लता मंगेशकर चली गईं, लेकिन उनकी आवाज जिंदा है

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लता मंगेशकर Lata Mangeshkar, जिन्होंने गुलज़ार Gulzar की फिल्म किनारा में गीत "मेरी आवाज़ ही पहचान है" (meri awaaz hi pehchaan hai ) को अमर कर दिया, ऐसे हज़ारों यादगार गीत उनकी पहचान हैं। लता जी रविवार की सुबह 92 वर्ष की आयु में covid -19 से, कई अंग विफलता के बाद परलोक सिधार गयीं । केंद्र सरकार ने उनके लिए दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, जिसमें राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका हुआ है। भारत की कोकिला Nightingale of India कहे जाने वाली, लता मंगेशकर का जीवन 10 दशकों में अमर है , जिनमें से लगभग 80 साल गायन में व्यतीत हुए थे, आप पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं, उन्होंने मधुबाला Madhubala से लेकर माधुरी दीक्षित, काजोल, करीना कपूर Madhuri Dixit, Kajol, Kareena Kapoor और यहां तक कि आलिया भट्ट Alia Bhatt तक कई पीढ़ियों की महिला अभिनेत्रियों को अपनी आवाज दी। कहा जाता है कि लता जी ने अपने मशहूर गीत"ऐ मेरे वतन के लोगों" को सुना कर भारत के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू Jawaharlal Nehru की आखों में आंसू ला दिए थे, लता जी लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल London’s Royal Albert Hall में गाने वाली पहली भारतीय थीं, जो संयोग से विदेश में उनका पहला संगीत कार्यक्रम भी था। उनके पिता के नाटकों में एक चरित्र के आधार पर उनके माता-पिता ने लता में बदलने से पहले मूल रूप से उनका नाम हेमा रखा था।