3 पॉइंट लाइटिंग से अपनी तस्वीर को बनाएं परफेक्ट

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3 पॉइंट लाइटिंग से अपनी तस्वीर को बनाएं परफेक्ट
24 May 2022
6 min read

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क्या आपको फोटोग्राफी का शौक है? फिर अपनी तस्वीरों को रंगीन और अद्वितीय बनाएं। फोटोग्राफी चाहे किसी भी टाइप की हो, किसी भी सब्जेक्ट की हो, उसमें लाइटिंग की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। लाइटिंग के बिना फोटोग्राफी (Photography) वैसा ही है जैसे रंगों के बिना चित्रकारी! एक अच्छे आकर्षक पोर्ट्रेट के लिए लाइटिंग को समझना बेहद जरूरी है।

3 पॉइंट लाइटिंग तीन अलग-अलग कोणों से प्रकाश स्रोतों का उपयोग करके एक दृश्य में किसी विषय को रोशन करने की एक पारंपरिक तकनीक है। की लाइट, (Key Light) फिल लाइट और बैकलाइट तीन तरह की लाइट हैं।

क्या आपको फोटोग्राफी का शौक है? फिर अपनी तस्वीरों को रंगीन और अद्वितीय बनाएं। फोटोग्राफी चाहे किसी भी टाइप की हो, किसी भी सब्जेक्ट की हो, उसमें लाइटिंग की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। लाइटिंग के बिना फोटोग्राफी (Photography) वैसा ही है जैसे रंगों के बिना चित्रकारी! एक अच्छे आकर्षक पोर्ट्रेट के लिए लाइटिंग को समझना बेहद जरूरी है।

3 पॉइंट लाइटिंग तीन अलग-अलग कोणों से प्रकाश स्रोतों का उपयोग करके एक दृश्य में किसी विषय को रोशन करने की एक पारंपरिक तकनीक है। की लाइट, (Key Light) फिल लाइट और बैकलाइट तीन तरह की लाइट हैं।

1. Key Light की लाइट

आज हम आपको बतायेगे की एक फोटोग्राफर, सिनेमैटोग्राफर, लाइटिंग कैमरामैन, अपने फोटो में क्या-क्या वेरिएशन कर सकते है और उसे कैसे आकर्षक बना सकते है की लाइट (Key Light) मेन सोर्स ऑफ़ लाइट (main source of light) है यह एक सीन को अपना ओवरऑल एक्सपोजर (Exposure) देता है। सिनेमैटोग्राफर (Cinematographers) आमतौर पर इस मुख्य लाइट को कैमरे के किनारे और विषय (subject) के सामने की ओर, कैमरे से 45 डिग्री के कोण पर एक हल्के स्टैंड पर रखते हैं, जो सब्जेक्ट के चेहरे के विपरीत दिशा में छाया बनाता है, इसे आयाम और गहराई (Dimensions and Depths) देता है । एकल प्रकाश के साथ काम करते समय शैडो को  कम करने के लिए, इसे कैमरे के करीब रखते है । जब दो रोशनी का उपयोग किया जाता है, तो दूसरी रोशनी छाया (shadow lighting)  को कम करने का काम करती है। वीडियो पोर्ट्रेट के लिए की लाइट  बहुत कठोर हो सकती है  हर दाना  (pimple) और झुर्रियां दिखाई देंगी। एक दृश्य का स्वर उसके प्रमुख प्रकाश द्वारा निर्धारित किया जाता है। इसकी स्थिति और समग्र प्रकाश व्यवस्था में उपयोग की जाने वाली पूरक रोशनी के आधार पर, यह एक हाई की इमेज (High key image) या लो की इमेज (Low key image)  बनता है।

2. फील लाइट  Fill Light

फील लाइट जो कि दूसरी लाइट है, फिल लाइट, जो कैमरे के दूसरी तरफ प्रतिबिंबित (reflective) होती है, भौतिक रूप से किसी विषय पर की लाइटिंग द्वारा डाली गई शैडो को भर देती  है, जिससे अंधेरे का  विवरण सामने आता है। यह सहायक प्रकाश अक्सर की लाइट के कम्पैरिजन में कम ब्राइट (bright)  होता है, और छायाकार (cinematographer) फील लाइट को कम या चमकीला करके अपनी छवियों के समग्र अनुभव को समायोजित कर सकते हैं। की लाइटिंग की तरह, यह लाइट को आमतौर पर 20 डिग्री से 45 डिग्री की ओर और 30 डिग्री से 45 डिग्री कैमरा-से-विषय-अक्ष के ऊपर स्थित होता है, लेकिन कैमरे के विपरीत दिशा में। फील लाइट आमतौर पर  सॉफ्ट होता है और कठोर छाया (hard shadow) नहीं डालता है। हालांकि, यह मुख्य प्रकाश (main light) द्वारा डाली गई छाया को कम करके ऐसा करता है। लाइट को कम और सॉफ्ट करने के लिए, फील लाइट आमतौर पर एक बड़ा परावर्तक और स्क्रिम (reflector and scrim) होता है। फील लाइट मुख्य प्रकाश की तरह ब्राइट नहीं होना चाहिए; आप शैडो  को पूरी तरह से हटाना नहीं चाहते हैं; आप चाहते हैं कि वे उस बिंदु तक कम हो जाएं जहां वे सूक्ष्म चरित्र (subtle character) देता हैं। या प्रकाश को कम करने के लिए विकसित या क्लिप की गई है। रंग तापमान को प्रभावित किए बिना फील लाइट को आमतौर पर 20% तक मंद किया जा सकता है। फील लाइट, मुख्य प्रकाश के साथ, एक दृश्य का मिजाज सेट करता है।

3. Backlight  बैकलाइट 

रियर लाइट्स (Rear lights) के साथ डेप्थ और ड्रामा क्रिएट करने के लिए यह स्टूडियो लाइटिंग (studio lighting) तकनीक इस्तेमाल की जाती है। ड्रामा पैदा करने के लिए, अपनी एक लाइट पर हनीकोम्ब या स्नूट एसेसरी (Honeycomb or Snoot Accessory) इस्तेमाल करें। इसे हम मॉडल के पीछे कैमरा की ओर मुंह करके रखेंगे, जिससे उसके सिर के पीछे लाइटिंग होगी। किसी फोटो को बैकग्राउंड के अलग दिखाने के लिए इस तरह की लाइटिंग काम में ली जा सकती है। ध्यान रहे कि लाइट दिखे नहीं। व्यक्ति के पीछे  से 45 डिग्री से 75 डिग्री ऊपर स्थित है। सुनिश्चित करें कि लाइट आपके कैमरे के लेंस में चमकने से बचने के लिए दृश्य से काफी दूर हो। अदृश्य रहते हुए काम को पूरा करने के लिए लाइट को पर्याप्त ब्राइट रखें। सब्जेक्ट के ठीक पीछे लाइट के द्वारा एक रूपरेखा बनाई जाती है। लाइट का एक अच्छा स्रोत पीछे और ऊपर की तरफ होता है एक पूरक के रूप में पोर्ट्रेट फ़ोटोग्राफ़ी (Portrait photography) में सुनिश्चित करें कि आपका एक्सपोज़र लाइट के लिए सेट हो, न कि सब्जेक्ट के लिए, ताकि आपके सब्जेक्ट को सिल्हूट (Silhouette) (हलके रंग की पृष्ठभूमि पर किसी की काली ठोस आकृति) किया जा सके। बैकलाइट आमतौर पर विषय के ठीक पीछे या फ्रेम से बाहर होने के लिए, मुख्य प्रकाश के विपरीत, और विषय को लक्षित करने के लिए रखा जाता है।

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