काजल ना लगने दे व्यवसाय को नज़र

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काजल ना लगने दे व्यवसाय को नज़र
12 Nov 2021
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दीवाली के दिन दीये को जलाकर उसकी लौ से हम काजल पिरोते हैं, जो सौन्दर्य प्रसाधन के साथ ही लोगों की नज़र उतारने के लिए भी काम में लिया जाता है। यदि इसका व्यवसाय शुरू किया जाय तो अवश्य ही हमारे व्यवसाय को भी नज़र नहीं लगेगी।

सौंदर्य प्रसाधन आज के वक़्त में लोगों के जीवन का एक अटूट हिस्सा हैं। महिला हो या पुरुष सौंदर्य प्रसाधन तो प्रत्येक व्यक्ति उपयोग करता है। उसका प्रयोग करके लोग स्वयं को अधिक खूबसूरत दिखाने का प्रयत्न करते हैं। कहते हैं न कि स्वयं को अधिक खूबसूरत दिखाने से लोगों के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और प्रायोगिक रूप से भी लोगों के भीतर यह संभावनाएं दिखी हैं। महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन होते हैं। इनकी आज बाज़ार में बहुत मांग है। जब भी हम सौंदर्य प्रसाधन की बात करते हैं, तो सबसे पहले हमारे मस्तिष्क में जो छवि उभर के अति है वह होती है एक महिला की। जी हाँ वास्तविक तौर पर भी यही माना जाता है कि महिलाएं अधिक मेकअप करती है, क्योंकि सबका मानना तो यही है कि उन्हें खूबसूरत दिखने का अधिक शौक होता है। महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधन में जो मुख्य रूप से शामिल होता है, वह होता है काजल। आँखों की सुन्दरता काजल का प्रयोग दुनिया में अधिकांश सारी लड़कियां करती हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि यह सबसे अधिक प्रयोग किये जाने वाली वस्तु है, जो भौतिक सुंदरता के लिए उपयोग की जाती हैं। ऐसे में यदि हमें यह पता चले कि काजल को बनाने की प्रक्रिया बड़ी ही आसान है और थोड़े प्रयास से इसे हम घरेलू प्रक्रिया से भी तैयार कर सकते हैं, तो क्या हम इसे अपने व्यवसाय के रूप में चुनने के बारे में नहीं सोचेंगे।  

किसी की नज़र न लगे, काजल का टिका लगा दूँ। यह बात अक्सर ही हम किसी न किसी के मुंह से सुन ही लेते हैं। यह हम अक्सर तब कहते हैं, जब हमें कोई अधिक खूबसूरत लगता है। आंखों की खूबसूरती ही सबसे अधिक काजल से आती है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि एक अच्छी गुणवत्ता वाला काजल घर पर ही बनाया जा सकता है। सोचिए यदि हम थोड़ा सा और दिल से प्रयास कर लें तो क्या हम इसे व्यवसाय के रूप में बदल नहीं सकते हैं। 

काजल को घर पर कई प्रकार से बनाया जा सकता है। बादाम से काजल बनाना, दीये की लौ से काजल बनाना, कपूर से काजल बनाना, कैस्टर ऑयल की सहायता से और एलोवेरा जैल से भी काजल बनाया जा सकता है। 

इनमें से तो कुछ तरीके इतने आसान हैं कि उसमें ज़्यादा मेहनत ही नहीं करनी पड़ती है। वह बड़ी सुविधा से बन जाते हैं। बस हमें मेहनत करनी होती है, तो उसे ऐस ढ़ांचे में ढालने की, जिससे उसे लोगों को लगाने में परेशानी न हो। 

आजकल बाज़ार में विभिन्न प्रकार के काजल आने लगे हैं, जिसका उपयोग लोगों के लिए बड़ा सरल है। इसलिए इस बात का ध्यान दें कि केवल अच्छी गुणवत्ता का काजल बनाना ही बड़ी बात नहीं है, उसे सहज ढ़ांचे में तैयार करना भी महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि इसमें तेल का उपयोग होने के कारण काजल की प्रवृत्ति फैलने की होती है, जो देखने में खराब लगता है। 

दीवाली के दिन दीये को जलाकर उसकी लौ से हम काजल पिरोते हैं, जो सौन्दर्य प्रसाधन के साथ ही लोगों की नज़र उतारने के लिए भी काम में लिया जाता है। यदि इसका व्यवसाय शुरू किया जाय तो अवश्य ही हमारे व्यवसाय को भी नज़र नहीं लगेगी।