खराब अनुभव से बनती खुशी की राह

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खराब अनुभव से बनती खुशी की राह
07 Jan 2022
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अगर आपने भी कोई खराब अनुभव Bad experience किया है तो चिंता ना कीजिए, इस लेख को पढ़कर आप भी जरूर अच्छा महसूस करेंगे। जानें नए साल में खुशी way to Happiness पाने की राह।

साल 2021 ने दुनिया के सभी लोगों में कहीं ना कहीं भावनात्मक Emotional रूप से काफी प्रभाव डाला है। जिसके कारण दुनिया में मेंटल हेल्थ Mental Health को लेकर लगभग सभी लोग प्राथमिकता देने लगे हैं। अपनी दिमागी स्थिति को संतुलित रखना और इसे अपने जीवन और काम के लिए इस्तेमाल करना एक कला की तरह है। इस तरह की कला में अक्सर लोग पीछे रह जाते हैं, इसे लेकर कई विशेषज्ञों ने नए साल को सुखद बनाने के लिए सलाह दी है। कई विशेषज्ञों का तो यह भी मानना है कि खराब अनुभव भी आपको खुशी के रास्ते पर ले जा सकता है। अगर आपने भी कोई खराब अनुभव Bad experience किया है तो चिंता ना कीजिए, इस लेख को पढ़कर आप भी जरूर अच्छा महसूस करेंगे। जानें नए साल में खुशी way to Happiness पाने की राह।

भावनाओं पर काबू पाने यह यह रास्ता चुने

बीते 2 सालों में लोग कोरोना महामारी और जीवन के उतार-चढ़ाव में मेंटल हेल्थ को बिगाड़ बैठे हैं। मेंटल हेल्थ में उतार-चढ़ाव के बीच थकान, डिप्रेशन Depression, बोरियत Boredom, की बात तो की जाती है, लेकिन आलस Laziness की भावना भी काफी बढ़ गई है। जिसे लोग नजरअंदाज करते नजर आते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अवसाद और खुशी के बीच की मुसीबत ही आलस और सुस्ती है। जिसका मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा गहरा असर होता है। इस पर काबू पाने के लिए विशेषज्ञों ने एक नया रास्ता ईज़ाद किया है। विशेषज्ञ डॉक्टर एडम ग्रैंट Adam Grant के मुताबिक सुस्ती दूर करने के लिए लोग give name to your emotions भावनाओं को नाम दे सकते हैं। आप जैसा भी महसूस कर रहे हों, अपनी भावनाओं को नाम दिया जा सकता है। इससे आप अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।

रोजमर्रा की गतिविधियों में देखें उपलब्धि

विशेषज्ञों ने शोध के द्वारा पता लगाया है कि, अगर आप रोजमर्रा की गतिविधियों Regular Activities को लक्ष्य Goals के रूप में देखें और इसे उपलब्धि माने, तो भी आप खुशी Happiness महसूस कर सकते हैं। मानसिक Mental, शारीरिक Physical और भावनात्मक Emotional तालमेल को बनाए रखने को विशेषज्ञ फ्लरशिंग Flourishing कहते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक घर के छोटे-मोटे काम को भी लक्ष्य की तरह देखना चाहिए और इन्हें पूरा करने के बाद उपलब्धि पा लेने जैसा महसूस करना चाहिए। हर छोटी उपलब्धि की खुशी मनानी चाहिए। जिसकी मदद से आप किसी भी मौके पर खुशी महसूस करेंगे। ऐसा करने से आप भावनात्मक रूप से काफी मजबूत बन जाएंगे।

मेडिटेशन करें, जगह की चिंता ना करें

मेडिटेशन Meditation के संबंध में Brown University Mindfulness ब्राउन यूनिवर्सिटी माइंडफूलनेस के डॉ जडसन ब्रूअर Judson Brewer का कहना है कि दिमाग कंप्यूटर की तरह होता है। जब हम चिंता में डूबे होते हैं, तो समस्याओं का हल निकालना मुश्किल हो जाता है। इसके समाधान के लिए डॉक्टर ने बताया कि हमें वर्तमान में जीना बेहद जरूरी है और मेडिटेशन के लिए किसी अच्छी जगह को चुनने के बजाए आप जहां हैं वहीं से मैडिटेशन किया जा सकता है। खुद को आप को शांत बनाया जा सकता है।

दुख मानने में कोई दिक्कत नहीं है

देश और दुनिया के हर इंसान को परेशानियों का सामना करना पड़ता है और जब कोई दुख होता है तो बुरा लगना लाजमी है, लेकिन हम इस दुख को मनाने के बजाय आगे बढ़ जाते हैं। इसे लेकर मेंटल हेल्थ विशेषज्ञों का मानना है कि नुकसान को स्वीकार करना और उसका दुख मना लेना कोई गलत बात नहीं है। हम अगर खुद को थोड़े आंसू बहाने की इजाजत दें तो यह अच्छा तरीका है। जब आपको पता चल जाता है कि, आप किसी बात से दुखी हैं तो आप उससे बाहर आने के लिए विचार करते हैं। 

यह अनोखा विकल्प काफी कारगर

अगर आप काफी दिनों से खराब अनुभव कर रहे हैं और आपका दिमाग सुकून चाहता है तो अपने लिए एक बुरे दिन की घोषणा करें यानी की Sad Day बनाएं। इस दिन आप सभी काम से छुट्टी लेकर वह काम कर सकते हैं, जो आपको खुशी देता हो। इसे लेकर किसी को ना बताएं कि आप छुट्टी पर क्यों है। खुद को तरोताजा कर जब आप फिर से काम पर लौटेंगे, तो अब काफी मजबूत महसूस करेंगे।