ऊर्जा के क्षेत्र में आया बदलाव 

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 ऊर्जा के क्षेत्र में आया बदलाव 
14 Feb 2023
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News Synopsis

Latest Updated on 14 February 2023

ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी सरकारी और निजी कंपनियों ने महसूस किया है। कि हरित ऊर्जा Green Energy की ओर बढ़ने के बहुत सारे लाभ हैं, और इसलिए वे सभी उस बदलाव को शुरू कर रहे हैं। ओएनजीसी ONGC और आईओसी IOC जैसी कुछ बड़ी कंपनियां पहले से ही अच्छी तरह से आगे बढ़ रही हैं, लेकिन एनटीपीसी NTPC और गेल GAIL जैसी अन्य बड़ी कंपनियां भी इसमें शामिल होने लगी हैं। इंडिया एनर्जी वीक India Energy Week में कंपनियों ने हमें भविष्य के लिए अपनी योजनाएं दिखाईं और जिन तरीकों से वे जीवित रहने की योजना बना रही हैं। उनमें से एक पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से दूर जाना है। ओएनजीसी इस नए उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी होगी, जो अपतटीय पवन ऊर्जा Wind Power और जैव-ईंधन Bio-Fuel जैसी चीजों को बढ़ावा देगी।

IOC और GAIL कई अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों में विस्तार करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। ओएनजीसी के सीएमडी अरुण कुमार सिंह CMD Arun Kumar Singh का कहना है, कि हमें लंबे समय तक कच्चे तेल Crude Oil जैसे पारंपरिक ईंधन की जरूरत है, लेकिन हमें भविष्य में कम प्रदूषण Pollution फैलाने वाले ईंधन की भी कम जरूरत होगी और देश की अग्रणी ऊर्जा कंपनी होने के नाते हमारी रणनीति इस संक्रमण काल ​​के लिए होगी।

ONGC में अन्वेषण की निदेशक सुषमा रावत Director Sushma Rawat ने कहा कि कंपनी अभी भी अक्षय ऊर्जा उद्योग Renewable Energy Industry के शुरुआती चरण में है, लेकिन यह सौर और पवन ऊर्जा में महत्वपूर्ण प्रगति कर रही है। ONGC कार्बन कैप्चर में भी रुचि रखता है, इस तकनीक पर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के साथ काम कर रहा है। ओएनजीसी अपतटीय क्षेत्रों में पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में भी रुचि रखती है।

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन कार्बन मुक्त कंपनी Indian Oil Corporation Carbon Free Company बनने की कोशिश कर रही है। वे इलेक्ट्रिक कारों Electric Cars और सौर और पवन ऊर्जा जैसी हरित ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक अलग सहायक कंपनी स्थापित करने की सोच रहे हैं। उन्हें लगता है, कि यह एक बड़ा अवसर हो सकता है, क्योंकि बाजार में पहले से ही बहुत सारे इलेक्ट्रिक कार चार्जर मौजूद हैं।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति International Olympic Committee के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य President Shrikant Madhav Vaidya ने कहा कि सौर और पवन ऊर्जा दो बड़े क्षेत्र हैं। जिनमें IOC की दिलचस्पी है। क्षेत्रों। IOC को हाइड्रोजन ऊर्जा Hydrogen Energy के विकास में भी विश्वास है, जिस पर IOC के R&D विभाग द्वारा शोध किया जा रहा है।

शुक्रवार को BPCL ने घोषणा की कि वे दिल्ली-जालंधर राजमार्ग Delhi-Jalandhar Highway पर एक फास्ट चार्जिंग कॉरिडोर Fast Charging Corridor बना रहे हैं। देश की सबसे बड़ी बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड खुद को तेजी से नवीकरणीय क्षेत्र के अनुकूल बना रही है। कि वे 2032 तक अपने कुल बिजली उत्पादन Power Generation का 45% अक्षय स्रोतों से बना रहे होंगे। ऐसा करने के लिए उन्हें 2.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की आवश्यकता होगी। सितंबर 2022 में कार्बन कैप्चरिंग यूनिट Capturing Unit शुरू करने वाली एनटीपीसी ऊर्जा के इस नए स्रोत को लेकर काफी उत्साहित है।

Last Updated on 01 October 2021

समय के साथ साथ अच्छी से अच्छी तकनीक में भी खामियां ढूंढ ली जाती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ है एटमी ऊर्जा के मामले में भी। जिसके बारे में कंजरवेटिव अधिकारियों का मानना है कि इसमें कार्बन का उत्सर्जन बहुत ही कम होता है और साथ ही नए, छोटे रिएक्टर आसानी से ऑनलाइन भी मंगवाए जा सकते हैं। लेकिन कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया कि यूरेनियम द्वारा चलने वाली इस ऊर्जा का हिस्सा, विभिन्न ऊर्जा द्वारा चलाए जाने वाले श्रोतों के बीच दिन पर दिन कम होता जा रहा है। एटमी ऊर्जा की कीमतें फुकुशिमा की हानि को बढ़ा चढ़ाकर दिखा रहे हैं। इन्हीं सब कारणों के चलते जर्मनी जैसे देश इस इंजन को हटाने के बारे में विचार कर रहे हैं जोकि लगभग 2025 तक पूर्ण रूप से समाप्त हो सकता है। आपको बता दें फुकुशिमा की तबाही के लगभग 10 साल बाद ये फैसला लिया गया है।

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