सौर तूफान पृथ्वी से टकराया, बिजली ग्रिड के साथ सैटेलाइट ऑपरेशन पर भी असर

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सौर तूफान पृथ्वी से टकराया, बिजली ग्रिड के साथ सैटेलाइट ऑपरेशन पर भी असर
22 Jul 2022
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News Synopsis

हमारी पृथ्वी Our Earth हाल ही में सूर्य Sun पर फायर फिलामेंट Fire Filament का एक विशाल हिस्सा टूटने से पैदा हुई सौर वायु Solar Wind की चपेट में आई थी। जबकि शुरुआत में इस घटना के 20 या 21 जुलाई को होने की भविष्यवाणी की जा चुकी थी, लेकिन ऐसा बुधवार को हुआ। वहीं, यह चिंता की बात नहीं है, क्योंकि यह G1 जियोमैग्नेटिक तूफान G1 Geomagnetic Storm हल्का था, जो पृथ्वी पर जीवन Life on Earth के लिए कोई खतरा नहीं था।

वास्तव में, अंतरिक्ष मौसम भौतिक विज्ञानी Space Meteorological Physicist के मुताबिक, इस घटना की वजह से पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों में साफ औरोरा दृश्य Aurora Views देखने को मिला। अगर बात करें  फिलामेंट की तो ये सूर्य पर मौजूद फिलामेंट सोलर मटेरियल के बादल Clouds of Solar Material होते हैं, जो शक्तिशाली मैग्नेटिक फोर्स Powerful Magnetic Force के कारण इसके ऊपर मंडराते रहते हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी US Space Agency, NASA की मानें तो, इन फिलामेंट को बेहद अस्थिर माना जाता है और ये कई दिनों या हफ्तों तक मौजूद रह सकते हैं।

SpaceWeather.com के मुताबिक, सोलर फिलामेंट्स को पहली बार 12 जुलाई को देखा गया था, जब एस्ट्रोनॉमर्स ने सूर्य के ब्राइट बैकग्राउंड Bright Background के आगे काले धागे जैसी रेखाओं को देखा था। इसके बाद 15 जुलाई को, फूटने से पहले एक फिलामेंट सूर्य के उत्तरी गोलार्ध North of the Sun Hemisphere में चला गया, जिसकी वजह से आग की एक विशाल घाटी Giant Canyon पैदा हो गई, जिसकी लंबाई 3,84,400 km और गहराई 20,000 km थी। इस घाटी ने सोलर मटेरियल को हमारे ग्रह की ओर भेजा।

इस तरह के सोलर फिलामेंट पृथ्वी की दिशा में खतरनाक सोलर विंड Dangerous Solar Wind (सौर वायु) धकेल सकते हैं, जिन्हें कोरोनल मास इजेक्शन  Coronal Mass Ejection (CMEs) कहते हैं। सौर तूफानों को उनकी शक्ति के बढ़ते क्रम में G1, G2, और G3 के रूप में वर्गीकृत किया गया है।