ज़ेप्टो ने 'ज़ेप्टो फ़ार्मेसी' लॉन्च किया, ऑनलाइन फ़ार्मेसी सेगमेंट में प्रवेश किया

News Synopsis
क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म Zepto ने Zepto Pharmacy लॉन्च के साथ ऑनलाइन फ़ार्मेसी सेगमेंट में कदम रखा है। यह सर्विस 10 मिनट के भीतर ज़रूरी दवाइयाँ पहुँचाने का वादा करती है। यह सर्विस अब मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और हैदराबाद के चुनिंदा इलाकों में उपलब्ध है, जो इस स्टार्टअप के अपने कोर इंस्टेंट ग्रॉसरी डिलीवरी मॉडल से आगे बढ़कर विविधीकरण का प्रतीक है।
यह कदम कॉम्पिटिटिव ब्लिंकिट द्वारा देश के चुनिंदा हिस्सों में पिछले हफ़्ते शुरू की गई प्रिस्क्रिप्शन मेडिसिन डिलीवरी सर्विस के तुरंत बाद उठाया गया है। ब्लिंकिट ने जनवरी में एक रैपिड मेडिकल असिस्टेंस पहल भी शुरू की थी, जिसके तहत गुरुग्राम के चुनिंदा हिस्सों में अपने ऐप के ज़रिए बुक की जा सकने वाली बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के बेड़े के ज़रिए 10 मिनट की एम्बुलेंस सर्विस उपलब्ध कराई गई थी। जहाँ ब्लिंकिट की ऑफरिंग इमरजेंसी रिस्पांस पर केंद्रित थी, वहीं प्रिस्क्रिप्शन और ओवर-द-काउंटर मेडिसिन डिलीवरी के क्षेत्र में ज़ेप्टो के प्रवेश ने इसे टाटा 1एमजी, फार्मईज़ी और अपोलो 24/7 जैसे स्थापित ई-फ़ार्मेसी प्लेटफ़ॉर्म के साथ-साथ इस क्षेत्र में प्रयोग कर रहे क्विक कॉमर्स प्लेयर्स के साथ डायरेक्ट कम्पटीशन में ला खड़ा किया है।
ज़ेप्टो के को-फाउंडर आदित पलिचा Aadit Palicha ने कहा कि यह लॉन्च काम्प्लेक्स लॉजिस्टिक और रेगुलेटरी आवश्यकताओं वाली कैटेगरी में ऑपरेशन को बेहतर बनाने के एक साल के प्रयास के बाद आया है। उन्होंने कहा "पिछले 12 महीनों में टीम ने छोटे स्तर पर कस्टमर अनुभव, सप्लाई चेन और कंप्लायंस को बेहतर बनाने के लिए काफी परिश्रम किया है।"
आदित पलिचा ने कहा कि कंपनी एग्रेसिव ग्रोथ के बजाय ऑपरेशनल एक्सीलेंस को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा "हमारा उद्देश्य ऑपरेशनल स्टैंडर्ड्स को बेहद ऊँचा रखना है, और इस कैटेगरी की कम्प्लेक्सिटी को देखते हुए बहुत तेज़ी से विस्तार नहीं करना है।" ई-फ़ार्मेसी सेक्टर में दवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियमों, प्रिस्क्रिप्शन वेरिफिकेशन और टेंपरेचर-कंट्रोल लॉजिस्टिक्स का पालन आवश्यक है।
ब्रांड पोर्टफोलियो को मज़बूत करना
2021 में स्थापित ज़ेप्टो घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में डार्क स्टोर्स के नेटवर्क के माध्यम से 10 मिनट के भीतर 25,000 से ज़्यादा प्रोडक्ट्स डिलीवर करता है। कंपनी ने हाल ही में अपनी मूल कंपनी का नाम किरानाकार्ट टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड से बदलकर ज़ेप्टो प्राइवेट लिमिटेड कर दिया है, जिसे संभावित पब्लिक लिस्टिंग से पहले ब्रांड समेकन का एक हिस्सा माना जा रहा है। आदित पलिचा ने कहा "अगर हम इसे अच्छी तरह से लागू करते हैं, तो हमारा मानना है, कि यह सर्विस देश भर के लाखों कस्टमर्स के जीवन में गंभीर सुधार ला सकती है, और ज़रूरी दवाओं तक हमारी सबसे ज़्यादा ज़रूरत के समय पहुँच को आसान बनाने में मदद कर सकती है।"
IPO की तैयारी भी तेज
ज़ेप्टो का यह कदम उसके आने वाले आईपीओ से भी जुड़ा माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी साल 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में शेयर मार्केट में उतरने की योजना बना रही है। वर्तमान में भारतीय शेयरधारकों के पास ज़ेप्टो की 33% से अधिक हिस्सेदारी है, जिसमें आदित पलिचा और उनके को-फाउंडर कैवल्य वोहरा की भी बड़ी हिस्सेदारी है।