महिलाओं पर बनीं सर्वश्रेष्ठ बॉलीवुड फ़िल्में

Post Highlight
इस दशक निर्देशकों ने अलग-अलग तरीकों की महिला केंद्रित फ़िल्में बनाई, जिसे दर्शकों ने अपनाया, लोगों ने सराहा और यहां तक कि ऐसी और फ़िल्मों की मांग बढ़ी। ज़माना किस तरह बदल रहा है, इसका यह एक बेहतरीन उदाहरण है। आज हम आपको बॉलीवुड की कुछ सर्वश्रेष्ठ महिला केंद्रित फ़िल्मों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया और इन फ़िल्मों की वजह से समाज में कई अच्छे बदलाव भी आए।
Podcast
Continue Reading..
बॉलीवुड फ़िल्मों को लोग अक्सर मनोरंजन के लिए देखते हैं। काफी समय से यह धारणा थी कि फ़िल्मों में फीमेल लीड तो होती है लेकिन फ़िल्म को सुपरहिट के तमगे के लिए एक अच्छे अभिनेता की जरूरत है। खुद फ़िल्म निर्देशकों का भी यही मानना था कि महिला केंद्रित फ़िल्में संदेश तो अच्छा देती हैं लेकिन कमाई के मामले में पीछे रह जाती हैं। ऐसी फ़िल्मों को कुछ ही दर्शक गंभीरता से लेते हैं और यही कारण है कि फ़िल्में अच्छा बिज़नेस नहीं कर पाती हैं। इसी दशक में बॉलीवुड फ़िल्मों में कुछ बदलाव आया। निर्देशकों ने अलग-अलग तरीकों की महिला केंद्रित फ़िल्में बनाई, जिसे दर्शकों ने अपनाया, लोगों ने सराहा और यहां तक कि ऐसी और फ़िल्मों की मांग की। ज़माना किस तरह बदल रहा है, इसका यह एक बेहतरीन उदाहरण है। आज हम आपको बॉलीवुड की कुछ सर्वश्रेष्ठ महिला केंद्रित फ़िल्मों के बारे में बताएंगे जिन्होंने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया और इन फ़िल्मों की वजह से समाज में कई अच्छे बदलाव आए।
1.इंग्लिश विंग्लिश (2012)
इंग्लिश विंग्लिश एक मेहनती गृहिणी शशि गोडबोले की कहानी है। शशि अपने काम को पूरी निष्ठा से करती हैं और वह एक बेहतरीन पत्नी, मां और गृहिणी हैं फिर भी शशि का पति और उसकी बेटी उसे अक्सर नीचा दिखाते हैं। उनके इस व्यवहार का कारण यह है कि शशि को अंग्रेजी भाषा बोलनी नहीं आती है। शशि एक अमेरिकी यात्रा के दौरान अंग्रेजी भाषा को सीखती हैं और उनके परिवार का व्यवहार उनकी तरफ बदल जाता है। फ़िल्म में शशि गोडबोले का किरदार श्रीदेवी जी ने निभाया है और फ़िल्म की निर्देशक गौरी शिंदे हैं।
2. डियर ज़िन्दगी (2016)
'डियर ज़िन्दगी' कहानी है कायरा की, जो मुंबई में रहती है। कायरा एक सिनेमेटोग्राफर है और अपनी खुद की फ़िल्म बनाना चाहती है। कायरा की ज़िन्दगी एक नया मोड़ लेती है जब वो अपने बचपन के दोस्त से ब्रेकअप कर लेती है, एक ऐसे लड़के के लिए जो उसे बिना बताए किसी दूसरी लड़की से सगाई कर लेता है। इसी बीच उसे कुछ परेशानियों की वजह से मुंबई छोड़कर गोवा, अपने माता-पिता के पास आना पड़ता है।
माता-पिता के साथ खराब रिश्ते, ब्रेकअप, धोखे की वजह से कायरा काफी दुखी रहने लगती है और उसे नींद भी नहीं आती है। इन्हीं सब के बीच कायरा डॉक्टर जहांगीर से मिलती है। कायरा को पता चलता है कि वो डिप्रेशन की शिकार है। डॉक्टर जहांगीर उसे कई अपरंपरागत तरीके बताते है जिनसे कायरा खुद को और बेहतर तरीके से जानने लगती है।
अंत में वो अपनी उस शॉर्ट फ़िल्म को भी पूरा कर लेती है, जिस पर वो कई सालों से काम कर रही थी। इस फ़िल्म में कायरा का किरदार आलिया भट्ट और डॉक्टर जहांगीर का किरदार शाहरुख ख़ान ने निभाया है। डियर ज़िन्दगी फ़िल्म की निर्देशक गौरी शिंदे हैं।
3.नीरजा (2016)
जब बायोपिक फ़िल्मों की बात आती है तो शायद ही कोई नीरजा फिल्म का नाम लेना भूलता है। फिल्म नीरजा, फ्लाइट पर्सर नीरजा भनोट के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने फ्लाइट हाईजैक होने के बाद विमान में बैठे 359 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की जान बचाई और उन्हें बचाने में नीरजा की मौत हो गई। फिल्म में स्वर्गीय नीरजा भनोट का किरदार सोनम कपूर ने निभाया है और इस फिल्म ने राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार भी जीता है।
4.राज़ी (2018)
स्टूडेंट ऑफ द ईयर फ़िल्म करने के बाद आलिया भट्ट ने कई महिला केंद्रित फ़िल्में जैसे- हाईवे, डियर जिंदगी और राज़ी में शानदार प्रदर्शन किया है। आने वाले समय में भी आलिया की कुछ महिला केंद्रित फिल्में रिलीज होंगी। फ़िल्म राज़ी हरिंदर सिक्का के 2008 के उपन्यास कॉलिंग सहमत पर आधारित है, जो एक सच्ची कहानी है। सहमत अपने पिता के कहने पर एक पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के परिवार में शादी करती है ताकि वह कुछ जरूरी जानकारी भारत को बता सके। इस फिल्म के माध्यम से सहमत ने एक सच्चे देशभक्त होने का मतलब समझा दिया। फ़िल्म में सहमत का किरदार आलिया भट्ट ने निभाया है और फ़िल्म की निर्देशक मेघना गुलजार हैं।