बदले नियमों के अनुसार, क्रेडिट और डेबिट कार्ड से विदेशी खर्च पर टीसीएस की माफी

Share Us

524
बदले नियमों के अनुसार, क्रेडिट और डेबिट कार्ड से विदेशी खर्च पर टीसीएस की माफी
20 May 2023
7 min read

News Synopsis

विदेश यात्रा पर टीसीएस की छूट

लोग अक्सर कई तरह के पेमेंट क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड credit or debit card से करते हैं. अगर आने वाले दिनों में आप भी विदेश यात्रा Foreign travel की तैयारी कर रहे हैं या इंटरनेशनल पेमेंट International payments करने वाले हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है। सरकार ने 7 लाख रुपये तक के ऐसे भुगतान पर टीसीएस नहीं लेने का फैसला लिया है।

आगे बढ़ते हुए, वित्त मंत्री ने बताया कि विदेश यात्राओं के दौरान क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले भुगतान को लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) Liberalized Remittance Scheme (LRS) के दायरे में लाने का विचार किया जा रहा है। इसके लिए रिजर्व बैंक को यह दिशा-निर्देश दिया गया है कि वह इस तरह के भुगतान को एलआरएस के दायरे में लाने के तरीकों पर ध्यान दें।

यह फैसला पहले के नियमों को बदलने की जरूरत से हुआ है। अभी तक विदेश यात्राओं के दौरान क्रेडिट कार्ड से किए गए पेमेंट एलआरएस के दायरे में नहीं आते थे, जिससे टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स से बच जाते थे। इसलिए रिजर्व बैंक से यह सुझाव दिया गया था कि ऐसे सभी पेमेंट को एलआरएस और टीसीएस के दायरे में लाने के बारे में विचार किया जाए। फिलहाल, सरकार ने यह निर्णय लिया है कि एक वित्त वर्ष के दौरान क्रेडिट या डेबिट कार्ड से किए जाने वाले 7 लाख रुपये तक के इंटरनेशनल पेमेंट पर टीसीएस नहीं वसूला जायेगा ।

गवर्नमेंट का यह निर्णय विदेशी पर्यटकों foreign tourists को प्रोत्साहित करने और विदेशी मुद्रा का उपयोग बढ़ाने का एक कदम है। यह नया नियम विदेश यात्रा करने वाले लोगों के लिए भुगतान करने का तंत्र सुगम और अधिक सहज बनाएगा, साथ ही उन्हें कार्ड प्रयोग के साथ जुड़े ट्रांजैक्शन के लिए टैक्स से बचाएगा। यह निर्णय विदेशी व्यापार और व्यापारियों के लिए भी अनुकरणीय लाभदायक होगा और उन्हें अपनी विदेशी संबंधित लेनदेनों को प्रबंधित करने में मदद करेगा।

इस फैसले से सीमित राशि तक के इंटरनेशनल पेमेंट पर टीसीएस नहीं लेने से, लोगों को विदेशी खरीदारी और वित्तीय लेनदेन में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। इससे व्यक्तिगत यात्रा, विदेशी शिक्षा, मेडिकल उपचार, और अन्य अंतरराष्ट्रीय व्यवसायिक गतिविधियों को भी प्रभावित किया जाएगा। यह सुविधा निर्देशकों, व्यापारियों, और व्यवसायों को भी उनके अंतरराष्ट्रीय संबंधों को इस फैसले से सीमित राशि तक के इंटरनेशनल पेमेंट पर टीसीएस नहीं लेने से, लोगों को विदेशी खरीदारी और वित्तीय लेनदेन में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी।

इससे व्यक्तिगत यात्रा, विदेशी शिक्षा, मेडिकल उपचार, और अन्य अंतरराष्ट्रीय व्यवसायिक गतिविधियों personal travel, overseas education, medical treatment, and other international business activitiesको भी प्रभावित किया जाएगा। यह सुविधा निर्देशकों, व्यापारियों, और व्यवसायों को भी उनके अंतरराष्ट्रीय संबंधों को संभालने का मौका देगा। इससे व्यापार में वृद्धि होने की संभावना है और विदेशी व्यापारियों को भारतीय बाजार में और आकर्षक बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, विदेशी निवेशकों को भी भारतीय पैसे के लेनदेन में आसानी होगी और उन्हें वित्तीय सुविधाएं मिलेंगी।

यह निर्णय विदेशी मुद्रा राजस्व को भी बढ़ाने का पोटेंशियल रखता है। इंटरनेशनल पेमेंट पर टीसीएस नहीं लेने से, बड़ी राशि के पेमेंट्स पर टैक्स कलेक्शन में सुधार होगा और विदेशी मुद्रा के स्त्रोत में वृद्धि होगी। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए स्थायी राजस्व स्रोतों का विस्तार करेगा और देश की आर्थिक सुरक्षा में मदद करेगा।

इस फैसले के माध्यम से सरकार ने अपनी प्रयासों का दिखाया है कि वह विदेशी पर्यटन को प्रोत्साहित करने, विदेशी मुद्रा का उपयोग बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए नए और उद्घाटनीय कदम उठा रही है।

इससे देश के वित्तीय संबंधों में गुणवत्ता और सुव्यवस्था आएगी। विदेशी पर्यटकों को भारतीय खरीदारी, रेस्टोरेंट, होटल और पर्यटन सेवाओं का अधिक लाभ मिलेगा, जिससे पर्यटन सेक्टर को वृद्धि का मौका मिलेगा। यह रोजगार के साधन भी प्रदान करेगा और पर्यटन संबंधी उद्योगों में नई संभावनाएं पैदा करेगा।

विदेशी मुद्रा के उपयोग का विस्तार वित्तीय संस्थाओं के लिए भी लाभदायक होगा। विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में विश्वसनीयता और विश्वसनीय निवेश विकल्पों में विश्वास होगा। इससे देश को विदेशी पूंजी के निवेश के लिए आकर्षक बनाने में मदद मिलेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।

अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय को बढ़ावा देने से, व्यापारियों को नए बाजार और ग्राहकों के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे। यह विदेशी निवेशों को बढ़ावा देगा, नए उद्योगों को उत्पन्न करेगा और यह उद्योगों के मानकों और प्रदर्शन की गुणवत्ता में सुधार को बढ़ावा देगा, जिससे देश की उत्पादन क्षमता में सुधार होगा। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में स्थायित्व और विश्वसनीयता के साथ सुरक्षित निवेश करने का अवसर मिलेगा।

इस फैसले से बिना टीसीएस के विदेशी पेमेंट करने का विकल्प मिलने से, व्यापारियों को विदेशी खरीदारों के साथ संबंध बनाने में आसानी होगी और उन्हें अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा। यह उद्यमियों को नई विपणन संभावनाओं के लिए प्रेरित करेगा और उद्योग विकास को गति देगा।

सरकार के इस कदम से देश का अंतरराष्ट्रीय सामरिक और आर्थिक महत्व में वृद्धि होगी। यह देश को विश्व अर्थव्यवस्था में अधिक सक्रिय भूमिका देने में मदद करेगा और उच्चतर अर्थसंकल्प, तकनीकी नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करेगा।

निष्कर्ष 

सार्वजनिक कोषों के बदलते नियमों के साथ, सरकार ने विदेशी पेमेंट करने पर टैक्स कलेक्शन में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। व्यापार, पर्यटन, विदेशी निवेश, और अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय क्षेत्र में यह नई नीति नये अवसरों का द्वार खोलेगी। इसके परिणामस्वरूप, देश की आर्थिक विकास और अंतरराष्ट्रीय स्थान में मजबूती की उम्मीद है। आगामी दिनों में, व्यापारियों, पर्यटकों, और विदेशी निवेशकों को बढ़ते हुए विकल्पों और सुविधाओं से लाभ मिलेगा। इसके अलावा, यह भारत को विश्व मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाने के लिए एक प्रयास है। यह निरंतर आर्थिक संबंधों को मजबूत करके देश की अग्रणीता बढ़ाएगा और आर्थिक विकास की गति को बढ़ाएगा।