ऊर्जा के क्षेत्र में आया बदलाव
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01 Oct 2021
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समय के साथ साथ अच्छी से अच्छी तकनीक में भी खामियां ढूंढ ली जाती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ है एटमी ऊर्जा के मामले में भी। जिसके बारे में कंजरवेटिव अधिकारियों का मानना है कि इसमें कार्बन का उत्सर्जन बहुत ही कम होता है और साथ ही नए, छोटे रिएक्टर आसानी से ऑनलाइन भी मंगवाए जा सकते हैं। लेकिन कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया कि यूरेनियम द्वारा चलने वाली इस ऊर्जा का हिस्सा, विभिन्न ऊर्जा द्वारा चलाए जाने वाले श्रोतों के बीच दिन पर दिन कम होता जा रहा है। एटमी ऊर्जा की कीमतें फुकुशिमा की हानि को बढ़ा चढ़ाकर दिखा रहे हैं। इन्हीं सब कारणों के चलते जर्मनी जैसे देश इस इंजन को हटाने के बारे में विचार कर रहे हैं जोकि लगभग 2025 तक पूर्ण रूप से समाप्त हो सकता है। आपको बता दें फुकुशिमा की तबाही के लगभग 10 साल बाद ये फैसला लिया गया है।
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