शिक्षक दिवस पर देखने के लिए सर्वश्रेष्ठ बॉलीवुड फिल्में

Share Us

4122
शिक्षक दिवस पर देखने के लिए सर्वश्रेष्ठ बॉलीवुड फिल्में
05 Sep 2021
5 min read

Blog Post

5 सितंबर को पूरा देश शिक्षक दिवस मनाता है और अगर आपको भी अपने पसंदीदा शिक्षक और स्कूल की याद आ रही है, तो आपको शिक्षक और छात्र पर बनीं कुछ फ़िल्में देखनी चाहिए, जो आपको आपके स्कूल के दिनों में वापस ले जाएंगी। आइए जानते हैं, बॉलीवुड की उन फ़िल्मों के बारे में जिसे हर शिक्षक और छात्र को जरूर देखना चाहिए।

चाहे आप कितने भी बडे़ क्यों ना बन जाएँ और चाहे कितना भी समय बीत जाए, अपने स्कूल, कॉलेज की पसंदीदा शिक्षक की यादों को भूलना नामुमकिन है। स्कूल और कॉलेज में हम अपनी जिंदगी के निर्णय लेते हैं और सही और गलत में फर्क समझ पाते हैं। स्कूल के बारे में एक और खास बात है, आपके सारे प्राथमिक अनुभव आप स्कूल में ही करते हैं। जैसे- पहला दोस्त, झगड़ा, छोटी-छोटी गलतियां, आपके टीचर के द्वारा की गई आपकी पहली तारीफ या शिकायत आदि। इस बात में कोई शक नहीं है कि एक शिक्षक किसी बच्चे की जिंदगी बदल सकता है। दरअसल एक शिक्षक होना, पेशे से ज्यादा एक जिम्मेदारी है। प्रत्येक बच्चे पर उनके शिक्षक का प्रभाव पड़ता है और यही कारण है कि बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ, समुदाय में सकारात्मक बदलाव लाने के भी जिम्मेदार शिक्षक ही होते हैं।

स्कूल, कॉलेज और शिक्षक से याद आया कि आज शिक्षक दिवस है। 5 सितंबर को पूरा देश शिक्षक दिवस मनाता है और अगर आपको भी अपने पसंदीदा शिक्षक और स्कूल की याद आ रही है, तो आपको शिक्षक और छात्र पर बनीं कुछ फ़िल्में देखनी चाहिए, जो आपको आपके स्कूल के दिनों में वापस ले जाएंगी। बॉलीवुड में ऐसी कुछ फ़िल्में हैं जो शिक्षक और छात्र पर बनी हैं। फ़िल्म में ड्रामा और संगीत भी कमाल का है। बॉलीवुड ने हमें शिक्षकों के बेहतरीन चित्रण दिए हैं, जैसे आदर्श शिक्षक, कूल टीचर, कठोर टीचर, क्रेजी टीचर, लेज़ी टीचर, आदि। आइए जानते हैं, बॉलीवुड की उन फ़िल्मों के बारे में जिसे हर शिक्षक और छात्र को जरूर देखना चाहिए।

1.तारे ज़मीन पर (2007)

तारे ज़मीन पर कहानी, एक आठ साल के लड़के ईशान पर आधारित है। पहले सारा समय स्कूल में बिताओ फिर घर आकर होमवर्क के भार वाली जिंदगी से ईशान काफी परेशान हो गया था। ईशान के पिता कठोर परिश्रम में यकीन रखते हैं और उसकी समस्याओं को समझने के बजाय ये मानते हैं कि ईशान मेहनत नहीं करना चाहता है और वो आलसी है। वहीं दूसरी तरफ ईशान की मां उससे काफी प्यार से पेश आती हैं। ईशान के पिता उसे बोर्डिंग स्कूल में भेज देते हैं और इन्हीं वजहों से ईशान अकेला रहने लगता है और किसी से बात करना नहीं पसंद करता है। बोर्डिंग स्कूल में ईशान की मुलाकात उसके कला शिक्षक राम शंकर निकुंभ से होती हैं। दरअसल ईशान बाकी विषयों में भले ही अच्छा नहीं होता है लेकिन कला में उसकी काफी रुचि होती है। राम शंकर निकुंभ ईशान की कॉपी देखकर समझते हैं कि उसे डिस्लेक्सिया है। राम शंकर निकुंभ ईशान के घर भी जाते हैं और उसके माता-पिता को ईशान की समस्या के बारे में बताते हैं। राम शंकर निकुंभ हर वो कोशिश करते हैं, जिससे ईशान एक बेहतर छात्र बन सकें। इतना ही नहीं, इस कहानी में आप यह भी जानेंगे कि कैसे वो ईशान की प्रतिभा को पहचानते है। वास्तव में इस कहानी में राम शंकर निकुंभ ने एक आदर्श शिक्षक बने हैं, जो एक बच्चे की जिंदगी बदल देते हैं। इस फिल्म में ईशान का किरदार दर्शील सफारी और राम शंकर निकुंभ का किरदार बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर ख़ान ने निभाया है। 

2.हिचकी (2018)

अभी आपने पढ़ा कि दर्शील को डिस्लेक्सिया की समस्या थी। लेकिन अब जानते हैं एक ऐसी फिल्म के बारे में जिसमें समस्या शिक्षक हो थी। 

हिचकी कहानी है एक ऐसी लड़की की जिसका सपना एक शिक्षिका बनने का था। उसे पता था कि वो एक बेहतरीन शिक्षिका बन सकती है। उसने कई स्कूल में इंटरव्यू दिए लेकिन टॉरेट सिंड्रोम जैसे डिसऑर्डर से पीड़ित होने की वजह से उसे कई स्कूलों ने रिजेक्ट किया। नैना माथुर को छात्रों के एक समूह हो पढ़ाने का काम दिया गया लेकिन अपने डिसऑर्डर की वजह से वह अकसर हंसी का पात्र बन जाती थी। नैना हार नही मानती है और उन छात्रों की प्रतिभा को पहचानते हुए छात्रों को अलग-अलग ढंग से पढ़ाना शुरू करती है। आप कह सकते हैं कि इस फिल्म में नैना माथुर का किरदार एक आदर्श शिक्षिका का है। इस फिल्म में नैना माथुर का किरदार रानी मुखर्जी ने निभाया है और फ़िल्म के निर्देशक सिद्धार्थ मल्होत्रा हैं।

3. कोटा फैक्ट्री (2019)

कोटा फैक्ट्री एक वेब सीरीज है जो यूट्यूब के एक पॉपुलर चैनल द वायरल फीवर (टीवीएफ) पर उपलब्ध है। इस वेब सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सफल होने के लिए छात्र कोटा आते हैं और उन्हें किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस वेब सीरीज के सारे ही किरदार बहुत अच्छे हैं लेकिन वैभव और जीतू भैया का किरदार दिल जीतने वाला है। हाल ही में कोटा फैक्ट्री सीजन 2 का भी ट्रेलर आया है। इस वेब सीरीज में वैभव का किरदार अभिनेता मयूर मोरे और जीतू भैया का किरदार जीतेंद्र कुमार ने निभाया है।

4.निल बटे सन्नाटा (2015)

जरूरी नहीं है कि हर बार क्लास में पढ़ाने वाले ही गुरु हो। आइए समझते हैं, इस फ़िल्म के माध्यम से। फिल्म निल बटे सन्नाटा कहानी है अपेक्षा सहाय और उसकी मां चंदा सहाय की। अपेक्षा को गणित समझने में बहुत दिक्कत होती थी, इसीलिए उसकी मां उसकी क्लास में एडमिशन लेती है ताकि वह उसे गणित में आने वाली समस्याओं में उसकी मदद कर सके। शिक्षक और छात्र के रिश्ते पर बनी फ़िल्मों में निल बटे सन्नाटा काफी अलग, अनोखी और प्रेरणादायक फिल्म है। इस फ़िल्म में चंदा सहाय का किरदार स्वरा भास्कर, अपेक्षा सहाय का किरदार रिया शुक्ला और स्कूल के प्रिंसिपल श्रीवास्तव जी का किरदार पंकज त्रिपाठी ने निभाया है।

5.सुपर 30 (2019)

सुपर 30 फिल्म पटना के गणितज्ञ आनंद कुमार के जीवन पर आधारित है। आनंद कुमार हर साल 30 ऐसे छात्रों को पढ़ाते हैं जो इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (JEE- Advanced जो पहले AIEEE था) पास करते हैं और उन छात्रों से वो फीस भी नहीं लेते हैं। आनंद कुमार छात्रों के लिए सुपर 30 प्रोग्राम चलाते हैं और इसी वजह से फ़िल्म का नाम सुपर 30 पड़ा। यह कहानी आनंद कुमार के द्वारा किए गए प्रयासों और संघर्ष को दर्शाती है। इस फिल्म में गणितज्ञ आनंद कुमार का किरदार बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता ऋतिक रोशन ने निभाया है।