वस्तुओं और सेवाओं पर समान टैक्स क्रेडिट रिफंड नहीं

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वस्तुओं और सेवाओं पर समान टैक्स क्रेडिट रिफंड नहीं
08 Feb 2023
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News Synopsis

Latest Updated on 08 February 2023

सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने सोमवार को सरकार की इस बात पर सहमति जताई कि अप्रयुक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट Unutilized Input Tax Credit का रिफंड प्राप्त Received Refund करने के मामले में सामान और सेवाएं समान नहीं हैं। सीजीएसटी कानून CGST Law के तहत लोगों को आईटीसी की वापसी के लिए पूछने का अधिकार है, जिसका उन्होंने उपयोग नहीं किया। सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि यह अधिकार संविधान द्वारा गारंटीकृत नहीं है, और यह कानून द्वारा शासित है। अदालत ने केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम Service Tax Act की धारा 54(3) की वैधता को बरकरार रखा, जो अप्रयुक्त आईटीसी Unutilized ITC की वापसी से संबंधित है।

केंद्र सरकार ने इस नियम में बदलाव किया है, कि एक सप्लायर को महीने के अंत तक कितना जीएसटी टैक्स GST Tax देना होगा। यदि आपूर्तिकर्ता महीने के अंत तक कर का भुगतान नहीं करता है, तो जीएसटी करदाताओं को पिछले वर्ष के अपने इनपुट टैक्स क्रेडिट Input Tax Credit को नवंबर तक वापस करना होगा।

एक बार आपूर्तिकर्ता द्वारा कर जमा कर दिए जाने के बाद, फिर से ITC का दावा कर सकता है। यह नया नियम नए कर वर्ष के साथ प्रभावी होगा।

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स AMRG & Associates के रजत मोहन Rajat Mohan ने कहा कि वे नियमों में बदलाव कर सकते हैं, केवल कुछ ही मामले लाभ के लिए योग्य हो सकें। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से अगले वित्त वर्ष तक किसी को फायदा नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि कुछ ही मामले इन नियमों द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करेंगे।

इस बदलाव पर EV के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल Tax Partner Saurabh Agarwal ने कहा कि GSTR-1 में विक्रेता द्वारा कई खरीदारों को की गई आपूर्ति का विवरण शामिल होगा, लेकिन खरीदार के लिए यह जानना बहुत मुश्किल होगा कि विक्रेता ने टैक्स जमा किया है या नहीं।

Last Updated on 14 September 2021

भारत के संविधान में कार्यपालिका और न्यायपालिका के कार्य को विभाजित किया है। जिसके आधार पर देश की कार्यप्रणाली चलती है। वैसे तो न्यायपालिका को प्रत्येक मुद्दे की सुनवाई का अधिकार है परन्तु कुछ मामलों में न्यायपालिका हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। उन पर निर्णय लेने का अधिकार केवल कार्यपालिका यानि कि भारत की संसद को होता है। सुप्रीम कोर्ट ने GST में इनपुट टैक्स क्रेडिट के हवाले से इस बात को स्पष्ट कर दिया कि कुछ मुद्दों पर बदलाव के लिए वह कार्यपालिका से केवल आग्रह कर सकता है उस पर निर्णय नहीं ले सकता है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि करों की दर निश्चित करने का अधिकार संसद को होता है हम इसमें कोई भी दखलंदाजी नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही न्यायलय ने GST में इनपुट क्रेडिट टैक्स को सामान और सेवा के नज़रिये से भिन्न माना है। अर्थात दोनों पर एक जैसे इनपुट क्रेडिट टैक्स नहीं लग सकते हैं। गौरतलब है कि इनपुट क्रेडिट टैक्स के माध्यम से यदि हमने इनपुट पर अधिक टैक्स दिया है तो हमें मिलने वाले आउटपुट पर हम कम टैक्स देते हैं। उच्च न्यायलय ने गुजरात Gujarat और मद्रास Madras के उच्च न्यायालयों के विरुद्ध लिए गए फैसले पर अपना निर्णय सुनाया है। सर्वोच्च न्यायलय के मुताबिक किसी वस्तु पर टैक्स तथा वस्तु के आने-जाने में लगने वाले केंद्रीय गुड सर्विस टैक्स Central Good Service Tax का आईएसटी सामान किसी भी रूप में एक नहीं हो सकता है।