चिकित्सा केंद्रों, स्कूलों और कॉलेजों में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। डॉक्टर्स द्वारा दिए गये योगदान से परिचित होने के लिए सरकारी और निजी स्वास्थ्य संगठनों में विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इसे विशेष रूप से ‘उत्तरी कोलकाता एवं उत्तर -पूर्वी कोलकाता सामाजिक एवं कल्याण संगठन के रोटरी क्लब’ Rotary Club of North Kolkata and North-East Kolkata Social and Welfare Organization द्वारा मनाया जाता है, जो कि डॉक्टर्स डे के लिए हर साल एक बड़ा इवेंट आयोजित करता है। इस दिन चिकित्सा क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं जैसे स्वास्थ्य जाँच, इलाज, रोकथाम, रोग का उचित उपचार Health checkup, treatment, prevention, proper treatment of disease आदि इसी तरह के कई मुद्दों के बारे में चर्चाएँ करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। साथ ही हर किसी के जीवन में डॉक्टर्स की महत्वपूर्ण भूमिकाओं के बारे में जागरूक करने के लिए मुफ्त में ब्लड टेस्ट, रैंडम शुगर टेस्ट, ईसीजी, ईईजी, ब्लड प्रेशर चेकअप Blood Test, Random Sugar Test, ECG, EEG, Blood Pressure Checkup आदि गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों के स्तर पर भी कुछ गतिविधियां आयोजित की जाती है जो कि मेडिकल प्रोफेशन को मजबूत और अधिक जिम्मेदार बनाने के लिए जाती हैं।