फ्रांस और अमेरिका ने फिर मिलाया हाथ

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फ्रांस और अमेरिका ने फिर मिलाया हाथ
20 Feb 2023
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News Synopsis

Latest Updated on 20 February 2023
एयर इंडिया Air India ने देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र Civil Aviation Sector में एक बड़ी डील की है। और इससे भारत India, अमेरिका America, फ्रांस France और ब्रिटेन Britain के बीच संबंध मजबूत करने में मदद मिली है। एयरबस-रोल्स-रॉयस Airbus-Rolls-Royce और बोइंग Boeing से 470 विमानों की खरीद के समझौतों का जश्न मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Modi, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन US President Joe Biden और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों French President Emmanuel Macron ने फोन कॉल Phone Call और ऑनलाइन बातचीत Online Chat की। इससे पता चलता है, कि इन देशों के बीच संबंध कितने घनिष्ठ हो गए हैं।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक British Prime Minister Rishi Sunak ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच नया समझौता एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेंगे। मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने हिंद-प्रशांत Indo-Pacific क्षेत्र में सुरक्षा में सुधार के लिए मिलकर काम करने का वादा किया। मंगलवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति बाइडेन US Vice President Biden और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ अलग-अलग बातचीत में मोदी ने व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी Comprehensive Global Strategic Partnership पर संतोष जताया। नेताओं ने कहा कि इस साझेदारी से सभी क्षेत्रों में विकास को बेहतर बनाने में मदद मिली है।

दोनों नेताओं ने भारत और फ्रांस के बीच "उभरती प्रौद्योगिकियां Emerging Technologies" नामक एक नई पहल पर चर्चा की। वे खुश हैं। कि इसे वाशिंगटन Washington में लॉन्च किया गया था, और वे अंतरिक्ष, अर्धचालक और रक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं। प्रधान मंत्री मोदी ने मैक्रॉन को बताया कि फ्रांस और भारत विभिन्न मुद्दों पर अच्छा सहयोग कर रहे हैं। और मैक्रॉन ने प्रधान मंत्री मोदी को आश्वासन दिया, कि फ्रांस भारत को सर्वोत्तम तकनीक प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Last Updated on 09 October 2021

कोई भी रिश्ता किसी समझौते से बड़ा होता है। कुछ ऐसा ही देखने को तब मिला जब फ्रांस ने अपना राजदूत ऑस्ट्रेलिया भेजने का मन बना लिया है। और उससे भी ज्यादा अच्छी बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री इस्कॉट जॉनसन Australian Prime Minister Scott Johnsonने इस फैसले के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। दरअसल 2016 में ऑस्ट्रेलिया ने लगभग 60 अरब डॉलर का परमाणु समझौता तोड़ दिया था। और इस फैसले के बाद ही फ्रांस ने अपने राजदूत को वापस अपने देश में बुला लिया था। लेकिन ऐसा लगता है समय के साथ-साथ इन दोनों देशों के बीच में खटास कम होती हुई दिख रही है। और दोनों देशों ने एक बार फिर से एक नई शुरुआत करने की पहल की है, जो कि काबिले तारीफ है।