फुटवियर बाज़ार में क्रांति का एक नाम Liberty shoe

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फुटवियर बाज़ार में क्रांति का एक नाम Liberty shoe
06 Jan 2022
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सफलता, एक बार में ही नहीं मिलती, बहुत सारे प्रयासों के बाद ही सफलता अर्जित की जा सकती है। जो लोग कठिनाईयों का सामना कर अपने जीवन की हर चुनौती से लड़ते हैं। उन्हें सफलता अवश्य मिलती है। यदि इंसान जीवन में बुरे समय का सामना करने के लिए तैयार रहें और अपने लक्ष्य को साकार करने में कोई कसर ना छोड़े तो एक दिन निश्चित रूप से सफलता आपके कदम चूमेगी। ठीक सफलता की ऐसी कहानी है अंतरराष्ट्रीय बाज़ार international market में भी धुँआधार प्रदर्शन करने वाली फुटवियर कंपनी लिबर्टी footwear company liberty की जो एक छोटी सी दुकान से बन गयी एक multinational-company मल्टीनेशनल कंपनी।

सफलता जीवन का वह पड़ाव है, जिसके लिए मनुष्य दिन-रात मेहनत करता है। यह सिर्फ उसी को ही मिलती है, जो इसके पीछे भागता रहता है। अर्थात निरन्तर प्रयास और संघर्ष मांगती है ये सफलता। जिसने भी संघर्ष जारी रखा उसको सफलता हर हाल में मिलती है। जीवन में बहुत सारी चुनौतियाँ आती हैं लकिन जो इनका सामना कर लेता है वो जीत जाता है और जो इनसे भागता है वो हार जाता है। कड़ी मेहनत और समर्पण से ही हम सफलता को प्राप्त कर सकते हैं। सफलता, एक बार में ही नहीं मिलती, तमाम प्रयासों के बाद ही लोग सफलता अर्जित कर पाते हैं। अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए किए गए कठोर प्रयासों पर ही जीत हासिल करना असल मायने में सफलता है और यही सफलता प्राप्त की है एक ऐसे शख़्स ने जिन्होंने एक बड़े लक्ष्य के साथ अपनी जिंदगी की शुरुआत की और फिर दृढ़इच्छा और कड़ी मेहनत से खड़ी कर दी एक बहुराष्ट्रीय कंपनी। हम बात कर रहे हैं लिबर्टी शू liberty shoe की आधारशिला रखने वाले हरियाणा के दो भाइयों की। चलिए जानते हैं उनके बारे में जिनका सालाना टर्न ओवर लगभग 500 करोड़ के पार है।

छोटी सी दुकान से की शुरुआत 

एक छोटी सी शुरुआत कब बड़ी बन जाये कोई नहीं जानता। यह कहानी उन दो गुप्ता भाइयों पीडी गुप्ता PD Gupta और डीपी गुप्ता DP Gupta की है जिन्होंने अपने आइडिया के साथ बिज़नेस business की शुरुआत की। दरअसल उन्होंने एक छोटी सी जूतों की दुकान पाल बूट हाउस  Pal Boot House के नाम से खोली। लोगों ने उनका काफी मजाक भी उड़ाया लेकिन उन्होंने लोगों की बातों पर ध्यान नहीं दिया। उन्हें पता था कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, बस काम करने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति strong will power चाहिए जिसकी बदौलत आप जीवन में आगे बढ़ सकते हैं और सफलता की ऊंचाइयों को छू कर एक नया मुकाम हासिल कर सकते हैं। इसी मजबूत इच्छाशक्ति की बदौलत एक छोटी सी दुकान से खड़ा कर दिया 500 करोड़ का एंपायर। कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि एक छोटी सी जूते की दुकान एक दिन बहुराष्ट्रीय कंपनी multinational company बन जायेगी। 

लिबर्टी फुटवियर नाम से शुरू की कंपनी

गुप्ता भाइयों ने बहुत सालों तक बूट हाउस Boot house को चलाकर बहुत कुछ सीख लिया था। उन्हें बाजार का काफी अनुभव हो गया था। इसके बाद उन्होंने अपने कारोबार को फ़ैलाने के बारे में सोचा और उन्होंने पाल बूट हाउस को लिबर्टी Liberty नाम दे दिया। इन्होंने 1954 में लिबर्टी फुटवियर Liberty Footwear नाम से कंपनी को आरंभ किया। फिर इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर उत्पादन के लिए इन्होंने मशीनें खरीदनी शुरू की। फिर इन्होंने नए-नए स्टोर खोलने के बारे में सोचा। बस फिर क्या था इनका बिज़नेस business बढ़ता ही चला गया और फुटवियर footwear के क्षेत्र में लिबर्टी बहुत आगे पहुँच गयी। जो कभी पूरे दिन में सिर्फ चार जोड़ी जूते ही बना पाते थे आज उसी कंपनी लिबर्टी का आधुनिक मशीनों की मदद से सालाना टर्न ओवर लगभग 500 करोड़ के पार पहुँच चुका है। 

बन गयी एक मल्टीनेशनल कंपनी

दोनों भाइयों की हरियाणा के करनाल Karnal of Haryana में कमेटी चौक पर पाल बूट हाउस Pal Boot House नाम से जो दुकान थी वह अब Liberty कंपनी बनकर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी अपना एक नाम बना चुकी है। फुटवियर ब्रांड लिबर्टी का आज करोड़ों का साम्राज्य है। कंपनी का कारोबार आज काफी देशों में फ़ैल चुका है जैसे अमेरिका America, यूरोप Europe, अफ्रीका Africa और खाड़ी देशों gulf countries में भी। कंपनी के दुनिया भर में 407 आउटलेट्स outlets हैं। सिर्फ भारत में ही 150 डिस्ट्रीब्यूटर हैं। लगभग 6 हजार मल्टी ब्रांड स्टोर multi brand store हैं। 10 देशों में एक्सक्लूसिव आउटलेट हैं। कंपनी के डायरेक्टर director रमन बंसल Raman Bansal कहते हैं कि वो ग्राहकों की जरूरतों customer needs और अच्छी क्वालिटी quality का ध्यान रखते हैं। इसके साथ ही कम कीमत पर गुणवत्ता और टिकाऊ माल उपलब्ध कराकर फुटवियर कंपनी लिबर्टी आज एक नए पायदान पर पहुँच गया है।