भारत के गौरव CDS जनरल बिपिन रावत को नमन  

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भारत के गौरव CDS जनरल बिपिन रावत को नमन  
09 Dec 2021
7 min read

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8 अक्टूबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना हेलीकाप्टर क्रैश Chopper Crash में सीडीएस जनरल बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित हमारे देश के 11 अन्य जवान शहीद हो गए। देश के लिए यह अपूरणीय क्षति है।  यह लेख सीडीएस जनरल बिपिन रावत को Think With Niche की तरफ से श्रदांजलि समर्पित करता है…

किसी को आन चाहिए, किसी को शान चाहिए,

वतन पर मर मिटे ऐसा नौजवान चाहिए,

मिट्टी के बने हैं हम, मिट्टी में दफ़न होंगे

गर तिरंगा हो कफ़न तो फिर क्या अरमान चाहिए…

हम आज अपने घरों में सुरक्षित हैं क्यों कि देश का जवान अपना घर बार छोड़ कर सरहद पर देश की रक्षा कर रहा है। भारत माता ने कई वीर योद्धाओं को जन्म दिया है, जिन्होंने अपने अदम्य साहस का परचम पूरे विश्व में लहराया है। उन्हीं वीर योद्धाओं की गिनती में एक नाम आता है, भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत CDS General Bipin Rawat का। उन्होंने सदैव देश की सुरक्षा को, सर्वोपरि रखा। कई बार अपने शौर्य और पराक्रम से देश को विपरीत हालातों से बाहर निकाला। जिनकी छत्रछाया में देश खुद को सुरक्षित महसूस करता था आज वह शख्सियत हमारे बीच तो नहीं मगर हमारे दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेगी। हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें इस लेख के माध्यम से साझा कर रहे हैं।

जनरल बिपिन रावत का जन्म देवनगरी उत्तराखंड Uttarakhand की राजधानी देहरादून में 16 दिसंबर 1958 को भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत के यहाँ हुआ। एक बहादुर सैनिक के घर जन्में बिपिन रावत को सेना army के लिए समर्पण,संस्कारों में मिला था, उनका परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना को अपनी सेवाएं देता रहा है। इन्होंने अपनी शिक्षा की शुरुआत गढ़ी कैंट स्थित कैम्ब्रिज हॉल स्कूल से की, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल गए, 12वीं के बाद वो राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में गए, 1978 में आईएमए Indian Military Academy पूरा करने के बाद उन्हें Sword of Honor भी दिया गया। 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय Chaudhary Charan Singh University से सैन्य मीडिया अध्ययन में पीएचडी भी की। इसके बाद बिपिन रावत के सैन्य जीवन की शुरुआत हुई सितम्बर 1978 में 11 गोरखा राइफल की पांचवीं बटालियन की कमांड से। 

जनरल रावत का सैन्य जीवन 

जनरल बिपिन रावत ने 1978 में सेना में कदम रखा, उनकी पहली पोस्टिंग मिजोरम में थी। बिपिन रावत ने भारतीय सेना Indian Army में करीब 4 दशकों से भी अधिक समय तक अलग- अलग पदों पर अपनी सेवाएं दीं। जनरल रावत ने 01 सितंबर 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पदभार संभाला, 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक 26वें थल सेनाध्यक्ष के पद पर, 1 जनवरी 2020 को उन्होंने भारतीय सेना के रक्षा प्रमुख Chief of Defense Staff का पद भार संभाला। जिसके चलते विषम परिस्थियों में उन्होंने अपनी सूझबूझ से देश की सेना में अहम फैसले भी लिए। बिपिन रावत को 19वीं इंफेंट्री डिविजन (उरी) का कमांडिंग ऑफिसर बनाया गया। जनरल रावत ने डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में MONUSCO मल्टीनेशनल ब्रिगेड के 8वें चैप्टर की कमान संभाली। जहां उन्होंने दो बार force commander की जिम्मेदारी मिली। वे गोरखा रेजिमेंट से आने वाले तीसरे ऐसे अफसर थे जिन्हें सेना प्रमुख बनाया गया। जनरल बिपिन रावत को यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड और जनरल स्टाफ कॉलेज इंटरनेशनल हॉल ऑफ फ़ेम में शामिल किया गया था।  

जनरल रावत का सेना के लिए समर्पण 

जनरल रावत सख्त और साहसिक फैसले लेने वाले शख्स थे उन्होंने सेना में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए साफ़ तौर पर इस बात को जाहिर कर दिया था कि भारतीय सेना शांति, नम्रता और सद्भाव में यकीन रखती है लेकिन कोई भी देश या संगठन इसे हमारी कमजोरी न समझे। अपने इसी व्यवहार से उन्होंने सेना पर हुए आतंकी हमलों का बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। जनरल बिपिन रावत में आतंकवाद रोधी अभियानों का अच्छा अनुभव था और उन्होंने समय समय पर अपने अनुभव का परिचय भी दिया। जनरल रावत का सेना में महिलाओं की भर्ती में भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है, उन्होंने सेना में महिलाओं की संख्या को बढ़ाने पर जोर दिया। जनरल रावत का कहना था कि हमारे देश में महिलाएं अलग -अलग क्षेत्रों में मजबूती से कार्य कर रही हैं पर सेना के गैर लड़ाकू कार्यों में महिलाएं अपना अधिक योगदान दे सकती हैं। उन्होंने हमेशा भारतीय सेना को आधुनिकीकरण पर जोर दिया सेना के विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिए। जनरल रावत ने विभिन्न पदों पर रहते हुए समय-समय पर राष्‍ट्रीय सुरक्षा के मसले पर कई लेख लिखे जो विभिन्न पत्रिकाओं और प्रकाशनों में प्रकाशित हुए।  

जनरल रावत की उपलब्धियां Awards 

जनरल रावत को सेना के रहते हुए उनकी वीरता और सेना के प्रति समर्पण के लिए समय समय पर सम्मानित किया जाता रहा है। जनरल रावत को परम विशिष्ट सेवा पदक Param Vishisht Seva Medal, उत्तम युद्ध सेवा पदक Uttam Yudh Seva Medal, अति विशिष्ट सेवा पदक Ati Vishisht Seva Medal, युद्ध सेवा पदक Yudh Seva Medal, सेना पदक Sena Medal, विशिष्ट सेवा पदक Vishisht Seva Medal ऐड-डि-कैम्‍प जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण मेडल्स और सम्मान से नवाजा जा चुका है।