वैश्विक विकास में व्यवसाय की भूमिका

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वैश्विक विकास में व्यवसाय की भूमिका
16 Oct 2021
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जहां पहले हमारी एक सोच थी कि ऑनलाइन व्यापार या डिजिटल फॉर्म हमारे पैसे को खा जाएगा और हमारा पैसा पूरी तरह से डूब जाएगा लेकिन समय के साथ-साथ बदलाव हुए और महामारी के आते ही समीकरण बदले। सबसे बड़ा बदलाव हुआ व्यापार के क्षेत्र में।  

विश्व कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है। इस जंग में लॉकडाउन ही एक मात्र कारगर हथियार अभी तक साबित हुआ है, लेकिन आवाजाही बन्द होने के कारण  इंडस्ट्री सेक्टर पर इसका बहुत बुरा असर पड़ा है, जिसके कारण पूरे विश्व की इकॉनमी में भारी गिरावट आ गयी है, जोकि चिंताजनक है। आखिर बिना व्यवसाय  विश्व भर की इकॉनमी फिर से सही नहीं हो सकती। विश्व व्यापार संगठन के अनुसार 2020 में व्यसाय में 9.2% की गिरावट आयी है, जिसका तत्काल उपाय तलाशने की जरूरत है।

सदियों से हम यात्रा और लोगों  से बातचीत कर के बिज़नेस डील करते आये हैं, लेकिन महामारी के चलते अब यह मुमकिन नहीं। इस काल में हमें यह जानने को मिला कि देश विकास के लिए व्यवसाय पर कितना निर्भर है और चीन अन्य देशों से सबसे महवपूर्ण उत्पाद सपलाईयर है। इस घातक महामारी के मद्देनजर, भारत को अपने पैर पर खड़े होने के लिए अभी सबसे ज्यादा किसी स्वदेशी व्यसाय प्लेटफार्म की जरूरत है।

विश्व भर में बहुत से निर्यातकों ने ट्रेड के लिए डिजिटल प्लेटफार्म को चुना है, जो ना केवल सुरक्षित बल्कि समय और पैसे दोनों की बचत करता है। लेकिन कभी कभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी डील करने में समस्या हो जाती है। ट्रेडोंलोजी इन सभी समस्याओं के समाधान के रूप में एक स्वदेशी प्लेटफार्म है, जो ना केवल व्यसाय डील कराने के साथ उपभोक्ता को डील होने की पुष्टि भी कराता है, बल्कि व्यवसाय को डिजिटल माध्यम से इस्तेमाल करने से बिचैलियों का खातमा होने के साथ 100% पारदर्शिता भी मिलती है।

जहां पहले हमारी एक सोच थी कि ऑनलाइन व्यापार या डिजिटल फॉर्म हमारे पैसे को खा जाएगा और हमारा पैसा पूरी तरह से डूब जाएगा लेकिन समय के साथ-साथ बदलाव हुए और महामारी के आते ही समीकरण बदले। सबसे बड़ा बदलाव हुआ व्यापार के क्षेत्र में। मान लीजिए पहले हम जहां ऑनलाइन चीजों और सामानों को मंगाने में काफी पीछे थे क्योंकि हमारा भरोसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर नहीं था।लेकिन समय के साथ-साथ जब महामारी की वजह से लोगों को जबरन घरों में रहने की आदत डालनी पड़ी, तो ऐसे में आखिर ऑनलाइन प्लेटफार्म का ही सहारा लेना पड़ा और हर छोटे से बड़े समान मतलब सुई से लेकर मोबाइल फोन तक को पूरी तरह से ऑनलाइन ही मंगाना पड़ा।

फायदा उठाते हुए कंपनियों ने लोगों को उनके अनुसार यानी उनकी गुणवत्ता पर खरी उतरने की कोशिश की और इसके बाद परिणाम यह हुआ कि आज के समय में ज्यादातर वस्तुएं ऑनलाइन मंगाई जा सकती हैं और अब पहले की तुलना में लोगों का भरोसा ऑनलाइन शॉपिंग पर पहले से कई गुना बढ़ गया है। जहां पहले युवा वर्ग ही ऑनलाइन शॉपिंग पर डिपेंड था वहीं अब क्या युवा क्या बूढा क्या बच्चा हर कोई पूरी तरह से ऑनलाइन शॉपिंग पर ही निर्भर है।

जैसा कि हम सभी को पता है कि शेयर मार्केट या ट्रेडिंग जैसी जगहों पर भीड़ लगना लाज़मी है और अगर आज के हालात देखे जाएं तो एक साथ कई लोगों का इकट्ठा होना और यहां तक की शादी जैसे समारोह भी सीमित कर दिए गए हैं। वहीं पर अगर शेयर मार्केट या इस तरह की जगहों की बात की जाए तो यहां पर भीड़ की सीमा का अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता और ऐसे में महामारी बहुत ही ज्यादा तेज़ी से यानी दुगनी और कितनी रफ्तार से चलेगी तो ऐसे में भीड़ को भी सीमित करने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग या शेयर मार्केट को उसी अनुसार ढाल दिया गया है। जोकि पहले से काफी ज्यादा बेहतर तरीका है और लोगों को आने वाले समय में इससे बहुत ही ज्यादा फायदा मिलने वाला है बस हमको जरूरत है समय के अनुसार खुद को ढालने की और नई तकनीक के बारे में छोटी मोटी समझ विकसित करने की। 

आज का युग पूरी तरह से तकनीक पर निर्भर हो गया है और अगर हमने इस तेज रफ्तार वाली ज़िन्दगी के साथ अपनी रफ्तार नहीं बरकरार रखी तो जाहिर सी बात है आने वाले कल में हमारा व्यापार भी ठप हो जाएगा क्योंकि यह बात काफी हद तक सच है कि एक व्यापार ही एक देश को बनाता है और उस व्यापार के साथ ही एक देश के दूसरे देश के साथ संबंध बनते हैं और जब संबंध ही नहीं होंगे तो हमारा देश शायद कभी भी दूसरे देशों की तुलना में अपनी बेहतर छाप छोड़ पाए।