UPI ट्रांसक्शन का वैल्यू बढ़कर 1,669 लाख करोड़ हो गया

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UPI ट्रांसक्शन का वैल्यू बढ़कर 1,669 लाख करोड़ हो गया
21 Sep 2024
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News Synopsis

यूनियन फाइनेंस मिनिस्ट्री Union Finance Ministry के अनुसार करंट फाइनेंसियल ईयर 2024-25 के पहले पांच महीनों में डिजिटल पेमेंट का वैल्यू बढ़कर 1,669 लाख करोड़ हो गया है।

मिनिस्ट्री ने कहा कि इसी पीरियड के दौरान डिजिटल पेमेंट का ट्रांसक्शन 8,659 करोड़ तक पहुंच गया है। यूपीआई ट्रांसक्शन का वैल्यू 138% की CAGR पर 1 लाख करोड़ से बढ़कर 200 लाख करोड़ हो गया है। इसके अलावा पिछले 5 महीनों में कुल ट्रांसक्शन वैल्यू बढ़कर 101 लाख करोड़ हो गया है।

मिनिस्ट्री ने कहा कि भारत में डिजिटल पेमेंट में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिसमें डिजिटल पेमेंट ट्रांसक्शन की कुल संख्या FY 2017-18 में 2,071 करोड़ से बढ़कर FY 2023-24 में 18,737 करोड़ हो गई है, जो 44% की कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट है।

मिनिस्ट्री ने कहा "करंट फाइनेंसियल ईयर 2024-25 के आखिरी 5 महीनों के दौरान ट्रांसक्शन की मात्रा 8,659 करोड़ तक पहुंच गई है। ट्रांसक्शन का वैल्यू 11% की सीएजीआर पर 1,962 लाख करोड़ से बढ़कर 3,659 लाख करोड़ हो गया है। इसके अतिरिक्त करंट फाइनेंसियल ईयर 2024-25 के आखिरी 5 महीनों में कुल ट्रांसक्शन वैल्यू बढ़कर 1,669 लाख करोड़ हो गया है।"

मिनिस्ट्री ने कहा कि यूपीआई भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम की आधारशिला बना हुआ है। इसने कहा कि यूपीआई ने देश में डिजिटल पेमेंट में क्रांति ला दी है, FY 2017-18 में यूपीआई ट्रांसक्शन 92 करोड़ से बढ़कर FY 2023-24 में 13,116 करोड़ हो गया है, जो 129% की सीएजीआर पर है।

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि यूपीआई जैसी फ़ास्ट पेमेंट सिस्टम को अपनाने में तेजी लाने के प्रयासों ने फाइनेंसियल ट्रांसक्शन के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव किया है, जिससे लाखों लोगों के लिए रियल-टाइम, सिक्योर और सीमलेस पेमेंट संभव हो गया है।

अन्य देशों में भारत के डिजिटल पेमेंट विस्तार पर मिनिस्ट्री ने कहा कि यूपीआई और रुपे दोनों ही विश्व स्तर पर तेजी से विस्तार कर रहे हैं, जिससे विदेशों में रहने वाले और ट्रेवल करने वाले इंडियंस के लिए सीमलेस क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसक्शन संभव हो रहा है।

वर्तमान में यूपीआई 7 देशों में उपलब्ध है, जिनमें UAE, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस जैसे प्रमुख मार्केट शामिल हैं, जो इंडियन कंस्यूमर्स और बिज़नेस को इंटरनेशनल स्तर पर पेमेंट करने और प्राप्त करने की अनुमति देता है।

मिनिस्ट्री के अनुसार इस विस्तार से रेमिटेंस फ्लो को बढ़ावा मिलेगा, फाइनेंसियल इंक्लूजन में सुधार होगा तथा ग्लोबल फाइनेंसियल लैंडस्केप में भारत का कद बढ़ेगा।