सर्वे : सितंबर तिमाही में 6 फीसदी से अधिक रह सकती है जीडीपी वृद्धि दर

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सर्वे : सितंबर तिमाही में 6 फीसदी से अधिक रह सकती है जीडीपी वृद्धि दर
29 Nov 2022
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News Synopsis

GDP: पिछली तिमाही में दहाई के अंकों में बढ़ने वाली भारती की अर्थव्यवस्था India's Economy की रफ्तार 2022-23 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में 6 फीसदी से ज्यादा रह सकती है। जबकि, निर्यात और निवेश Exports and Investments कमजोर रहने की संभावना है, जिसका असर भविष्य में आर्थिक गतिविधियों Economic Activities पर पड़ता नजर आ सकता है। 43 अर्थशास्त्रियों के बीच किए गए रॉयटर्स के सर्वे Reuters Survey में बताया गया है कि दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था सामान्य स्थिति में लौटेगी और इस दौरान जीडीपी की वृद्धि दर GDP Growth Rate 6.2 फीसदी रह सकती है।

वहीं, यह अनुमान केंद्रीय बैंक Central Banks यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया Reserve Bank of India (आरबीआई) के 6.3 फीसदी के मुकाबले थोड़ा कम है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 13.5 फीसदी रही थी। सरकार दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े 30 नवंबर को जारी कर सकती है। डॉयचे बैंक में भारत एवं दक्षिण एशिया India and South Asia के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक दास Economist Kaushik Das ने अपने बयान में कहा है कि, पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर असाधारण रूप से अनुकूल रही थी।

इससे जुलाई-सितंबर अवधि से वास्तविक वृद्धि दर Real Growth Rate सामान्य हो जाएगी और इसका सही अनुमान लगाना भी आसान हो जाएगा। जबकि , कारोबारी सर्वेक्षण की बात करें तो ये उन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में कमजोर आर्थिक गतिविधियों का संकेत दे रहे हैं, जहां केंद्रीय बैंक उच्च ब्याज दरों से महंगाई Inflation पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। इन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत में कारोबारी धारणा अपेक्षाकृत मजबूत बनी हुई है। 

 

 

27 Sep 2022

LAST UPDATED

S&P का चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.3% रहने का अनुमान, जानें डिटेल्स

सोमवार को एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स S&P Global Ratings ने वर्ष 2022-23 में भारत India की जीडीपी ग्रोथ रेट GDP Growth Rate 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। उसके साथ ही उसने भारतीय शेयर बाजार Indian Stock Market की गिरावट और महंगाई Inflation को लेकर भी चिंता जाहिर की है। एसएंडपी के मुताबिक वर्ष 2022 के अंत तक महंगाई की दर आरबीआई के टॉलरेंस बैंड Tolerance Bands के अधिकतम स्तर 6 फीसदी से अधिक बने रहने की संभावना है। एशियाई महाद्वीप Asian Continent के लिए जारी अपने इकोनॉमिक आउटलुक Economic Outlook में एसएंडपी ने कहा है कि भारत के विकास को अगले वर्ष कोरोना महामारी से उबरने के बाद मांग में सुधार आने से समर्थन मिलेगा।

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपने बयान में जानकारी देते हुए कहा है कि हमने वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 7.3 फीसदी और अगले वित्त वर्ष के लिए इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। जबकि हम जोखिमों को और नीचे की ओर झुका हुआ देखते हैं। गौर करने वाली बात ये है कि उच्च मुद्रास्फीति High Inflation और बढ़ती नीतिगत ब्याज दरों Rising Policy Interest Rates के बीच कई अन्य एजेंसियों ने भी भारत के सकल घरेलू उत्पाद Gross Domestic Product के विकास के अनुमान में कटौती की है।

इस महीने की शुरुआत में फिच रेटिंग्स Fitch Ratings ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास अनुमान को घटाकर 7 फीसदी कर दिया, जो पहले 7.8 फीसदी था। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च India Ratings & Research ने भी भारत की जीडीपी के लिए अपने अनुमानों को पहले के 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया था।