बनारस और आस-पास के आठ हस्तशिल्प को मिला GI का तमगा

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बनारस और आस-पास के आठ हस्तशिल्प को मिला GI का तमगा
27 Jan 2022
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News Synopsis

वैश्विक स्तर Global Level पर हस्तशिल्प Handicrafts के सबसे बड़े क्लस्टर के तौर पर विख्यात बनारस Banaras की नायाब कारीगरी को भौगौलिक संकेतक GI (जीआई) के जरिये अपनी नई और अलग पहचान मिल रही है। बीते आठ वर्षों में बनारस और आसपास के इलाकों के आठ हस्तशिल्प को जीआई तमगा मिला है। साथ ही इसने लुप्त हो रही कई कलाओं को नया जीवन भी दिया है। बनारसी साड़ी और ब्रोकेड Banarasi Sarees & Brocades से साल 2009 में शुरू हुआ यह सिलसिला अब बनारस ग्लास बीड्स Banaras Glass Beads तक पहुंच चुका है, जिसे इसी साल जीआई का दर्जा मिला है। बनारस की मशहूर गुलाबी मीनाकारी Pink Meenakari, कुंदन की मीनाकारी Kundan Meenakari, भदोही bhadohi के कालीन Carpets, बनारसी लकड़ी के खिलौने Wooden Toys, मिर्जापुर की हस्तनिर्मित दरी, निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी Black Pottery और चांदी की उभरी नक्काशी Silver Embossed के काम को बीते दिनों जीआई की पहचान मिल चुकी है। बनारस के हस्तशिल्प के इस तरह से विश्व पटल पर अंकित होने का इंतजार अब तीन अन्य उत्पादों को भी है। बनारस के मशहूर रामनगर के सॉफ्ट स्टोन Ramnagar Soft Stones के जालीवर्क, गाजीपुर वॉल हैंगिंग Ghazipur Wall Hangings और चुनार के सैंड स्टोन Chunar sand stone के काम को जीआई तमगा के लिए आवेदन किया गया है। जल्द ही इनको भी जीआई का तमगा मिल जाएगा।