आपका डाटा भी तो लीक नहीं हुआ, ऐसे लगाएं पता?

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आपका डाटा भी तो लीक नहीं हुआ, ऐसे लगाएं पता?
14 Jan 2023
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News Synopsis

Latest Updated on 14 January 2023

भारतीय रेलवे Indian Railways की आधिकारिक वेबसाइट से तीन करोड़ लोगों के निजी डेटा की चोरी का पता चला है। इस डेटा में ईमेल पते Email Addresses, घर के पते, मोबाइल फोन नंबर Mobile Phone Number और अन्य व्यक्तिगत जानकारी शामिल हैं। ऐसा संदेह किया जा रहा है, कि यह डेटा चोरी Data Theft करके डार्क वेब Dark Web पर बेचा गया था। जिसका अर्थ है, कि यह भारतीय रेलवे के पास सुरक्षित नहीं हैं। शैडोहैकर Shadowhacker नाम के एक हैकिंग पोर्टल Hacking Portal ने भारतीय उपयोगकर्ताओं का डेटा चुराया हैं। और उनका कहना है, कि उनके पास अन्य सरकारी विभागों के ईमेल तक भी पहुंच हैं। आईआरसीटीसी IRCTC का कहना है, कि उनके सर्वर से कोई डेटा चोरी नहीं हुआ हैं। लेकिन वे अन्य कंपनियों से चोरी की जांच करने के लिए कह रहे हैं।

नवंबर-दिसंबर 2022 में हैकर्स ने दिल्ली Delhi के देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स Hospital AIIMS  के डेटा पर अटैक किया था। इससे कुछ दिनों तक अस्पताल के ऑनलाइन पोर्टल Online Portal में कुछ दिक्कतें आईं।

आपकी व्यक्तिगत जानकारी उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो साइबर अपराध Cyber ​​crimes या धोखाधड़ी करना चाहते हैं। जालसाज आपकी जानकारी बेचकर बहुत पैसा कमाते हैं। इस डिजिटल युग Digital Age में वेबसाइटों, ऐप्स और अन्य सेवाओं के माध्यम से आपके डेटा से आसानी से समझौता किया जाता हैं। आईबीएम की एक रिपोर्ट के मुताबिक डेटा में सेंध लगने के कारण भारत में एजेंसियों को हर साल औसतन 14 करोड़ रुपये का नुकसान होता हैं। कोरोना Corona के बाद से यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा हैं। क्योंकि ऑनलाइन सेवाओं Online Services का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ हैं।

जांच एजेंसी ने पाया कि डेटा चोरी के जितने भी मामले होते हैं। उनमें से 53% जानबूझकर किए जाते हैं, जो आमतौर पर लोगों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किए जाते हैं। 26% मामले सिस्टम में तकनीकी समस्याओं के कारण होते हैं। और 21% मामले मानवीय त्रुटि के कारण होते हैं।

Last Updated on 27 July 2021

हम आये दिन धोखाधड़ी के मामले सुनते हैं। दुनिया आज तेज़ी से बढ़ रही है और उसकी वजह है नयी-नयी टेक्नोलॉजी। जिसने हमारा वक़्त बचाकर आराम की ज़िन्दगी दी है। हमने इंटरनेट को अपने निजी जीवन का हिस्सा बना लिया है। हमारे सारे काम घर बैठकर हो जाते हैं, चाहें वो मोबाइल रिचार्ज करवाना हो, चाहें रिज़र्वेशन करवाना हो या चाहें ऑनलाइन शॉपिंग करना हो। आज कल तो हम बैंक भी नहीं जाते क्यों कि वो काम भी अब ऑनलाइन हो जाता है। ऐसे में हम अपनी सारी जानकारी इंटरनेट पर डाल देते हैं। मगर आपको पता है कि हम जो भी जानकारी सर्च या शेयर करते हैं, वो सब कुछ एक डेटाबेस में पहुँच जाती है। हम तो भरोसा करके अपनी व्यक्तिगत जानकारियां उनको दे रहे हैं पर क्या वो सुरक्षित हैं इसका पता कैसे लगाया जाये। तो इसका समाधान भी हम खोज कर आपके लिए लाये हैं। इस तकनीक के ज़रिये हम अपने डेटा को समय समय पर देख सकते हैं कि हमारा डेटा चोरी तो नहीं हुआ वह सुरक्षित तो है ना ?

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