स्क्रीन टाइम पर लगाम लगाना क्यों जरूरी

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स्क्रीन टाइम पर लगाम लगाना क्यों जरूरी
09 Jan 2022
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अगर आप भी अपनी दिनचर्या में कई घंटो तक उपकरणों पर अपनी आंखें जमा कर रखते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। आज हम आपको बताने वाले हैं कि स्क्रीन टाइम Screen Time पर लगाम लगाना आखिर क्यों जरुरी है।

तकनीक Technology ने इंसान को उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां बिना तकनीक के जीना इंसान के लिए नामुमकिन साबित हो रहा है। तकनीक ने जिस तरह इंसान को जीने के कई आसान तरीके दे दिए हैं, वहीं इसके नुकसानों से इंसान पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। आज छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग तक गैजेट Gadgets से घिरे हुए हैं। कंप्यूटर Computer, लैपटॉप Laptop, मोबाइल Mobile, टेबलेट Tablet और अन्य कई तरह के उपकरण लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में गहराई से शामिल हो गए हैं। इससे होने वाले प्रभावों पर ध्यान नहीं दिया जाता। इन सभी उपकरणों का उपयोग करके सबसे ज्यादा प्रभाव होता है हमारी आंखों पर, क्योंकि हमारी आंखें का उपयोग करके ही हम घंटों इन उपकरणों पर समय बिताते हैं। अगर आप भी अपनी दिनचर्या में कई घंटो तक उपकरणों पर अपनी आंखें जमा कर रखते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। आज हम आपको बताने वाले हैं कि स्क्रीन टाइम Screen Time पर लगाम लगाना आखिर क्यों जरुरी है।

दिमाग पर होने वाले असर को जानें

दिन भर में ज्यादातर समय मोबाइल या किसी अन्य उपकरण पर गुजारना आपके ब्रेन फंक्शन Brain Function पर असर डालता है। इसे लेकर हुए कई अध्ययनों में पता चला है कि, ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल और ऑनलाइन गेमिंग दिमाग के कई हिस्सों पर गहरा असर डालती है। जिससे दिमाग अच्छी तरह सोचने और काम करने में विफल हो जाता है, विशेषज्ञों के मुताबिक सहानुभूति, योजना, प्राथमिकता, गुस्सा आना और अन्य कई बातों में हम नियंत्रण खो बैठते हैं।

आंखों पर असर

रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों से निकलने वाली नीली रोशनी यानी की ब्लू लाइट  Blue Light से आंखों पर गहरा असर होता है। जिससे सिर दर्द, आंखों में खिंचाव, खुजली, धुंधली दृष्टि के साथ-साथ आपकी नींद पर भी गहरा असर पड़ता है। इसके अलावा हॉवर्ड मेडिकल स्कूल Harvard Medical School के शोध के मुताबिक अगर सप्ताह में चार दिन 8 घंटे की शिफ्ट में कंप्यूटर पर काम किया जाए तो यह दोपहर की चिलचिलाती धूप में 20 मिनट बिताने जैसा असर डालता है। जिसका असर हमारी स्किन Skin पर भी होता है।

शरीर के आकार पर भी होता है असर

उपकरणों का उपयोग करते समय हम अपने शरीर पर ध्यान नहीं देते और खराब मुद्राओं Bad Posture का इस्तेमाल करते हैं। जिससे गर्दन में दर्द, कंधों में खिंचाव होना, हाथों में दर्द, उंगलियों में परेशानी होना और अन्य कई बीमारियां हो जाती हैं। इसके अलावा मांसपेशियों की नसों, टेंडन Tendon, लिगामेंट्स Ligaments और स्पाइनल डिस्क Spinal Disk तक पर असर पड़ता है।

नींद आने में परेशानी

आजकल कई लोगों की सोने से पहले अपने मोबाइल पर वक्त बिताने की आदत बढ़ती जा रही है। ऐसा करने से नींद पर गहरा असर पड़ता है। जब आप रात में अपने मोबाइल स्क्रीन पर वक्त बिताते हैं तो यह आपको एक आरामदायक स्थिति में जरूर ले जाता है, लेकिन इससे हार्मोन मेलाटोनिन Melatonin का उत्पादन गड़बड़ा जाता है, जो आपके नींद के चक्र Sleep Cycle को खराब करता है। इसके अलावा मोबाइल से निकलने वाली ब्लू लाइट आपके दिमाग पर असर डालती है और आपकी नींद भाग जाती है। धीरे-धीरे यह आदत आपकी अच्छी नींद की दुश्मन बन जाती है।

वजन में बढ़ोतरी और बीमारियां

कई लोग स्क्रीन पर समय बिताते-बिताते यह भूल जाते हैं कि, उन्हें कोई और काम भी करना है। कई बार मोबाइल पर समय कुछ यूं बीत जाता है कि वक्त का पता ही नहीं चलता और जो हम करना चाहते हैं उस काम को प्राथमिकता नहीं दे पाते।  बैठे-बैठे मोबाइल और कंप्यूटर, टीवी के सामने रहना कई लोगों के वजन में बढ़ोतरी का कारण बन जाता है। शारीरिक गतिविधियां ना होने से मोटापे के साथ-साथ और भी कई बीमारियां जुड़ जाती है। शोध में पता चला है कि, मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, हड्डी और जोड़ों के दर्द भी बढ़ जाते है।

डिप्रेशन

यूनाइटेड किंगडम UK में हुए एक अध्ययन के मुताबिक भारी मात्रा में स्क्रीन टाइम और इंटरनेट के इस्तेमाल से अवसाद Depression की समस्या लोगों में काफी बढ़ रही है। हमारे उपकरणों पर हम कई चीजें देखते हैं, जिसकी वजह से हमारे दिमाग पर गहरा असर होता है और कई बार लोग इसके चलते डिप्रेशन में भी चले जाते हैं।

उम्मीद करते हैं कि आप सभी लोग इन तमाम बुरे प्रभावों को जानने के बाद अपने स्क्रीन टाइम पर लगाम जरुर लगाएंगे।