आओ पहली किताब लिखते हैं पर कैसे?

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आओ पहली किताब लिखते हैं पर कैसे?
14 Jan 2022
8 min read

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यदि आप एक लेखक हैं और यह आपकी पहली किताब है, तो आप यह सुनिश्चित करें कि आप किस तरह के लेखन को बेहतर करने में अपने आपको सफल और सरल पाते हैं। किताब लिखने book writing और छपने तक का सफर कैसे तय किया जाए, तो आइये step by step जानते हैं कैसे क्या करना है।

प्रिय पाठकों readers उम्मीद करता हूँ आप सब अच्छे होंगे। आज की चर्चा किताबों की एहमियत importance और उसके पीछे के पर्दे खोलने से करते हैं। क्या आपने कभी अपने भीतर बैठे एक लेखक को तलाशने की कोशिश की है। ऐसा हम इसलिए कह रहें हैं क्योंकि हर इंसान के भीतर एक लेखक writer छुपा होता है। चलिए मान लेते हैं आप मेरी बात से बावस्ता relevant नहीं है तो कोई बात नहीं, मगर मेरी इस बात को मानने में आपको तनिक भी हिचक नहीं होगी कि प्रत्येक व्यक्ति में कुछ न कुछ हुनर छिपा होता है। आप के भीतर एक मूर्तिकार sculptor हो सकता है, नर्तक dancer हो सकता है, रंगों से तस्वीरों poster maker में जान फूँक देने वाला हो सकता है या फिर कवि poet या लेखक हो सकता है, आदि। इसके अलावा बाहरी तौर पर देखा जाए तो आप डॉक्टर doctor हों, इंजीनियर Engineer हों, वैज्ञानिक scientist हों, अच्छे प्रबंधनकर्ता manager हो आदि। इन सब कलाओं के सृजन को आप दो तरीके से दुनिया तक पंहुचा सकते हैं पहला तरीक़ा तो ये हो सकता है कि आप लोगों को जा-जा कर बताएं जो की एक थका देने वाला बेफिज़ूल का काम है, दूसरा सबसे कारगर तरीका है कि आप क़िताब लिखें और उसको पूरी दुनिया में पब्लिश publish करवाएं। 

इस बात में कोई दोराय नहीं की कलाओं को सृजित creation करने वाले व्यक्ति को आप एक शब्द में "आर्टिस्ट" artist कह सकते हैं। आपको इस रूप रेखा से इस बात का अंदाज़ा तो हो ही गया होगा कि इन तमाम क्षेत्रों में किताबें लिखीं भी जाती हैं और पढ़ी भी जाती हैं। किताब एक ऐसा माध्यम है जिसको पढ़े बिना आज के दौर में आप अपने क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ सकते। आज की दुनिया बहुत तेजी से बदलती हुई दुनिया है, अगर साथ चलना है तो किताबों का साथ कभी न छोड़ना आपकी प्राथमिकता priority होनी चाहिए।  

आप सोच रहे होंगे की इतनी बातों से यह साफ़ नहीं हो पाया की किताब लिखने book writing और छपने तक का सफर कैसे तय किया जाए तो आइये स्टेप by स्टेप step by step जानते हैं कैसे क्या करना है,

अपने लेखन का उद्देश्य निर्धारित करें set your purpose 

किताब लिखने से पहले आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि आप किस क्षेत्र में लिखने की ख्याल की बुआई कर रहे हैं। यह तो बड़ी सरल सी बात है कि एक सब्जी बनाने के लिए भी आपको यह ख्याल तो करना ही होता है कि किस सब्जी को आप बना सकते हैं और उससे जुड़ा पर्याप्त ज्ञान relatable knowledge रखते हैं की नहीं, ठीक वैसे ही सबसे पहले आप किताब का क्षेत्र सुनिश्चित करें। जैसा कि आप जानते हैं कि यह आपकी पहली किताब होने वाली है, तो आपके द्वारा विषय का चयन selection of subject ऐसा होना चाहिए जिसमें आपकी पकड़ अच्छी हो। यदि आप एक लेखक हैं और यह आपकी पहली किताब है, तो आप यह सुनिश्चित करें कि आप किस तरह के लेखन को बेहतर करने में अपने आपको सफल और सरल पाते हैं। कई बार हम इस तरह का विषय उठा लेते हैं और 50-60 पन्नों के बाद हम अपने विचार में खालीपन का अनुभव करते हैं, तब होता ये है कि हम उस किताब को लिखना छोड़ देते हैं। उसके बाद ये ख्याल लेकर बैठ जाते हैं कि नहीं यह मेरे बस का काम नहीं है। इसलिये सबसे पहली बात आप अपने विषयात्मक उद्देश्य thematic objective पर गहन विचार करें उसके बाद ही लिखना प्रारम्भ करें।  

लिखना आज से ही शुरू करें write from today

ऐसा अक्सर होता है हम लिखने का विचार thought of writing तो बना लेते हैं और फिर हमारा बनाया हुआ विचार कई दिनों तक हमारे ही दिमाग में रखा-रखा धूल खाता रहता है। कई लेखक अपना अनुभव साझा करते हुए कहते हैं, कि उन्होंने बहुत देर से लिखना आरम्भ किया जिस कारण उनकी किताब यदि एक वर्ष पहले छप सकती थी, तो उसको छपने में एक साल और लग गया। बिलकुल सरल और सच्ची बात है कि यदि आप ने आज विचार बनाया है किताब लिखने का तो आपको आज ही कम से कम दो पन्ने तो लिख कर ही सोना है, ये संकल्प लेकर लिखने बैठ जाईये। संत कबीर saint kabir का दोहा याद आ गया; "काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पर में परलय होएगी बहुरि करेगा कब"। देर करने से कई बार हमारा विचार बदल जाता है फिर और किन्हीं कार्यों के चलते किताब लिखने का कार्य स्थगित करते चले जाते हैं और किताब लिखना एक ख्याब dream मात्र ही बन कर रह जाता है। इसलिए हमारे साथ दोहरिये एक बार फिर, हम आज से ही लिखेंगे।  

लेखन में गुणवत्ता को प्रदर्शित करें display quality

यह बात तो सच है कि लेखन का कार्य बच्चों का कार्य नहीं है, आप जितनी गुणवत्ता का प्रदर्शन अपनी किताब की लेखनी में करते रहेंगे, किताब उतनी ही लोगों को बांधे रखने का कार्य करेगी। कई बार होता ऐसा है लोग शुरू के कुछ पन्ने तो बहुत पैशन से लिखते हैं धीरे-धीरे वे उस पर से अपनी क्रिएटिविटी creativity कम करते चले जाते हैं। कई बार पब्लीशिंग हाउस publishing house आपकी किताब छापने से इनकार कर देते हैं। और मान लीजिये आपकी किताब छप भी गयी तब भी रीडर उसका रिव्यु review घटाते चले जाते हैं जिससे आपकी पहली ही किताब बाजार में वह मुकाम नहीं पा पाती जोकि किताब डिज़र्व करती थी। गुणवत्ता आती कहाँ से और कैसे आती है? तो इसका सीधा सा तरीका है, मान लीजिये आप विज्ञान से जुड़ी, साहित्य literature से जुड़ी या कोई फ़िक्शन fiction बुक लिख रहें हैं, तो आप उससे जुड़ी खूब किताबें पढ़ें और विचारों की एक माला बनाएं साथ ही साथ अपना भी लिखते रहें। इस से होगा यह कि आपके भीतर की छुपी हुई सर्जनात्मकता creativity रोज़-रोज़ निखरती रहेगी। जिससे आप एक बेहतर और गुणवत्ता से भरी किताब लिख पाएंगे।    

कैसे बढ़ें पब्लिशिंग की तरफ 

किताब लिख तो गयी है मगर कहानी अभी भी वहीँ रुकी हुई है कि अब इसको छपवाया कैसे जाए। आपको ये देखना होगा कि यदि आपका कोई स्वयं का पब्लिशिंग हाउस है तब तो आप वहां भी किताब को पब्लिश करवा सकते हैं। अगर आपके पास ऐसा कुछ नहीं है तो आपको इसके लिए पेड पब्लिशिंग हाउस का दरवाज़ा खटखटाना होगा। मान लीजिये आप इस प्रक्रिया को पार कर लिए तब क्या होगा। तब आपको क्या जरूरत पड़ेगी जिससे आपकी किताब छपने के लिए तैयार हो सके। आइये इस प्रक्रिया को भी थोड़ा समझते हैं सरलतम तरीके से,

एक संपादक editor को तलाशें 

यदि आप का स्वयं का पब्लिशिंग हाउस है तो आपको एक एडिटर की आवश्यकता पड़ेगी और यदि आप किसी पेड पब्लिशिंग हाउस में अपनी किताब छपवाते हैं तो वे स्वयं ही आपके लिए एक एडिटर की व्यवस्था कर देंगे। आप सोच रहे होंगे कि आखिरी एडिटर की क्या ज़रूरत? जनाब जरूरत है, क्योंकि जो कुछ भी आपने लिखा है उसमें बहुत कुछ एडिट करने ही आवश्यकता होती है। किताब में कहीं कुछ नया लिखने के लिए, कहीं से कुछ पुराना हटाने के लिए, क्योंकि आप ने जो भी लिखा है उसमें रोचकता कितनी है कितनी नहीं? ये आपको एडिटर ही बताएगा। इसलिए आपको एक बेहतर एडिटर की आवश्यकता होगी। एडिटर खुद कुछ नहीं लिखेगा अपितु वह बताएगा कि आपकी किताब किस तरह से रीडर के पढ़ने लायक बनायी जाए। 

एक साहित्य को परखने वाले की ज़रूरत find a literary expert

आपने क्या लिखा, कैसा लिखा उसमें साहित्य की कितनी उपज थी, कहीं ऐसा तो नहीं की बस लिख दिया और दर्शकों को प्रभावित करने के चक्कर में आपने वो सारे मापदंड इग्नोर कर दिए जिनके चलते आपका नोवले अच्छा और बहुत अच्छा हो सकता था। इन्हीं सबकी परख के लिए ये साहित्यिक परख वाले व्यक्ति की भी आवश्यकता पड़ेगी। ये आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की किताब लिख रहें हैं यदि आप एक इनोवेशन से जुड़ी कोई किताब लिख रहे हैं उसमें भी आपकी भाषा की बारीक़ी को परखने वाले की आवश्यकता होगी ताकि वह किताब को सरलतम रूप देकर दर्शकों को आपकी किताब का दीवाना बना सकने में कामयाबी दिला सके। 

एक बात जो हमें किताब लिखने से लेकर छपने तक के सफर के पूर्ण होने के पश्चात् ख्याल में रखनी है वह बात क्या है? आइये जानते हैं कि,

पहली किताब को पैसा कमाने से केंद्रित करके न देखें 

ये बात बेहद सरल किन्तु समझने वाली है अक्सर लोग किताब शायद इसलिए भी लिखते हैं क्योंकि उन्हें लगता है उससे वे अधिक से अधिक पैसा कमा सकते हैं। नहीं ऐसे गलत ख्यालों की परवरिश अपने ज़हन में न करें, अपितु आप ये ध्यान में रखे कि ये किताब आपको आपके पैशन ने लिखने पर मजबूर किया है। आपने अपनी किताब को इसलिए लिखा है ताकि लोग आपके हुनर और राइटिंग स्किल को जान पाए और आपका पैशन आपकी पहचान बनने को तैयार है,इस किताब के माध्यम से। पैसा तो आएगा ही यदि किताब बाजार में अपनी पकड़ बना पायी तो। परन्तु पहले पैसे की सोचने बैठ जाओगे तो शायद फेल हो जाने की उम्मीद बढ़ सकती है। इसके जीते जागते कई उदाहरण आपको इंटरनेट पर मिल जायेंगे जो कि लेखनी को अपना पैशन समझते थे और आज पूरी दुनिया उनको सलाम करती है फिर चाहे वे मुंशी प्रेमचंद्र हों या जेके रोलिंग।  

बहुत अधिक उम्मीद से न भर जाएँ 

अक्सर लोग सोचते हैं कि बस इस किताब के छपते ही वे दुनिया भरके प्रसिद्ध सेलर बन जायेंगे। न do not go with overconfidence, कहने का मतलब है कि यह मत समझिए कि आप अगले बेस्टसेलर होंगे। धैर्य रखें और चलते रहें, आप किताब को प्रकाशित करने के बाद इसे अधिक से अधिक शेयर करना सुनिश्चित करें। बस इस धारणा से शुरू न करें कि आप इसे करने में अमीर होने वाले हैं।

कवर पेज निभाता है अहम् रोल cover page

आपकी किताब अच्छी लिखी है इसमें कोई दोराय नहीं परन्तु कहते हैं न प्रेजेंटेशन किसी भी काम में एक बड़ा अहम् रोल अदा करती है, ठीक वैसे ही किताब का कवर पेज का कार्य होता है। किताब का कवर पेज कह लीजिये या front पेज कह लीजिये लोग इसको बहुत मनमोहक बनवाने के लिए कई बार अच्छा खासा पैसा खर्च कर देते हैं। हम ये नहीं कह रहे कि आप भी ऐसा ही करें परन्तु इसको बनवाने से पहले ये ज़रूर ख्याल में ले लें की कवर पेज ऐसा होना चाहिए जो कि आपकी पूरी किताब में छुपे सार का विस्तार प्रस्तुत करता हुआ होना चाहिए। साथ ही साथ कवर पेज स्वयं में भी एक रहस्य का प्रदर्शन करता हुआ होना चाहिए जिससे कि दर्शक उससे प्रभावित होकर किताब को खरीदने और पढ़ने के लिए लालायित हो जाएँ। 

अब आपकी किताब पूरी तरह तैयार हो चुकी है बस के बाकी है तो इसके द्वारा मार्किट में धूम मचाने की और आपको एक लेखक के रूप में पहचाने जाने की। अब आप सकारात्मक रूप से भर जाइये और खुद को एक लेखक के रूप में देखे जाने के लिए बेधड़क हो जाइये। 

निष्कर्ष 

काल  करे सो आज कर, आज करे सो अब।   

पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब। ....... कबीर 

तो आप भी आज ही लिखिए और सुनिश्चित कीजिये कि किस तरह का लेखन आपको बेहतर आता है। किताब लिखने से पहले अपने उद्देश्य सुनिश्चित कीजिये और लिखना शुरू कर दीजिये। रोज़ थोड़ा-थोड़ा लिखिए ये बहुत ज़रूरी है। किताब लिख गयी है प्रकाशित होने के लिए कदम बढ़ाइए और उन-उन लोगों को खोज लीजिये जिन-जिन लोगों की आपको आवश्यकता पड़ने वाली है जैसे एडिटर, साहित्यकार। याद रहे बहुत उम्मीद न लगाएं और रातों-रात अमीर हो जाने के ख्याब से न भर जाएँ। एक बढ़िया कवर पेज तैयार करवाएं और किताब आपकी तैयार समझो।