आंसू बहाने में हिचकिचाना कैसा...

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आंसू बहाने में हिचकिचाना कैसा...
29 Oct 2021
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कई लोग आंसू बहाने की बात को लेकर मानते हैं कि रोते केवल कमजोर लोग हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, अगर आंसू बहा लेना आपको अच्छा महसूस करवा सकता है तो फिर आंसू बहा लेने में हर्ज ही क्या है। आंसू बहाने में फिर हिचकिचाना कैसा...

दुख-दर्द, लाभ-हानि, दिक्कत-परेशानी, दिमाग में चिंता, घबराहट, यह सब ज़िन्दगी में आम बातें हैं। आजकल का यह दौर काफी खतरनाक दौर है, यहां हर इंसान किसी न किसी रूप में बहुत कुछ झेलते हुए अपनी ज़िन्दगी को गुजर-बसर कर रहा है। दुख में परेशानियों में या फिर खुशियों में अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग अपना मन आंसू बहा कर हल्का कर लेते हैं। 

कभी-कभी आंसू बहा लेने में भी कोई बुराई नहीं है। कई स्वास्थ्य चिकित्सा से जुड़े विशेषज्ञों के आंकड़ों में सामने आता है कि अगर आम इंसान कभी-कभी रो भी लिया करे तो उसका मन काफी हल्का हो जाता है और वह अपनी सारी दिक्कत, परेशानियों को भूल कर एक नए सिरे से ज़िन्दगी को शुरू कर सकता है। आंसू बहा लेने के मामले में महिलाओं को काफी अच्छा माना जाता है, वह अपना दर्द आंसुओं के सहारे निकालकर फिर से ताकतवर रूप में ज़िन्दगी को शुरू करने में अव्वल होती है। लेकिन सभी महिलाओं, पुरुषों के साथ ऐसा नहीं होता। सभी लोग अपने आंसू बहा लेना में इतने सक्षम नहीं होते। कई लोग आंसू बहाने की बात को लेकर मानते हैं की रोते केवल कमजोर लोग हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, अगर आंसू बहा लेना आपको अच्छा महसूस करवा सकता है तो फिर आंसू बहा लेने में हर्ज ही क्या है। आंसू बहाने में फिर हिचकिचना कैसा

स्पेन में बना है दिल खोल कर रोने का कमरा

अगर आंसू बहाने में आप अपने आप को कमजोर समझते हैं तो आप जान लीजिए आंसू बहाने को लेकर स्पेन की राजधानी मैड्रिड में आंसू बहाने के लिए एक रूम का निर्माण किया गया है। जहां दिल खोलकर आंसू बहाए जा सकते हैं और अपने दुख दर्द से निकलकर ज़िन्दगी को अच्छी तरह जिया जा सकता है। आंसू बहाने का यह रूम केवल उदासी को दूर करने के लिए बनाया गया है। यहां कई लोग जाकर अपनी उदासी दूर करते हैं। अपने आंसू बहाते हैं। यह कमरा विशेषकर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो अपना गुस्सा नहीं निकाल पाते, यहां आकर वह अपने गुस्से को अच्छी तरह निकाल सकते हैं, खुशी से एक बार फिर अपनी ज़िन्दगी शुरु कर सकते हैं।

मेंटल हेल्थ को लेकर है पूरा किस्सा

यहां हम आप को जबरदस्ती आंसू बहाने को नहीं कह रहे हैं, दरअसल यह मामला मेंटल हेल्थ को लेकर है। आजकल मेंटल हेल्थ के मामले काफी बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना काल के बाद तो मेंटल हेल्थ के मामले कुछ यू बड़े जैसे बारिश के मौसम में कुछ शहरों में बारिश के पानी से बाढ़ आ जाती है। मेंटल हेल्थ को लेकर कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ और साइकोलॉजिस्ट का भी मानना है कि मेंटल हेल्थ बड़ा महत्वपूर्ण विषय है। इसे लेकर कई पुख्ता कदम उठाए जाने चाहिए। कई बार देखा जाता है कि लोग मेंटल हेल्थ को लेकर उसने सजग नहीं होते, जिसके चलते कई लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। 

विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर मेंटल हेल्थ को सही रखना है तो इंसान को खुश रहने के लिए जीवन में भिन्न-भिन्न तरीके की गतिविधियों को शामिल करना पड़ता है। जिसमें अगर आंसू बहा लेने को भी शामिल कर लिया जाए, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। विशेषज्ञ मानते हैं कि आंसू बहाने से वाकई मन काफी शांत हो जाता है। अगर यह तरीका अपनाकर कुछ लोग खुशी पा सकते हैं, तो फ़िर आंसू बहाने में परहेज नहीं करना चाहिए।

देश और दुनिया में कई लोग ऐसे भी

देश और दुनिया में लाखों-करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो अपनी परेशानियों को बताने में हिचकते हैं। जब वह परेशानियों को बताने में हिचक सकते हैं, तो सोचिए अगर आंसू बहाने की बात होगी तो क्या वो अपना मन हल्का कर पाएंगे। मेंटल हेल्थ और किसी से मदद मांगने को लेकर लोग काफी हिचकिचाते चाहते हैं और सोचते हैं कि इस तरह की परेशानियों को वह खुद दूर कर लेंगे, लेकिन जब एक बार मेंटल हेल्थ की दिक्कतों से जूझ रहा इंसान उस दलदल में चला जाता है तो बाहर निकलना काफी मुश्किल हो जाता है। इंसान को सिर्फ नकारात्मकता ही नजर आती है। अगर आप भी किसी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से गुजर रहे हैं तो आप उसे किसी ना किसी से साझा जरूर करें, साझा करने से परेशानी का हल जरूर निकलेगा।

इस लेख में आंसू बहाने की बात करने को लेकर हमारा मकसद केवल यही था कि अगर आप किसी मेंटल हेल्थ जैसी परेशानी से जूझ रहे हैं तो आप आंसू बहा कर अपना मन हल्का कर सकें। हम जबरदस्ती या किसी भी रूप में आप को रुलाना नहीं चाहते। हम सिर्फ इतना ही चाहते हैं की आप हमेशा खुश और मुस्कुराते रहें।