ट्रेन से चांद और मंगल पर जाने की तैयारी, जापान देगा ग्रहों पर धरती जैसी सुविधाएं

Share Us

768
ट्रेन से चांद और मंगल पर जाने की तैयारी, जापान देगा ग्रहों पर धरती जैसी सुविधाएं
20 Jul 2022
min read

News Synopsis

दुनिया World में जापान Japan टेक्नोलॉजी Technology के मामले में अपनी अलग पहचान रखता है। आपको थोड़ा अजीब लगेेगा लेकिन जापान अब चांद और मंगल  Moon and Mars पर पृथ्वी जैसी रहने लायक पर्यावरण Earth-like habitable environment, बनाने जा रहा है। इसके साथ ही पृथ्वी, चांद और मंगल को जोड़ने के लिए अंतर-ग्रहीय ट्रेनें Inter-planetary trains भी चलाने वाला है। लेकिन यह सच है। इस प्रोजेक्ट के लिए जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स Kyoto University researchers ने काजिमा कंस्ट्रक्शन कंपनी Kajima Construction Company के साथ समझौता किया है।

टीम ने जीरो और लो ग्रेविटी Zero and Low Gravity वातावरण में मानव मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम Human Musculoskeletal System के कमजोर होने से रोकने के लिए पृथ्वी जैसी सुविधा वाली 'ग्लास' आवास संरचना Glass' Habitat Structure डेवलप करने के लिए इस योजना का ऐलान किया है। ग्लास में भी पृथ्वी जैसा पर्यावरण और ग्रेविटेशनल फोर्स होगा। इससे अंतरिक्ष में रहना आसान हो जाएगा। इस योजना के तहत ग्लास और अंतर-ग्रहीय ट्रेनों का प्रोटोटाइप बनाने में लगभग 30 साल लग जाएंगे। क्योटो यूनिवर्सिटी और काजिमा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने मिलकर एक अंतरिक्ष में रहने योग्य संरचना बनाने का लक्ष्य रखा है। इस कोनिकल संरचना का नाम ‘ग्लास’ है।

ग्लास के अंदर बनावटी ग्रेविटेशन artificial gravity, ट्रांस्पोर्ट सिस्टम transport system, पेड़-पौधे और पानी plants and water भी उपलब्ध होगी। पृथ्वी पर मौजूद सभी सुविधाओं को अंतरिक्ष में बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस संरचना को चांद पर ‘लूनाग्लास’ और मंगल पर ‘मार्सग्लास’ 'Lunaglass' on the Moon and 'Mars Glass कहा जाएगा। यह एक उल्टा कोन है जो पृथ्वी के रियल ग्रविटेशन real gravity के प्रभाव की नकल करते हुए एक सेंट्रीफ्यूगल पुल बनाने के लिए घूमेगा और पृथ्वी जैसी ग्रविटेशन पैदा करेगा। इस ग्लास की उंचाई लगभग 1300 फीट और रेडियस 328 फीट होगी। इसे शुरू होने में तकरीबन 100 साल लग जाएंगे।