विश्व पर्यटन दिवस 2023 पर सस्टेनेबल टूरिज्म की यात्रा

Share Us

1266
विश्व पर्यटन दिवस 2023 पर सस्टेनेबल टूरिज्म की यात्रा
26 Sep 2023
6 min read

Blog Post

पर्यटन के महत्व और वैश्विक अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यावरण पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है।
पर्यटन एक शक्तिशाली क्षेत्र है जो कई तरीकों से सतत विकास में योगदान दे सकता है। यह नौकरियाँ पैदा कर सकता है, राजस्व उत्पन्न कर सकता है, सांस्कृतिक विरासत की रक्षा कर सकता है और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे सकता है।

हालाँकि, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पर्यटन को टिकाऊ तरीके से विकसित और प्रबंधित किया जाए, ताकि इससे स्थानीय समुदायों, व्यवसायों और पर्यावरण सहित सभी हितधारकों को लाभ हो सके।
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) ने विश्व पर्यटन दिवस 2023 world tourism day 2023 के लिए "पर्यटन और हरित निवेश" "Tourism and Green Investments" विषय को चुना है।

यह विषय सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए स्थायी पर्यटन sustainable tourism में बढ़े हुए और लक्षित निवेश की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 27 सितंबर को पर्यटन दिवस घोषित किया। इसलिए विश्व पर्यटन दिवस हर साल पूरे विश्व में 27 सितंबर को मनाया जाता है। क्योंकि यह दिन उत्तरी गोलार्ध में पर्यटन सीजन के अंत और दक्षिणी गोलार्ध में पर्यटन सीजन की शुरुआत के समय आता है।

1980 से इसको मनाने की शुरुआत हुई थी। पर्यटन पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन को मनाने का मुख्य मक्सद पर्यटन के माध्यम से लोगों को रोजगार देना है।

क्योंकि कोई भी देश चाहे वह छोटा हो या बड़ा हो आर्थिक महत्व के लिए पर्यटन पर निर्भर है और सिर्फ आर्थिक ही नहीं सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मूल्यों के लिए भी पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर है। जिस भी पर्यटन स्थल पर पर्यटक जाते हैं, उस जगह से देश को काफी लाभ होता है यानि इससे देश का आर्थिक विकास होता है।

विश्व पर्यटन दिवस 2023 पर सस्टेनेबल टूरिज्म की यात्रा Journey to Sustainable Tourism on World Tourism Day 2023

विश्व पर्यटन दिवस 2023 थीम World Tourism Day 2023 Theme

संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) United Nations World Tourism Organization (UNWTO) ने विश्व पर्यटन दिवस 2023 के लिए "पर्यटन और हरित निवेश" "Tourism and Green Investments" विषय को चुना है। यह विषय सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) Sustainable Development Goals (SDG) को प्राप्त करने के लिए स्थायी पर्यटन में बढ़े हुए और लक्षित निवेश की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

एसडीजी गरीबी, असमानता, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय गिरावट सहित दुनिया की सबसे गंभीर चुनौतियों का समाधान करने के लिए कार्रवाई का एक वैश्विक आह्वान है। पर्यटन में सभी 17 एसडीजी में योगदान करने की क्षमता है, लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि पर्यटन का विकास और प्रबंधन टिकाऊ तरीके से किया जाए।

विश्व पर्यटन दिवस का इतिहास History of World Tourism Day

पर्यटन के महत्व और वैश्विक अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यावरण पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। यह तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि यह 27 सितंबर, 1970 को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) के क़ानून को अपनाने की सालगिरह के साथ मेल खाती है।

विश्व पर्यटन दिवस का विचार पहली बार 1979 में नाइजीरियाई नागरिक इग्नाटियस अमादुवा अतीग्बी द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जो उस समय यूएनडब्ल्यूटीओ में पर्यटन अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। एटिग्बी के प्रस्ताव को 1980 में यूएनडब्ल्यूटीओ महासभा द्वारा अनुमोदित किया गया था, और पहला विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर, 1980 को मनाया गया था।
तब से, दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में प्रतिवर्ष विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष, यूएनडब्ल्यूटीओ पर्यटन के एक विशिष्ट पहलू को उजागर करने के लिए विश्व पर्यटन दिवस के लिए एक थीम चुनता है। उदाहरण के लिए, हाल के वर्षों में विश्व पर्यटन दिवस की थीम में शामिल हैं:

  • Tourism and Rural Development (2022)पर्यटन और ग्रामीण विकास (2022)  

  • Tourism for Inclusive Growth (2021)समावेशी विकास के लिए पर्यटन (2021)

  • Better Tourism (2020)बेहतर पर्यटन (2020) 

  • पर्यटन और सतत ऊर्जा (2019) Tourism and Sustainable Energy (2019)

हम ये भी कह सकते हैं कि पर्यटन दिवस मनाने का मुख्य कारण पर्यटन को विश्व स्तर पर आगे बढ़ाना है। इस दिन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फोटो प्रतियोगितायें, पर्यटन की प्रस्तुतियां आदि किये जाते हैं।

पर्यटन का किसी भी देश की जीडीपी में बहुत बड़ा योगदान है। 2019 का विश्व पर्यटन दिवस का समारोह भारत (दिल्ली) में हुआ था। भारत अपनी सांस्कृतिक और भौगोलिक विशेषताओं के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

Also Read : आइये अतुल्य भारत के सांस्कृतिक वैभव को जानें 

भारत पर्यटकों को अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर लेता है। पूरे विश्व में भारत अपनी संस्कृति, इतिहास, संगीत, भाषा, व्यंजन और रोमांच के लिए प्रसिद्ध है। भारत आध्यात्मिक पर्यटन, योग पर्यटन, स्वास्थ्य पर्यटन और रोमांच पर्यटन के आधार पर सबसे ऊपर है।

यह हर साल अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। हर साल एक नयी थीम रखी जाती है। इसको पर्यटन उद्योगों tourism industries द्वारा बड़े हर्षोउल्लास से मनाया जाता है।

इस दिन कई कार्य किये जाते हैं। यूएनडब्ल्यूटीओ ने पर्यटन और प्रौद्योगिकी को काफी महत्व दिया है। पर्यटन से जुड़ी नौकरियां पैदा करने पर जोर दिया जाता है। पर्यटन के द्वारा हम सांस्कृतिक विरासत, शांति और आपसी समझ को बरकरार रख सकते हैं। हमें पर्यटन क्षेत्र की अस्मिता को बरकरार रखने और स्वच्छ रखने का प्रयास करना है, तभी पर्यटन दिवस मनाने का फायदा होगा।

पर्यटन का मतलब होता है यात्रा करना, नयी-नयी जगहों को देखना, सैर करना, वहां के बारे में जानना, वहां की संस्कृति से रूबरू होना और जिन लोगों को ये शौक होता है वही लोग असल मायने में ज़िंदगी जीते हैं। यात्रा करने से ही हमें दुनिया का ज्ञान होता है, जानकारी होती है।

हर साल एक बार ऐसी जगह ज़रूर जाना चाहिए जहां आप पहले कभी न गए हों। फिर देखिये आपका जीने का नज़रिया ही बदल जाएगा। ज़िंदगी में एक अलग ही रोमांच पैदा हो जायेगा। जो व्यक्ति यात्रा नहीं करते हैं वे जीवन की सुंदरता के एक पहलू को खो देते हैं।

निष्कर्ष 

किसी भी देश के लिए पर्यटन और पर्यटक दोनों महत्वपूर्ण होते हैं। पर्यटन का प्रभाव समाज पर पड़ता है। क्योंकि पर्यटक जहां जाता है वहां के समाज की सामान्य स्थिति को स्वीकार कर लेता है। ठीक वैसे ही भारत में आने वाले विदेशी पर्यटक भी जिस क्षेत्र में जाते हैं, उस क्षेत्र की वेश-भूषा, खान-पान, सामाजिक क्रियाओं में घुल-मिल जाते हैं।

लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इस क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा। क्योंकि पर्यटक के न आने के कारण कारोबार पूरी तरह तहस-नहस हो गया। कई लोगों का रोजगार चला गया। आज पर्यटन सिर्फ सैर-सपाटे तक ही सीमित नहीं है, उसमें स्वास्थ्य-लाभ, रोमांच, खेलकूद, सांस्कृतिक महत्व और आर्थिक महत्व सब कुछ जुड़ चुका है।