World Animal Day 2022: जानिये इस दिन का इतिहास और महत्व

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World Animal Day 2022: जानिये इस दिन का इतिहास और महत्व
01 Oct 2022
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विश्व पशु या जानवर दिवस (World Animal Day) प्रत्येक वर्ष 4 अक्टूबर को मनाया जाता है, इसका मिशन दुनिया भर के जानवरों के लिए कल्याण मानकों में सुधार करना है और सभी जानवरों के लिए दुनिया को बेहतर जगह बनाने के लिए काम करना है। इस साल 2022 में वर्ल्ड एनिमल डे, 4 अक्टूबर को मंगलवार के दिन मनाया जा रहा है। यह एक ऐसा दिन है जिसमें दुनिया भर के लोग जानवरों की भलाई और अधिकारों के लिए काम करते हैं। 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस में शामिल हों और उन लोगों के लिए आवाज उठाएं जिनके पास आवाज नहीं है।

विश्व पशु दिवस (World Animal Welfare Day) हर देश में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है, भले ही राजनीतिक विचारधारा, आस्था, धर्म या राष्ट्रीयता (Political Ideology, Faith, Religion or Nationality) कुछ भी हो। जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से, हम एक ऐसी दुनिया बनाने में सक्षम हैं जहां जानवरों को हमेशा संवेदनशील प्राणी के रूप में स्वीकार किया जाता है और उनके कल्याण के लिए लगातार पूरा सम्मान किया जाता है। 

विश्व पशु दिवस कब मनाया जाता हैं? (World Animal Day 2022)

हर साल 4 अक्टूबर को, दुनिया भर के लोग जानवरों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जानवरों के प्रति क्रूरता और अत्याचार को रोकने के लिए विश्व पशु कल्याण दिवस मनाते हैं। 

जर्मन लेखक और प्रकाशक हेनरिक ज़िमर्मन (German Author and Publisher Heinrich Zimmermann) ने पशु देखभाल के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के इरादे से 4 अक्टूबर 1929 को विश्व पशु दिवस की स्थापना की।

वर्ल्ड एनिमल वेलफेयर डे क्यों मनाया जाता है? (Why Is World Animal Welfare Day Celebrated) 

वास्तव में विश्व पशु संरक्षण दिवस के दिन को जानवरों को बचाने और उनके प्रति जागरूकता फैलाने लिए मनाया जाता है। यह और भी बहुत से उद्देश्यों से मनाया जाता है जो निम्न है:

  • जानवरों के प्रति इंसानो की क्रूरता को रोकना,

  • जानवरों के लिए प्राकृति द्वारा बनाए गए जंगलों को बचाना,

  • पशुओं की भावनाओं का सम्मान करना

  • पशुओं की स्थिति बेहतर करना,

  • पशु चिकित्सा और संरक्षण को बढ़ावा देना,

  • लुप्त होने की कगार पर पहुचने वाली प्रजातियों को बचाना,

  • वाइल्ड लाइफ (Wild Life) को नियंत्रित करना,

  • जीव-जंतुओं में भी मनुष्य की तरह जान है, अत: यह भी सम्मान का हक़ रखते है।

विश्व पशु संरक्षण दिवस का इतिहास (History Of World Animal Protection Day)

24 मार्च, 1925 को, मूल रूप से विश्व पशु दिवस (World Animal Protection Day) का आयोजन हेनरिक ज़िमरमैन (1887-1942) नामक एक जर्मन द्वारा किया गया था। वे न केवल एक लेखक थे, बल्कि उन्होने एक द्वि-मासिक पत्रिका भी प्रकाशित की थी, जिसका नाम Mensch und Hund (Man And Dog) था, इसे उन्होंने इस पत्रिका को पशु कल्याण (Animal Welfare) पर अपने विचारों को बढ़ावा देने के लिए एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया और विश्व पशु दिवस समिति की स्थापना के लिए इसका इस्तेमाल किया।

24 मार्च 1925 को, उनकी समिति ने विश्व पशु कल्याण दिवस का आयोजन किया, उन्होंने उस समय के पशु कल्याण मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बर्लिन, जर्मनी के स्पोर्ट्स पैलेस (Sports Palace of Berlin, Germany)  में इसका आयोजन किया और लगभग 5,000 लोगों ने इस पहले कार्यक्रम में हिस्सा लिया। और यह कार्यक्रम सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी (Francis of Assisi) के पर्व के साथ रेखित किया गया था जो 4 अक्टूबर का दिन था।

आपको बता दें कि Assisi के Francis ने अपने चारों ओर जानवरों की दुर्दशा को अपनी आँखों से देखा था और वे उनके दर्द को ठीक करना चाहते थे।

अगले कुछ वर्षों में, यह कार्यक्रम हर साल आयोजित किया गया और 1929 में, यह 4 अक्टूबर को आयोजित किया गया। अंततः मई 1931 में फ्लोरेंस इटली में अंतर्राष्ट्रीय पशु संरक्षण कांग्रेस (International Animal Protection Congress) द्वारा 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस मनाने का संकल्प अपनाया गया था।

जिसके बाद से आज पूरी दुनिया में जानवरो की भलाई के लिए वर्ल्ड एनिमल डे मनाया जाता है। वर्ष 2003 में Naturewatch Foundation ने एक वेबसाइट launch की जो World Animal day पर केन्द्रित हैं।

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विश्व पशु संरक्षण दिवस का महत्व (Importance Of World Animal Protection Day)

पृथ्वी पर जीवन बरकरार रखने के लिए जानवरों और मनुष्य के बीच बैलेंस होना काफी जरूरी है क्यों ये खाद्य श्रृंखला और इको सिस्टम के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, अगर ऐसा नहीं होता तो पृथ्वी पर जीवन की कल्पना करना मुश्किल है।

मनुष्य शुरू से ही बहुत ज्यादा स्वार्थी प्राणी रहा है जिसने सभी सीमाओं को लांघ कर पृथ्वी का पूर्ण शोषण भी किया है। आज मनुष्य ने पृथ्वी पर मौजूद कई प्राणियों एवं प्राकृतिक तत्वों के साथ-साथ कई पेड़ पौधों को भी नष्ट कर दिया है। कई प्रजातियां विलुप्त हो गई है और कुछ विलुप्त होने की कगार पर हैं।

यदि इन सभी को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो जल्द ही पृथ्वी पर से मनुष्य का जीवन भी समाप्त हो जाएगा। ऐसे में हमें पृथ्वी पर संतुलन बनाए रखने के लिए जीव जंतुओं पेड़ पौधों और पशु पक्षियों के साथ संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

कैसे सेलिब्रेट करे वर्ल्ड एनिमल डे  (World Animal Day Celebration)

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आयोजित कई कार्यक्रमों में समय के साथ भारी वृद्धि हुई है। विभिन्न देशों के लोग अंतर्राष्ट्रीय पशु दिवस की इकाई के अंतर्गत इन कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। जहां से इन कार्यक्रमों की सूचना दी जा रही है उन नए देशों ने भी एक स्थिर वृद्धि देखी है। अंतर्राष्ट्रीय पशु दिवस की वेबसाइट (International Animal Day website) दुनिया भर में होने वाली घटनाओं का एक अद्यतन प्रदान करती है। प्रत्येक घटनाक्रम की सफलता की कहानियां और उनके समुदाय पर होने वाले प्रभाव को वेबसाइट पर हर किसी को पता करने के लिए सूचित किया जाता है। इसने इस मिशन के साथ एकीकृत करने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों से पशु अधिकारों के प्रति उत्साहित लोगों को प्रोत्साहित करने में भी मदद की है।

अंतर्राष्ट्रीय पशु दिवस समारोह (International Animal Day Celebrations) की पहुंच ने पिछले दशक में एक अभूतपूर्व वृद्धि देखी है। 2003 में 13 देशों में आयोजित 44 कार्यक्रम थे जिनकी संख्या अब 100 देशों में आयोजित होने वाले 1000 से अधिक कार्यक्रमों तक पहुंच गई हैं। इसने विभिन्न प्लेटफार्मों में प्रयासों को एकजुट करने में मदद की जिससे संदेश की पहुंच का विस्तार किया जा सकेगा। अंतर्राष्ट्रीय पशु दिवस अभियान (International Animal Day Campaign) ने विभिन्न देशों में सफलता प्राप्त करने के लिए अन्य देशों के कार्यकर्ताओं को उनके प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहन देने की पेशकश की है।

इसके साथ ही पालतू जानवरों को गोद लेने एवं बेघर जानवरों को आश्रय प्रदान करने जैसे कार्य भी किए जाते हैं, यहां तक कि पालतू जानवर और उनके पशुओं के लिए कुछ सहायता राशि भी प्रदान की जा सकती है। इतना ही नहीं पशु संगठन एवं पशुओं के लिए बने अन्य कानूनों के प्रति लोगों से बातचीत करने हैं एवं चर्चा आदि के लिए कई सम्मेलनों और सेमिनारों की व्यवस्था भी की जाती है।