भारत के सबसे अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज

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भारत के सबसे अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज
02 Jan 2023
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भारत  के शैक्षणिक क्षेत्र में, इंजीनियरिंग अन्य सभी  विषयों की तुलना में सबसे प्रगतिशील रही है। लगभग 3000-3500 संस्थान बी.टेक की पेशकश कर रहे हैं। या इसके समकक्ष डिग्री। इंजीनियरिंग भारत में काफी अधिक खोजे जाने वाले पाठ्यक्रमों में से एक है। टॉप Engineering इंजीनियरिंग कॉलेजों की सूची से छात्रों को यह तय करने में आसानी होती है कि किस कॉलेज में आवेदन करना है और कौन सा कॉलेज उनके लिए बेस्ट है। इंजीनियरिंग के सेक्टर में संभावनाएं अधिक हैं क्योंकि इनकी मांग सभी प्रकार के उद्यमों में होती है। भारत में लगभग 3500 इंजीनियरिंग कॉलेज मौजूद हैं। चलिए आज इस आर्टिकल के माध्यम से भारत के बेस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज Best Engineering Colleges In India के बारे में जानते हैं।

भारत में हर किसी के माता पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर, साइंटिस्ट या प्रोफेसर आदि बने। आज किसी भी सेक्टर में चले जाइये कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा है इसलिए छात्र को गाइडेंस की जरुरत अवश्य पड़ती है। आजकल कॉलेज ही इतने ज्यादा हैं कि छात्र कंफ्यूज हो जाता है कि उसे कौन सा कॉलेज चुनना है मतलब उसके लिए कौन सा कॉलेज बेस्ट रहेगा। क्योंकि हर कोई चाहता है कि वो किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन ले और अपने career (व्यवसाय) में सबसे आगे जाये।

उसके लिए उसे सही दिशा-निर्देश, उचित ज्ञान और उस कोर्स या कैरियर से संबंधित पर्याप्त जानकारी होना और सबसे जरुरी है उस कॉलेज के बारे में जानना जिसमे एडमिशन लेना है। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत को हमेशा से विश्‍व के टॉप देशों में गिना जाता रहा है इसलिए इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक अच्छे करियर के लिए सबसे महत्वपूर्ण है सबसे अच्छे महाविद्यालय University और कॉलेज College के बारे में जानना।

हमारे देश में कई ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेज है जिनका नाम विश्व के बेहतरीन कॉलेज की सूची में भी आता है। तो चलिए जानते हैं भारत के बेस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज Best engineering colleges in India में किस किस कॉलेज का नाम शुमार है। 

भारत के सबसे अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज Best Engineering Colleges In India

Indian Institute of Technology Madras भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास सूची में शीर्ष नंबर पर है। Tamil Nadu में स्थिर, भारतीय इंजीनियरिंग संस्थान,भारत का नंबर 1 Engineering Institute है जो अपने व्यावसायिक शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। आईआईटी मद्रास का निर्माण 1959 में किया गया था। भारत के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर कॉलेज में शीर्ष स्थान पर आना अपने आप ही आईआईटी मद्रास की सफलता की कहानी कहता है।

इसका मुख्य उद्देश्य भारत में इंजीनियरिंग के प्रति शिक्षा को बढ़ावा देना To promote education towards engineering था। इसे सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विश्व के उच्चतम शिक्षण संस्थानों में गिना जाता है। इस कॉलेज के Chairman Pawan Kumar Goenka चेयरमैन पवन कुमार गोयनका हैं और डायरेक्टर director Kamakoti Veezhinathan कामकोटि वीझीनाथन हैं, इस कॉलेज में कुल 677 शैक्षणिक कर्मचारी ( Academic staff ) हैं।

इस कॉलेज में कुल छात्रों की संख्या लगभग 6220 है। आईआईटी मद्रास से निकले छात्र दुनिया भर में अपना झंडा गाड़ रहे हैं। इसमें लगभग 550 फैकल्टी, 8000 छात्र और 1200 प्रशासनिक और सहायक कर्मचारी हैं। यह लगभग 250 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। इस कॉलेज में आपको कैंपस, हॉस्टल, और भी अन्य कई प्रकार की सुविधाए मिल जाती हैं।

Indian Institute of Technology Delhi भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली

इस सूची में Indian Institute of Technology Delhi भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली को भी शीर्ष स्‍थान मिला है। इसका निर्माण 1961 में किया गया था और तब से लेकर आज तक आईआईटी दिल्‍ली ने अपना शीर्ष स्थान कायम रखा है। यह इंस्टिट्यूट New Delhi के Hauz Khas South Delhi में स्थित है।

यह भारत के सबसे पुराने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है। एक से बढ़कर एक रिसर्च इस इंस्टिट्यूट में होते रहे हैं और यही इसकी खासियत भी है। JEE जी एंट्रेंस में टॉप रैंकिंग लाने वाले स्टूडेंट्स की पहली पसंद में आईआईटी दिल्ली निश्चित रूप से सबसे ऊपर है और इसके पीछे इस संस्थान की अथक मेहनत और गौरवशाली इतिहास रहा है।

इस कॉलेज में लगभग कुल 700 स्टाफ और 10000 छात्र पढाई करते हैं और इस कॉलेज में कुल 600 विभाग ( Faculty ) उपलब्ध है। अपनी स्थापना के बाद से, कई छात्रों ने इंजीनियरिंग, भौतिक विज्ञान, इंजीनियरिंग और मानविकी और सामाजिक विज्ञान Engineering, Physics, Engineering and Humanities and Social Sciences सहित विभिन्न विषयों में IIT दिल्ली से स्नातक किया है और अपना सवश्रेष्ठ करियर बनाया है।

Indian Institute of Technology Delhi इस इंस्टिट्यूट में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थियों को एडमिशन लेने से पहले एक एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना पड़ता है। देश की राजधानी में स्थित आईआईटी दिल्ली निश्चित रूप से ना केवल देश के, बल्कि दुनिया के बेहतरीन इंजीनियरिंग कॉलेज में अपना स्थान रखता है। यदि आप अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के लिए एक बेहतर कॉलेज की तलाश में हैं, तो यह कॉलेज आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। 

Indian Institute of Technology Bombay भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे

आईआईटी बॉम्बे की स्थापना 1958 में की गई थी। Indian Institute of Technology Bombay अपने बेहतरीन शिक्षा और प्लेसमेंट के लिए पूरे भारत में मशहूर है। इस कॉलेज के डायरेक्टर Subhasis Chaudhuri हैं, यह कॉलेज आदि शंकराचार्य मार्ग, पोवाई, मुंबई, 400076 महाराष्ट्र, इंडिया में स्थित है। देश की औद्योगिक राजधानी में स्थित आईआईटी बॉम्बे को इस सूची में शीर्ष स्थान मिला है।

यहां से पढ़कर निकलने वाले छात्र देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्‍व में देश का नाम रोशन करते हैं। आईआईटी बॉम्बे विदेशी सहायता के साथ स्थापित होने वाला पहला आईआईटी है। यह इंस्टिट्यूट मुंबई Maharashtra में स्थित है यहां से Engineering करने वाले छात्रों को अन्य इंस्टीट्यूट की तुलना में ज्यादा तवज्जो दी जाती है, जिसका श्रेय यहां के एजुकेशन सिस्टम को जाता है।

इसे यूनेस्को UNESCO से आर्थिक मदद तत्कालीन सोवियत संघ के चलन रूबल्स के रूप में मिला था। वर्ष 1961 में संसद ने आईआईटी को ‘राष्ट्रीय महत्वपूर्ण संस्थान’ के रूप में घोषित किया। भारतीय इंजीनियरिंग संस्थान मुंबई में शामिल कुछ महत्वपूर्ण कोर्सेज और प्रोग्राम है, जो इसे भारत का टॉप कॉलेज बनाते हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे अपने प्लेसमेंट के लिए विख्यात है। शोध छात्रों के लिए बेहद मशहूर और लोकप्रिय इंस्टिट्यूट के रूप में आईआईटी बॉम्बे का नाम शामिल है।

Indian Institute of Technology Kanpur भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर

भारत में शीर्ष इंजीनियरिंग की सूची में कानपुर को भी शीर्ष नंबर पर रखा गया है। Indian Institute of Technology Kanpur भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर स्थापना 1959 में की गई थी। इस इंस्टीट्यूट की लोकप्रियता इसकी फैसिलिटी और बेहतर शिक्षा व्यवस्था Facility and better education system से है।

इसका मुख्य उद्देश्य कानपुर  के लोगों को इंजीनियरिंग से सम्बंधित बेहतर शिक्षा प्रदान करना था लेकिन आज देश के लगभग सभी छात्र इस कॉलेज से इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल करना चाहते है। साथ ही यदि आप उत्तर प्रदेश,और बिहार जैसे राज्य में रहते हैं और आप अपने लिए एक बेहतर कॉलेज के तलाश में हैं तो इंजीनियरिंग करने के लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी कानपुर कॉलेज आपके लिए एक बेहतर कॉलेज साबित हो सकता है।

इसे अमेरिका और भारत के सहयोग के रूप में स्थापित किया गया था। यह मुख्य रूप से विज्ञान एवं अभियांत्रिकी में शोध तथा स्नातक शिक्षा पर केंद्रित एक प्रमुख भारतीय तकनीकी संस्थान बनकर उभरा है। इस कॉलेज में कुल 447 शैक्षणिक कर्मचारी ( Academic staff ) हैं। इस कॉलेज में कुल छत्रो की संख्या 6416 हैं जिसमे से अंडरग्रेजुएट ( Undergraduates ) लगभग 3686 पोस्टग्रेजुएट ( Postgraduates ) 1341 और डॉक्टरेट छात्र ( Doctoral students ) 1389 हैं।

इस कॉलेज के डायरेक्टर अभय करंदीकर Director Abhay Karandikar हैं, यह कॉलेज कल्याणपुर, कानपुर, उत्तर प्रदेश, भारत  में स्थित है। 

Indian Institute of Technology Kharagpur भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर

टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में खड़गपुर का नंबर भी आता है। यह काफी पुराना आईआईटी संस्थान है, इसका निर्माण भारत सरकार द्वारा 1951 में किया गया था। भारत सरकार ने इसे आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण संस्थान माना है। इनमें बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक.ऑनर्स), बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (बीएआरसी) और 5 वर्षीय एकीकृत मास्टर ऑफ साइंस शामिल हैं।

इसकी स्‍थापना आजादी के बाद देश में उच्च कोटि के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लिए हुई थी। भारत के सभी आईआईटी संस्थानो में से इसका क्षेत्रफल सबसे ज्‍यादा है। साथ ही यहां के विभाग और छात्रों की संख्या भी सबसे अधिक है। एक कॉलेज को बेहतर बनाने के लिए जो सुविधाएँ  चाहिए वह सारी  सुविधाएँ इस कॉलेज में उपलब्ध है,जैसे कैंपस, प्लेसमेंट, और अन्य कई प्रकार की  सुविधाएँ  जो इस कॉलेज को बेहतर बनाती हैं।

इस कॉलेज के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार तिवारी Virender Kumar Tiwari हैं, यह कॉलेज खड़गपुर, पश्चिम बंगाल, 721302 भारत में स्थित है। इस कॉलेज में लगभग कुल 810 शैक्षणिक कर्मचारी ( Academic staff ) हैं, 1500 प्रशासनिक स्टाफ ( Administrative staff ) और इस कॉलेज में कुल छात्रों की संख्या 11,795 हैं जिसमे से अंडरग्रेजुएट ( Undergraduates ) 6210 पोस्टग्रेजुएट ( Postgraduates ) 2770 , और डॉक्टरेट छात्र ( Doctoral students ) 2815 हैं। 

Indian Institute of Technology Roorkee भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की

इसे पहले रुड़की विश्वविद्यालय (1949-2001) और थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग Thomson College of Civil Engineering (1847-1949) के नाम से जाना जाता था। 2001 में इसका नाम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रूड़की रखा गया। इस संस्थान को विश्व के टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों में गिना जाता है और यह हमेशा से ही टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में शामिल रहा है।

यह संस्थान रुड़की, उत्तराखंड, भारत में स्थित एक सार्वजनिक तकनीकी और अनुसंधान विश्वविद्यालय है। ब्रिटिश भारत में तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर सर जेम्स थॉमसन द्वारा 1847 में स्थापित, यह एशिया का सबसे पुराना तकनीकी Institute है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की या आईआईटी रुड़की के डायरेक्टर अजीत कुमार चतुर्वेदी Director Ajit Kumar Chaturvedi हैं। आईआईटी में शामिल होने से पहले से ही रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से यह बेहद मशहूर इंस्टीट्यूट था।

इस कॉलेज की खूबी इसकी प्लेसमेंट, टीचिंग और दूसरे पैरामीटर्स Teaching and Other Parameters हैं जो इसे दूसरे कॉलेज से बहुत ऊपर रखते हैं। आईआईटी में आने के बाद भी इसने अपनी छवि को ऐसे ही कायम रखा है। 

Indian Institute of Technology Guwahati भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी

Indian Institute of Technology Guwahati भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी की स्‍थापना 1994 में की गई थी। इसका उद्देश्य भारत में अधिक से अधिक शिक्षा को स्थापित करना था। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शीर्ष कॉलेज में सबसे पुराने कॉलेज में आईआईटी गुवाहाटी का नाम भी शामिल है और इस लिस्ट में कई पैरामीटर्स को देखते हुए इसका नाम भी टॉप कॉलेज की सूची में है।

भारत के Top engineering colleges में से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (IIT गुवाहाटी) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक सार्वजनिक तकनीकी और अनुसंधान विश्वविद्यालय है, जो भारत में असम राज्य में गुवाहाटी में स्थित है और ये पूर्वोत्तर का एकमात्र आईआईटी संस्‍थान है। यहां पर शैक्षणिक कार्यक्रम 1995 में शुरू हुआ। वर्तमान में इस संस्थान के अंदर सभी प्रमुख इंजीनियरिंग और विज्ञान विषय को शामिल किया गया है।

इस संस्‍थान का परिसर 285 एकड़ में फैला हुआ है। 11 जून 2020 को जारी एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग NIRF India Ranking 2020 में आईआईटी गुवाहाटी को इंजीनियरिंग और ओवरऑल कैटेगरी दोनों में 7वां स्थान मिला है। इसके डायरेक्टर T. G. Sitharam टी. जी. सीताराम हैं। 

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Indian Institute of Technology Hyderabad भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद

आईआईटी हैदराबाद का नाम भी बेस्ट कॉलेज में गिना जाता है। इसकी स्थापना 2008 में की गई थी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद या IIT हैदराबाद संगारेड्डी जिले, तेलंगाना, भारत में स्थित एक सार्वजनिक तकनीकी और अनुसंधान विश्वविद्यालय है। इसकी नींव अनुसंधान और नवाचार research and innovation पर आधारित है।

आज यह संस्‍थान इंजीनियरिंग, विज्ञान, कला और डिजाइन की सभी शाखाओं में कार्यक्रम प्रदान करता है। इसमें लगभग 222 पूर्णकालिक संकायों के साथ 1,155 स्नातक( Undergraduate), 635 परास्नातक (Masters)और 893 पीएचडी(PHD) छात्र हैं। यह कॉलेज एक बेहतर कॉलेज में से एक माना जाता है ,क्योंकि इस में वो सारी  सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जिन्हें पाना हर एक छात्र का सपना होता है।

इसमें कैंपस, प्लेसमेंट, टीचिंग और अन्य कई प्रकार की  सुविधाएँ  हैं जो आपके सपनो को साकार करती है। इस कॉलेज के डायरेक्टर Budaraju Srinivasa Murty बुदराजू श्रीनिवास मूर्ति हैं। 

National Institute of Technology Tiruchirappalli राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुचिरापल्ली

यह कॉलेज भी टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में शामिल है। इस कॉलेज का निर्माण 1964 में किया गया था। यह राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है और मानव संसधान विकास मंत्रालय एमएचआरडी Ministry of Human Resource Development (MHRD) के गैर-लाभकारी सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत प्रस्तावित 21 आईआईटी में से एक है।

National Institute of Technology Tiruchirappalli भारत के तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली शहर के पास है। यह भारत के सबसे पुराने तकनीकी विश्वविद्यालयों में से एक है। यह छात्रों का बेहतर भविष्य बनाने में योगदान देता है। दक्षिण भारत के एक बेहतरीन कॉलेज में इसकी गिनती होती है। सबसे खास बात यह है कि यह आईआईटी से बाहर का संस्थान है, जिसे इस रैंक पर शीर्ष स्थान मिला है।

इसके अलावा इस कॉलेज की एक मुख्य बात यह है कि यह विश्वविद्यालय का संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम United States and United Kingdom सहित भारत और विदेशों में विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केंद्रों के साथ शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग है। कई कॉलेज के बीच अपना एक अलग स्थान बनाना निश्चित रूप से एक गर्व का विषय है। जाहिर तौर पर बड़ी तेजी से इस संस्थान ने टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में अपना स्थान सुनिश्चित किया है।

Indian Institute of Technology Indore भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर

आईआईटी के तमाम कॉलेज भारत के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में अपना स्थान हमेशा से ही बनाए रखते आ रहे हैं। IIT इंदौर को आधिकारिक तौर पर भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है। आईआईटी इंदौर की स्थापना 2001 में हुई थी। आरम्भ में इसकी कक्षाएं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंजीनियरी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में लगीं।

फिर 2016 से इसके अपने कैम्पस में लग रहीं हैं जो सिमरौल नामक स्थान में स्थित है। यह केंद्र सरकार द्वारा स्‍थापित 8 नए आईआईटी में से एक है। एनआईआरएफ यानी नेशनल इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क 2020 National Institute Ranking Framework 2020 के अनुसार आईआईटी इंदौर को भी टॉप इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट में शीर्ष दर्जा प्राप्त है। टॉप इंस्टिट्यूट का चयन टीचिंग के अलावा लर्निंग और रिसोर्सेज, रिसर्च और प्रोफेशनल ट्रेनिंग, कैंपस, प्लेसमेंट, मार्किंग आदि कई पैरामीटर्स के आधार पर किया जाता है।

भारत में इंजीनियरिंग कॉलेज हर क्षेत्र में कई तरह की विशेषज्ञता प्रदान करते हैं। उनमें से Indian Institute of Technology Indore भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर भी भविष्य की संभावनाओं के आधार पर सबसे पसंदीदा कॉलेज में से एक है। Indian Institute of Technology Indore के डायरेक्टर Professor Suhas S. Joshi प्रोफेसर सुहास एस जोशी हैं। 

Indian Institute of Technology (BHU) Varanasi भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बी.एच.यू.) वाराणसी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का एक संस्थान 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय)' भारत के प्राचीन नगर वाराणसी में स्थित विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी के लिए प्रसिद्ध एक शिक्षा संस्थान है। इस संस्थान को 'आई.आई.टी.- बी.एच.यू.' के नाम से भी जाना जाता है।

इसकी स्थापना की बात करें तो इस संस्थान की स्थापना सन् 1919 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी Varanasi of Uttar Pradesh में हुई। इस संस्थान की स्थापना सन्‌ 1919 में पंडित मदन मोहन मालवीय Pandit Madan Mohan Malaviya जी के द्वारा की गयी थी। 

यह संस्थान भारत के सबसे पुराने इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक है। इसे भारत के सबसे अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक गिना जाता है। इस संस्थान में 13 विभाग हैं और यह संस्थान तीन अंतर-अनुशासनात्मक स्कूलों में तकनीकी शिक्षा प्रदान करता है। आई.आई.टी. बी.एच.यू. परिसर वाराणसी के 1,300 एकड़ में गंगा नदी के तट पर फैला हुआ है।

प्रौद्योगिकी संस्थान (अधिनियम 2012) के अंतर्गत 30 अप्रैल, 2012 को यह 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान' (आई.आई.टी.) में संशोधित किया गया। इसमें स्नातक छात्रों को प्रवेश प्राप्त करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा आयोजित 'संयुक्त प्रवेश परीक्षा' के माध्यम से और स्नातककोत्तर के लिए इंजीनियरिंग में 'स्नातक योग्यता टेस्ट' (गेट) के माध्यम से प्रवेश होता है। यह संस्थान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के तत्वावधान में स्थापित एक इंजीनियरिंग संस्थान है। 

अभी वाराणसी IIT (BHU) और भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) के बीच IIT (BHU) में "मशीन टूल्स डिज़ाइन पर उत्कृष्टता केंद्र (CoE)" स्थापित करने के लिए MHI योजना के तहत एक समझौता ज्ञापन (MoU) का आदान-प्रदान किया गया।

उद्योग भवन, नई दिल्ली में 30 दिसंबर, 2022 (शुक्रवार) को डॉ. महेंद्र नाथ पांडे, माननीय भारी उद्योग मंत्री और कामरान रिजवी, सचिव, भारी उद्योग की उपस्थिति में प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन, निदेशक, आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी और विजय मित्तल, संयुक्त सचिव, एमएचआई ने समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया।

इस योजना के तहत, तीन उच्च अंत मशीन टूल प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए मशीन टूल्स डिजाइन पर उत्कृष्टता केंद्र को मंजूरी दी गई है। परियोजना लागत को एमएचआई और एचएमटी मशीन टूल्स लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित किया जा रहा है। 

सीओई center of excellence का लक्ष्य कैपिटल गुड्स सेक्टर में वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना और इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में तेजी लाना है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) वाराणसी अग्रणी तकनीकी संस्थानों में से एक है और इसने अपनी स्थापना के बाद से उच्च शैक्षणिक मानकों को बनाए रखा है। IIT (BHU) वाराणसी ने ऐसे पूर्व छात्र दिए हैं जिन्होंने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।

National Institute of Technology Karnataka NIT Surathkal राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कर्नाटक एनआईटी सूरथकल

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एनआईटी सुरथकल कर्नाटक अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में गिना जाता है। एनआईटी सुरथकल को पहले कर्नाटक क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज (केआरईसी) के नाम से जाना जाता था। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर्नाटक (एनआईटीके) को एनआईटीके सुरथकल के नाम से भी जाना जाता है।

एनआईटी सुरथकल की स्थापना 1960 में केआरईसी के रूप में हुई थी। कर्नाटक क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज (KREC) की आधारशिला 6 अगस्त 1960 को सुरथकल में रखी गई थी। यह भारत के 31 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है और भारत सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है। 

केआरईसी ने इंजीनियरिंग में तीन स्नातक पाठ्यक्रमों मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और सिविल के साथ कोर्स शुरू किया। इसके बाद 1965 में केमिकल और मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक पाठ्यक्रमों की शुरुआत हुई। 1966 में, कॉलेज ने समुद्री संरचनाओं और औद्योगिक संरचनाओं में अपना पहला स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया।

इसके बाद औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स (1969), हीट पावर (1971), हाइड्रोलिक्स और जल संसाधन (1971), रासायनिक संयंत्र डिजाइन इंजीनियरिंग (1971) और प्रक्रिया धातुकर्म (1972) में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया। फिर इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग, खनन इंजीनियरिंग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियरिंग कोर्स की शुरुआत की गई।

26 जून 2002 को इसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा दिया गया था और तब से इसे एनआईटी कर्नाटक (एनआईटीके) कहा जाता है। अब यह एक डीम्ड यूनिवर्सिटी है। 

NIT Rourkela - National Institute of Technology नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, राउरकेला उड़ीसा 

एनआईटी राउरकेला प्रमुख राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में से एक है और भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। यह डीम्ड यूनिवर्सिटी है और एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU) का सदस्य है और NAAC द्वारा 'ए' ग्रेड से मान्यता प्राप्त है। इसकी स्थापना वर्ष 1961 में हुई है। इसके परिसर की बात करें तो 647 एकड़ में है।

इस संस्थान को 2022 में इंजीनियरिंग श्रेणी के तहत एनआईआरएफ द्वारा 15 वें स्थान पर रखा गया है। एनआईटी राउरकेला विभिन्न विशेषज्ञता में बीटेक, बीएआरच, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम जैसे एमटेक, एमबीए, एमएससी और पीएचडी कार्यक्रम जैसे स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करता है। ये पाठ्यक्रम इस संस्थान में 20 से अधिक विभागों में पेश किए जाते हैं। संस्थान विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान करता है।

एनआईटी राउरकेला द्वारा प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति छात्रों की योग्यता और श्रेणी पर आधारित होती है। इस संस्थान द्वारा दी जाने वाली कुछ स्कॉलरशिप हैं- Merit Scholarships (Govt. of Odisha) मेरिट स्कॉलरशिप (ओडिशा सरकार), पीएमएस (पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप) (एससी-एसटी छात्रों के लिए) PMS (Post-Matric Scholarships) (for SC-ST students) given by Orissa Government उड़ीसा सरकार द्वारा दिया जाता है। 

रिपोर्ट के अनुसार, 2022 प्लेसमेंट के दौरान एनआईटी राउरकेला के छात्रों को दिए जाने वाले उच्चतम और औसत पैकेज क्रमशः 46.08 एलपीए और 19.04 एलपीए हैं। एनआईटी राउरकेला प्लेसमेंट 2022 के दौरान, बीटेक, एमटेक और एमबीए कोर्स के छात्रों को भाग लेने वाले रिक्रूटर्स से अच्छे ऑफर मिले। जो छात्र एनआईटी राउरकेला में प्रवेश लेने के इच्छुक हैं, वे संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन मोड में आवेदन कर सकते हैं। 

Indian Institute of Technology(IIT) – Gandhinagar, Gujarat भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर (जिसे IIT गांधीनगर या IITGN के नाम से भी जाना जाता है ) गांधीनगर , गुजरात , भारत में स्थित एक सार्वजनिक इंजीनियरिंग संस्थान है । इसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है। 2008 में स्थापित, आईआईटी गांधीनगर परिसर साबरमती नदी के किनारे 400 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। 

IIT गांधीनगर 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा घोषित आठ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) में से एक है। IIT गांधीनगर केमिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी प्रोग्राम प्रदान करता है ।

19 July 2011 को, आईआईटी गांधीनगर ने सभी नए स्नातक छात्रों के लिए पांच सप्ताह के विसर्जन कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जिसे 'फाउंडेशन प्रोग्राम' Foundation Program कहा जाता है। यह कार्यक्रम रचनात्मकता, नैतिकता, संचार कौशल, टीम वर्क, सामाजिक जुड़ाव और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए है। अप्रैल 2013 में, IITGN के स्नातक पाठ्यक्रम को विश्व शिक्षा शिखर सम्मेलन द्वारा उच्च शिक्षा में नवाचारों के लिए विश्व शिक्षा पुरस्कार 2013 से सम्मानित किया गया था।

आईआईटी गांधीनगर के सभी स्नातक छात्रों में से लगभग एक तिहाई को संस्थान में अपने समय के दौरान विदेश में अध्ययन के अवसर प्राप्त होते हैं।

IITGN को पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए भारत के पहले 5-सितारा GRIHA LD (ग्रीन) परिसर का दर्जा दिया गया है। परिसर को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने के लिए भारत का पहला 5-सितारा परिसर घोषित किया गया है। संस्थान निर्माण गतिविधियों में लगे अपने कर्मचारियों के लिए सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन करता है। IIT गांधीनगर पाठ्यक्रम में बेजोड़ नवाचारों के साथ भारत में एक अद्वितीय स्नातक और स्नातक शिक्षा का अनुभव प्रदान करता है।

स्कालरशिप की बात करें तो मेरिट-कम-मीन्स (एमसीएम) INR 1000 / – P.M की छात्रवृत्ति जो छात्र मेधावी हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं। इसके अलावा नई मेरिट छात्रवृत्ति भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर द्वारा भारतीय छात्रों को प्रदान की जाती है, जिनका अकादमिक, खेल, कला, संस्कृति, सामाजिक कार्य और नेतृत्व में उत्कृष्ट प्रदर्शन है। IITGN के छात्र विभिन्न कंपनियों और सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ कुछ सार्वजनिक उपक्रमों से प्लेसमेंट प्राप्त करते हैं। 

Indian Institute of Technology, Bihar Patna भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बिहार पटना 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना , बिहार का एकमात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान है जो उन आठ भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों में से एक है, जिसे केंद्र सरकार ने वर्ष 2008- 2009 के मध्य स्थापित किया था। इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नालजी पटना(संक्षिप्त आईआईटी पटना या IITP) भारत के पटना में स्थित विज्ञान, इंजीनियरिंग और टैकनोलजी के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान का एक स्वायत्त संस्थान है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का परिसर पटना शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित बिहटा में स्थित है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना का परिसर राजधानी पटना से 25 किलोमीटर दूर बिहटा नामक स्थान पर लगभग 500 एकड़ भूमि पर निर्मित किया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) पटना' परिसर की आधारशिला रखी।

इस संस्थान में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई होती है। नए स्थापित आठ संस्थानो में पटना पहला संस्थान है जिसने डॉक्टरेट का पाठ्यक्रम भी प्रारम्भ किया है। यहाँ कम्प्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र ,कला एवं सामाजिक विज्ञान में डॉक्टरेट पाठ्यक्रम संचालित होते है। 

संस्थान ने विभिन्न विदेशी विश्वविद्यालयों जैसे कि लुइसियाना विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के साथ सहयोग किया है। संस्थान इंजीनियरिंग और विज्ञान में अंडरग्रॅजुयेट, पोस्टग्रॅजुयेट और रिसर्च-लेवेल डॉक्टोरल प्रोग्रॅम्स कार्यक्रम प्रदान करता है। चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा जैसे जेईई एडवांस, गेट या आईआईटी जेएएम पर आधारित है। 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना ने अधिकृत और प्रतिष्ठित संगठनों से कई रैंकिंग प्राप्त की हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, IIT पटना को QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2019 द्वारा ब्रिक्स देशों में 141 वें स्थान पर रखा गया। IIT पटना को 2019 में राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) द्वारा भारत में इंजीनियरिंग कॉलेजों में 22 वें स्थान पर और कुल मिलाकर 58 वें स्थान पर रखा गया।

पुस्तकालय आईआईआईटी पटना डिजिटल लाइब्रेरी ऑनलाइन पब्लिक एक्सेस कैटलॉग (ओपीएसी) और आरएफआईडी तकनीक का उपयोग करके सेल्फ चेक-इन और शेल्फ चेक-आउट (ड्रॉप बॉक्स) सिस्टम के साथ लाइब्रेरी ऑटोमेशन सिस्टम library automation system की आधुनिक तकनीक से लैस है।