Virohan को 65 करोड़ की सीरीज़-बी फंडिंग मिली
News Synopsis
भारत में हेल्थकेयर सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन आज भी सबसे बड़ी चुनौती स्किल्ड प्रोफेशनल्स की कमी है, इसी समस्या को हल करने की दिशा में काम कर रहा हेल्थकेयर एडटेक स्टार्टअप Virohan ने अपने सीरीज बी फंडिंग राउंड में 65 करोड रुपये जुटाए हैं।
यह निवेश Mynavi Corporation की अगुवाई में हुआ है, जिसमें कंपनी के मौजूदा निवेशक Blume Ventures, Bharat Inclusive Technologies Seed Fund और Rebright Partners ने भी हिस्सा लिया है, इस फंडिंग से Virohan को अपने बिजनेस को मुनाफे की राह पर ले जाने में मदद मिलने की उम्मीद है।
फंडिंग का इस्तेमाल कहां होगा?
Virohan ने बताया कि इस नई पूंजी का इस्तेमाल 3 अहम कामों में किया जाएगा।
> प्रोडक्ट इनोवेशन और नए कोर्स डिजाइन
> ऑपरेशनल खर्च को बेहतर और किफायती बनाना
> रणनीतिक टैलेंट की भर्ती
कंपनी का फोकस सिर्फ विस्तार पर नहीं, बल्कि टिकाऊ ग्रोथ और मुनाफे तक पहुंचने पर है।
क्या काम करता है, Virohan?
2018 में शुरू हुआ Virohan यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के साथ मिलकर अंडरग्रेजुएट लेवल के हेल्थकेयर प्रोग्राम्स चलाता है, इसमें एलाइड हेल्थ, नर्सिंग और हेल्थकेयर मैनेजमेंट जैसे कोर्स शामिल हैं, कंपनी का दावा है, कि वह एजुकेशन को इंडस्ट्री की जरूरतों से जोड़ती है, ताकि पढ़ाई पूरी होने के बाद छात्रों को नौकरी पाने में दिक्कत न हो।
किन यूनिवर्सिटीज के साथ काम करता है, स्टार्टअप?
Virohan देश के कई नामी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर कोर्स चला रहा है, इनमें शामिल हैं।
> UPES, देहरादून
> BBD University, लखनऊ
> CMR University, बेंगलुरु
> Assam Don Bosco University, गुवाहाटी
> MIT University, शिलांग
> G H Raisoni University, नागपुर और पुणे
> Silver Oak University, अहमदाबाद
इन पार्टनरशिप्स के जरिए Virohan देश के अलग-अलग हिस्सों में अपनी पहुंच बना रहा है।
इंडस्ट्री से भी मजबूत जुड़ाव
Virohan सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है, कंपनी हेल्थकेयर इंडस्ट्री की बड़ी कंपनियों के साथ भी मिलकर काम करती है, इसमें Lenskart, Medanta, Healthians और Dr Lal PathLabs जैसे नाम शामिल हैं, इसका फायदा यह होता है, कि छात्रों को इंडस्ट्री एक्सपोजर और प्लेसमेंट के बेहतर मौके मिलते हैं।
CEO ने क्या कहा?
Virohan के CEO Kunaal Dudeja ने कहा कि हेल्थकेयर सिस्टम की असली ताकत स्किल्ड प्रोफेशनल्स होते हैं, लेकिन एजुकेशन और नौकरी के बीच का रास्ता आज भी टूटा हुआ है।
उनका कहना है, कि Virohan का मकसद इसी गैप को बड़े पैमाने पर खत्म करना है, कंपनी का लक्ष्य है, कि 2030 तक 10 लाख लर्नर्स को प्रभावित किया जाए और भारत व विदेशों में एलाइड हेल्थकेयर वर्कफोर्स की रीढ़ बना जाए।
निवेशक क्यों कर रहे हैं, भरोसा?
Mynavi India के मैनेजिंग डायरेक्टर Hidekazu Ito ने कहा कि भारत और दुनिया भर में स्किल्ड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की मांग तेजी से बढ़ रही है, उनके मुताबिक Virohan का टेक्नोलॉजी, इंडस्ट्री से जुड़ा एजुकेशन मॉडल और मजबूत इंस्टीट्यूशनल पार्टनरशिप हेल्थकेयर एजुकेशन को नए स्तर पर ले जा सकती है।
भारत के लिए क्यों अहम है, यह मॉडल?
भारत में हेल्थकेयर सेवाओं का विस्तार तभी संभव है जब प्रशिक्षित स्टाफ उपलब्ध हो, Virohan जैसे स्टार्टअप्स इस कमी को दूर करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, सरकार और प्राइवेट सेक्टर दोनों के लिए यह मॉडल फायदेमंद है, क्योंकि इससे रोजगार भी बढ़ता है, और हेल्थकेयर क्वालिटी भी सुधरती है।
निष्कर्ष
Virohan की 65 करोड रुपये की फंडिंग यह दिखाती है, कि हेल्थकेयर एजुकेशन अब निवेशकों के रडार पर है, स्किल्ड प्रोफेशनल्स की बढ़ती जरूरत के बीच Virohan का मॉडल एजुकेशन और रोजगार के बीच की दूरी कम कर सकता है, अगर कंपनी अपने लक्ष्य पर खरी उतरती है, तो यह भारत के हेल्थकेयर सिस्टम के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।


