News In Brief Environment and Ecology
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अमीर देशों ने ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन से गरीब देशों को पहुंचाया है भारी जलवायु नुकसान

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अमीर देशों ने ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन से गरीब देशों को पहुंचाया है भारी जलवायु नुकसान
15 Jul 2022
7 min read

News Synopsis

जलवायु परिवर्तन Climate change पर हुए नए अध्ययन में साफ तौर पर दावा किया गया है कि अमीर देशों Rich Nations ने अब तक औद्योगिक गतिविधियों के जरिए ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन से गरीब देशों Poorer Countries को बहुत नुकसान और घाटा करवाया है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस नुकसान और घाटा की गणना तक की है और बताया है कि अमेरिका ने खास तौर पर किस देश को कितना नुकसान पहुंचाया है।

दुनिया में जलवायु की वर्तमान दशा और ग्लोबल वार्मिंग Current Condition and Global Warming के लिए अमीर देश Rich Nations ज्यादा जिम्मेदार हैं। यह बात समय समय पर गरीब देशों के द्वारा कही जाती है, इसलिए इसकी भरपाई के लिए उन्हें ज्यादा कीमत अदा करनी चाहिए। तमाम जलवायु सम्मेलनों Climate Conventions में यह एक बड़ा मुद्दा रहा है। कई पर्यावरण एक्टिविस्ट के साथ सरकारों के अधिकारी और वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि अमीर देशों को तो गरीब देशों Poor Countries को हर्जाना भी देना चाहिए, क्योंकि औद्योगिक राष्ट्रों इतिहास मे सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस गैसें उत्सर्जित Greenhouse Gases Emissions की हैं।

क्लाइमेट चेंज जर्नल में प्रकाशित अध्यन में बताया गया है कि इस अध्ययन के आंकड़ों को अदालतों और अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ताओं में उपयोग में लाया जा सकता है। उनसे इस दलील को मजबूती मिलेगी कि अमीर देशों ने ज्यादा कोयला, तेल और गैस  Coal, Oil and Gas जलाया है इसलिए उन्हें उत्सर्जन के नुकसान का भुगतान गरीब देशों Poor Countries को करना चाहिए। आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका USA सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक Carbon Emitter देश ह और उसने 1990 से 2014 के बीच दूसरे देशों को 19 खरब डॉलर का नुकसान पहुंचाया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह पहला अध्ययन है जो उत्सर्जनकर्ता देशों Emitting Countries का संबंध प्रभावित देशों से जोड़ रहा है।

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