आविष्कार जिन्होंने दुनिया बदल दी

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आविष्कार जिन्होंने दुनिया बदल दी
20 Dec 2021
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पहिए के आविष्कार से लेकर सुपर कंप्यूटर super computer के विकास तक, बड़ी संख्या में आविष्कार वास्तव में क्रांतिकारी रहे हैं। आज हम उन मानव इतिहास के उन महान अविष्कारों के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्होंने मानव सभ्यता के विकास के दरवाज़े खोले,और नए अविष्कारों की प्रेरणा बने।

प्राचीन उपकरणों से आधुनिक डिजिटल प्रगति modern digital advancement तक, विभिन्न मानवीय आविष्कारों ने दुनिया को एकदम बदल कर रख दिया है और इसके साथ पृथ्वी पर जीवन को भी बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। मानव आविष्कारों और प्रौद्योगिकियों inventions and technologies ने सभ्यताओं को गढ़ा है, जैसे-जैसे समय के साथ इंसान की उम्मीदें और क्षमताएं विकसित होती गईं आने वाली नयी पीढ़ी अपने नवीन विचारों को विकसित करती गई। सभ्यता,और संस्कृति civilization and culture के विकास के क्रम में लोगों की आवश्यकताएं बढ़ती गयीं और उसके अनुसार समय-समय पर विभिन्न सृजनात्मक व्यक्तियों ने समाज की इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नए, अनोखे अविष्कारों को जन्म दिया और वहीं से ये उक्ति "आवश्यकता आविष्कार की जननी है " जन्म ले सकी। पहिए के आविष्कार से लेकर सुपर कंप्यूटर super computer के विकास तक, बड़ी संख्या में आविष्कार वास्तव में क्रांतिकारी रहे हैं। आज हम उन मानव इतिहास human history के उन महान अविष्कारों के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्होंने मानव सभ्यता के विकास के दरवाज़े खोले,और नए अविष्कारों की प्रेरणा बने।

पहिये का आविष्कार invention of wheel

मूलतः इंजीनिरिंग के क्षेत्र में किया गया पहला आविष्कार पहिया ही था और अब तक के सबसे प्रसिद्ध आविष्कारों में से एक है। इस एक बुनियादी तकनीक ने न केवल मनुष्य की यात्रा को आसान बना दिया, बल्कि बाज़ारों तथा व्यापार markets and trade के रास्ते भी खोल दिए। और इस एक अकेले आविष्कार ने  बड़ी संख्या में अन्य नवीन तकनीकों के विकास के आधार के रूप में भी काम किया। सबसे पुराना ज्ञात पहिया मेसोपोटामिया Mesopotamia का है, लगभग 3500 ई.पू. उस समय, मनुष्य पहले से ही मिश्र धातुओं की ढलाई कर रहे थे, नहरों और नावों का निर्माण कर रहे थे और यहाँ तक कि वीणा जैसे जटिल  वाद्ययंत्र भी डिजाइन कर रहे थे। सबसे पुराने लकड़ी के पहिये ज़ुब्लज़ाना, स्लोवेनिया Ljubljana, Slovenia में खोजे गए और 3200 ईसा पूर्व के हैं। ऐसा माना जाता है कि इस समय के आसपास सबसे पहले इनका इस्तेमाल रथों के लिए किया जाता था। पहिया की अवधारणा प्राचीन ग्रीक और रोमन पौराणिक कथाओं में भी मौजूद है, क्योंकि भाग्य का पहिया भाग्य की देवी से संबंधित है।

मिस्रवासियों ने सबसे पहले 2000 ईसा पूर्व में स्पोक व्हील spoke wheel का उपयोग किया था, जो  बहुत तेज गति से चलता था। पहिया काफी हद तक 19 वीं शताब्दी तक अविकसित था जब तक कि रॉबर्ट विलियम थॉम्पसन Robert William Thompson ने वायवीय टायर pneumatic tire का आविष्कार नहीं किया, संपीड़ित compressed हवा का उपयोग करने वाला एक रबर का पहिया, जो आज तक हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले टायरों का आधार बना है

आज हमें पहिया की अवधारणा मामूली लग सकती है, पर हजारों साल पहले इस तरह की इंजीनियरिंग सोच का विकसित होना वास्तव में बहुत जटिल था । पहिए में एक धुरा होना चाहिए जिससे वह घूमता रहे और गति को अधिकतम करने के लिए सीधे पहिया के केंद्र में धुरी को फिट करने का विचार इसके अलावा, घर्षण को कम करने के लिए धुरी और छेद लंबवत होना वास्तव में एक अदभुद परिकल्पना थी  इसलिए पहिये का आविष्कार मानव सभ्यता के इतिहास का एक क्रांतिकारी क्षण  था।

आग का आविष्कार invention of fire

हालांकि आग का जलना एक प्राकृतिक घटना है, लेकिन मानवों के लिए इसकी एक उपयोगी उपकरण के रूप में खोज इतिहास के पन्नों में एक क्रांति का प्रतीक है। वास्तव में, हमने जब आग को नियंत्रित किया वो समय सबसे महत्वपूर्ण था, आग का नियंत्रित उपयोग होमो सेपियन्स homo sapiens के पहले होने की संभावना है।

होमो सेपियन्स के विकास से पूर्व लगभग 1.9 मिलियन वर्ष पहले पके हुए भोजन के प्रमाण मिलते हैं। हमारे पूर्वजों, होमो इरेक्टस homo erectus द्वारा लगभग 1,000,000 साल पहले आग के नियंत्रित उपयोग के प्रमाण भी उपलब्ध हैं। आग में जले हुए चकमक पत्थर के ब्लेड लगभग 300,000 साल पहले के हैं। इस बात के भी प्रमाण हैं कि लगभग 164,000 साल पहले उपकरण बनाने में उपयोग के लिए, शुरूआती आधुनिक मनुष्यों द्वारा पत्थर को गर्म करने के लिए, आग का उपयोग किया गया था। तब से लेकर वर्तमान तक आग का उपयोग अनुष्ठानों, कृषि, खाना पकाने, गर्मी और प्रकाश पैदा करने, सिग्नलिंग, औद्योगिक प्रक्रियाओं और अन्य साधनों  के रूप में किया जाता रहा है। इसे दुनिया को बदलने वाले प्रमुख आविष्कारों में से प्रमुख माना जा सकता है।

लाइट बल्ब का आविष्कार invention of Light bulb

आज हम अपने घरों और कार्यालयों, सड़कों, दुकानों आदि सभी जगहों को रौशन करने के लिए, उत्सव मनाने  के लिए जिस रौशनी का उपयोग करते हैं, वह 150 से अधिक वर्षों पहले किसी प्रतिभाशाली दिमाग में कौंधे विचार से पैदा हुई है। 19वीं शताब्दी की शुरुआत में हम्फ्री डेवी Humphrey Davy ने इलेक्ट्रिक लाइट electric light के आविष्कार का जिम्मा उठाया था, जिन्होंने बिजली के साथ कई प्रयोग किये और इन्ही प्रयोगों के फलस्वरूप उन्होंने इलेक्ट्रिक बैटरी का आविष्कार किया। जब उन्होंने अपनी बैटरी और कार्बन के एक टुकड़े के बीच तारों को जोड़ा, तो कार्बन चमकने लगा, जिससे प्रकाश पैदा हुआ। दुनिया उनके इस आविष्कार को इलेक्ट्रिक आर्क लैंप arc lamp के नाम से जानने लगी। अगले कई  दशकों मे अन्य कई आविष्कारकों ने भी "लाइटबल्ब" बनाए, लेकिन ये व्यावसायिक दृष्टि से सक्षम नहीं साबित हुए। 1850 में जोसेफ विल्सन स्वान Joseph Wilson Swann नामक एक अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी english physicist ने एक खाली कांच के बल्ब में कार्बोनेटेड पेपर फिलामेंट्स को जोड़ कर एक "लाइट बल्ब" बनाया। लेकिन एक अच्छे वैक्यूम के बिना, उनके बल्ब का उपयोग के लिए बहुत कम था। हालाँकि, 1870 के दशक में, बेहतर वैक्यूम पंप उपलब्ध हो गए और लंबे समय तक चलने वाले लाइटबल्ब विकसित करने में सक्षम था।

थॉमस एडिसन Thomas Edison ने धातु के फिलामेंट्स का उपयोग करके स्वान के डिजाइन में काफी सुधार किया और 1878 और 1879 में उन्होंने फिलामेंट के लिए विभिन्न वस्तुओं का प्रयोग करके इलेक्ट्रिक लाइट के लिए पेटेंट दायर कर दिया। अपने कई प्रयोगों के बाद अंततः उन्होंने पाया कि एक कार्बोनेटेड बांस का रेशा 1200 घंटे से अधिक समय तक चल सकता है। इस खोज ने व्यावसायिक रूप से निर्मित प्रकाश बल्बों को ग्राह्य बना दिया और 1880 में, एडिसन की कंपनी, एडिसन इलेक्ट्रिक लाइट कंपनी Edison Electric Light Company ने अपने नए उत्पाद को बाजार में उतार दिया। तब से ले कर अब तक बल्ब हम सबकी अँधेरी रातों को रौशन कर रहे हैं।

पत्थर के औजारों का आविष्कार invention of Stone tools

पत्थर के औजार मानवता की सबसे शुरुआती तकनीकी ईजाद थी, जिसका आविष्कार 2 मिलियन साल पहले होमो हैबिलिस homo habilis द्वारा किया गया था, जो एक प्रारंभिक मानव पूर्वज early human ancestors था। यह सरल उपकरण "हेलिकॉप्टर" के रूप में जाने जाते थे, वे नुकीले पत्थर थे जो एक पत्थर को दूसरे के खिलाफ तोड़कर बनाए गए थे। इस कच्चे बहुउपयोगी उपकरण का उपयोग काटने, कुचलने, पीसने या तोड़ने के लिए किया जाता था। इस आविष्कार के बिना, मानवता कभी भी चिंगारी को कैसे निकालती है नहीं जान पाती और फिर आग का आविष्कार भी नहीं होता। अतः एक तरह से ये आग के आविष्कार से भी ज्यादा महत्वपूर्ण आविष्कार था।

डागुएरियोटाइप का आविष्कार invention of Daguerreotype

डागुएरियोटाइप का आविष्कार, तांबे की धातु में कैद एक छवि, फोटोग्राफी photography के क्षेत्र में पहला मील का पत्थर है। पहली सफल तस्वीर का आविष्कार 1830 के दशक में फ्रांसीसी कलाकार लुई-जैक्स-मैंडे डागुएरे Louis-Jacques-Mande Daguerre और निसेफोर नीपसे Nicephore Niepce द्वारा किया गया था। Niépce के पहले प्रयोग में एक मात्र कमी आठ घंटे का लंबा एक्सपोजर समय था जबकि इसके लिए 20 या 30 मिनट की आवश्यकता थी। ये इस आविष्कार का ही प्रतिफल है के अब, हम किसी भी समय, अपनी इच्छानुसार किसी भी चीज़ की तस्वीरें खींच सकते हैं।

राइट फ्लायर का आविष्कार invention of Wright flyer

राइट बंधुओं wright brothers की ऐतिहासिक उड़ान का ज़िक्रकिये के बिना आविष्कारों की ये सूची अधूरी ही रह जाएगी । 1903 में राइट्स ने दुनिया को बताया कि एक हवाई जहाज एक पायलट के नियंत्रण में उड़ान भर सकता है, ये एक ऐसा कारनामा था जो पहले कभी नहीं हुआ था। इस आविष्कार ने यात्रा से लेकर शिपिंग तक सब कुछ बदल एकदम बदल कर रख दिया। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि राइट ब्रदर्स ने हमारी दुनिया को देखने के नज़रिये को बदल दिया। जब हम दुनिया को ऊपर से देखते हैं तो देशों को बाँटने वाली कृत्रिम सीमाएं गायब हो जाती हैं। दूरियां घटती हैं, क्षितिज फैलता है। दुनिया बहुत बड़ी और अधिक आपस में जुड़ी हुई लगती है। वैश्विक अर्थव्यवस्था का विस्तार, पर्यावरण के बारे में हमारी जागरूकता और अंतरिक्ष अनुसन्धान space research, काफी हद तक, विल्बर और ऑरविल राइट के आविष्कारशील दिमाग के परिणाम हैं।

उपरोक्त अविष्कारों के अलावा भी ऐसे अनेकों महत्वपूर्ण आविष्कार हैं जिनका ज़िक्र हम नहीं कर पा रहे हैं, वो सभी आविष्कार भी मानव सभ्यता के विकास में अहम् भूमिका अदा करते हैं। अगर दुनिया के प्रतिभाशील लोगों के द्वारा, हमारी जरूरतों  के साधन जुटाने और विकास में बाधक तत्वों पर विजय प्राप्ति के लिए प्रयास न किये गए होते तो आज हमारी दुनिया कैसी होती इसकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते। पूरी मानव सभ्यता इस महान आविष्कारकों की सदा ऋणी रहेगी।