अब दूध के लिए नहीं पशुओं की जरूरत

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अब दूध के लिए नहीं पशुओं की जरूरत
21 Oct 2021
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प्लांट मिल्क भारत ही नहीं विदेशों में भी शाकाहारी आहार को महत्व दे रहा है। विश्व में पौधों से बने दूध का कारोबार अब 1.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है। मांस का शाकाहारी विकल्प, वेज मीट वाली कंपनियों का कारोबार भी तेजी से बढ़ा है। शाकाहारी मीट और पौधों से तैयार दूध के फायदे जानवरों से प्राप्त दूध और मीट से भी अधिक है। प्लांट मिल्क और वेज मीट की माँग मार्केट में भी काफी तेजी से बढ़ रही है। अब दूध और मीट के लिए पशुओं की जरूरत नहीं है और सबसे अच्छी बात ये है कि अब मीट के लिए भी एक नया ऑप्शन मिल गया है जिससे लोग अब पूरी तरह शाकाहारी बनेंगे।

दूध सबके लिए आवश्यक है। दूध में प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -२) होता है। इसमें विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज और वसा तथा ऊर्जा भी होती है। इसके अलावा इसमें कई एंजाइम भी होते हैं। दूध स्वास्थ्य के लिए लाभकारी एक्टिव तत्वों से भी भरपूर होता है। दूध शरीर को मजबूत बनाता है, विकास को बढ़ाता है और बीमारियों से भी बचाता है। 

मीट में जिंक और आयरन खूब होता है। इसके साथ ही मीट में कॉपर और मैंगनीज भी बहुत होता है। मीट में फल या अनाज से ज्‍यादा पोषक तत्‍व होते हैं। चिकन में उच्च मात्रा में प्रोटीन व विटामिन सी होता है, जो शरीर के लिए अच्छा होता है। मांस का सेवन कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा हुआ है।। मांस में विटामिन और खनिजों की प्रचुर मात्रा होती है। इसका उपयोग मांसपेशियों को बढ़ाने और फिट रहने के लिए किया जा सकता है। मांस में प्रचुर मात्रा में ओमेगा-3 वसायुक्त अम्ल शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बनाए रखने में फायदेमंद हो सकता है। इससे हम कई तरह की बीमारियों से भी दूर रहते हैं। 

सोचिये ये सारी खूबियाँ यदि आपको मवेशियों के बजाय पौधों और अन्य चीज़ों से प्राप्त हो तो कैसा हो। पर अब ये सच हो रहा है। दूध और मीट जैसे फूड जानवरों के बजाय पौधों से बनाए जा रहे हैं। वैसे तो दूध और मीट दोनों ही जानवरों से प्राप्त होते हैं। लेकिन अब बिल्कुल चिकन जैसा लगने वाला सफेद मीट मटर से बन रहा है। पूरी दुनिया में शाकाहार का चलन तेजी से बढ़ रहा है। ये खबर उन लोगों के लिए अच्छी है जो पूरी तरह शाकाहारी हैं। अब वे भी आराम से मीट, चिकन खा सकते हैं। ये उतना ही फायदेमंद है जितना कि जानवरों से प्राप्त मीट। 

पौधों के दूध से जुड़ा कारोबार अब करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। प्लांट मिल्क (Plant Milk) का कारोबार अब बहुत बड़े स्तर पर चल रहा है। अब ये प्रोडक्ट लैब में नहीं बल्कि फास्ट फूड कंपनियों में तैयार हो रहे हैं। कई तरह के फूड आइटम्स पूरी तरह शाकाहारी चीजों से बनने लगे हैं। अब दूध और मीट जैसे फूड आइटम्स गाय (Cow), भैंस (Buffalo), बकरी (Goat) और ऊंट (Camel) जैसे जानवरों के बजाये पौधों से बनाए जा रहे हैं।

पौधों से प्राप्त दूध सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है। सोया मिल्क, राइस मिल्क, कोकोनट मिल्क, बादाम दूध, ओट्स मिल्क ये सभी हमें पौधों से प्राप्त होते हैं। मार्केट में इनकी माँग भी तेजी से बढ़ रही है। जहाँ सफ़ेद मटर से चिकन बन रहा है तो वहीं सोया और अन्य पौधों से प्राप्त दूध की माँग भी तेजी से बढ़ रही है। इस दूध में गाय के दूध से अधिक फाइबर है। पौधों से प्राप्त दूध के फायदे भी अनेक हैं जैसे ये दूध जल्दी से पचने के साथ-साथ वेट (वजन) को भी कंट्रोल करता है। पौधों से प्राप्त दूध में बहुत कम फैट व कैलोरी होती है जिससे वजन नहीं बढ़ता है। हृदय रोगियों के लिए भी ये प्लांट मिल्क लाभप्रद होता है। 

मांस (Meat) का शाकाहारी विकल्प पेश करने वाली कंपनियों का बिजनेस भी तेजी से बढ़ा है। इसमें मटर और सोयाबीन से प्रोटीन निकालकर उसे आलू के स्टार्च और नारियल तेल जैसे फैट से मिलाए जाते है और यहां तक कि इसे तैयार करने में चावल का प्रोटीन इस्तेमाल किया जाता है। उसके बाद उसमें नमक और अन्य फ्लेवर मिलाकर मीट बनाया जाता है। इसका स्वाद बिलकुल मीट जैसा ही होता है। यह मीट जानवरों से प्राप्त मीट की तरह ही प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होता है।

शाकाहारी मीट यह सामान्य मीट से ज्यादा लाभदायक माना जाता है। अमेरिका में ये बिजनेस ज्यादा चल रहा है। एथन ब्राउन की एक कंपनी बियोंड मीट अब बहुत सारे देशों में अपने प्रोडक्ट बेच रही है। पौधों से तैयार दूध (plant milk) का कारोबार और शाकाहारी मांस की मांग (vegetarian meat demand) बढ़ने के पीछे लोगों का शाकाहारी होना और वहीं पौधों से तैयार होने वाले दूध के फायदों को भी माना जा रहा है।