गैर-मिलावटी बासमती व टूटे चावल के निर्यात से हटा प्रतिबंध

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गैर-मिलावटी बासमती व टूटे चावल के निर्यात से हटा प्रतिबंध
30 Nov 2022
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News Synopsis

DGFT: भारत की केंद्र सरकार Central Government ने घरेलू बाजार में ऑर्गेनिक नॉन बासमती राइस Non Basmati Rice यानी गैर-मिलावटी बासमती चावल जिसमें टूटा चावल भी शामिल है, उसकी आवक बढ़ने और कीमतों के नरम पड़ने के बाद उसके निर्यात Export पर से प्रतिबंध हटा लिया है।

इससे पहले घरेलू स्तर पर उपलब्धता में कमी ना हो इस लिए सरकार ने उस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। उसके बाद नॉन बासमती चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगाने का प्रावधान किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू बाजार Domestic Market में आपूर्ति को सुनिश्चित करना था।

विदेश व्यापार महानिदेशालय Directorate General of Foreign Trade, डीजीएफटी DGFT की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन Notification में कहा गया है कि ऑर्गेनिक नॉन-बासमती ब्रोकन राइस समेत आर्गेनिक नॉन बासमती राइस Organic Non-Basmati Broken Rice का निर्यात अब सितंबर महीने में लगाए गए प्रतिबंध से पहले की तरह जारी रहेगा। 

30/11/2022

LAST UPDATE

Rice Export: संयुक्त अरब अमीरात UAE (यूएई) के साथ हुई बैठक में भारत India ने कृषि Agriculture और चावल निर्यातकों Rice Exporters की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया है। भारत-यूएई परिषद India-UAE Council अध्यक्ष सांसद और भारत-यूएई संयुक्त कार्यबल के सदस्य Member of India-UAE Joint Task Force एस. विक्रमजीत सिंह S. Vikramjit Singh ने यूएई के विदेश व्यापार राज्यमंत्री Minister of State for Foreign Trade डॉ. थानी बिन अहमद अल जेयूदी Dr. Thani bin Ahmed Al Jeyudi से मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। सिंह ने अपने बयान में जानकारी देते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच किए गए दो प्रमुख समझौतों के कारण द्विपक्षीय कारोबार Bilateral trade नई ऊंचाइयां छू रहा है।

दोनों देशों के बीच वार्ता व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते Comprehensive Economic Cooperation Agreement (सीईपीए) और मुक्त व्यापार समझौते Free Trade Agreement (FTA) के निष्कर्षों के मुताबिक ही हुई।  एस. विक्रमजीत सिंह ने कीटनाशक मौजूद होने की बात कह भारतीय निर्यातकों Indian Exporters के चावल अस्वीकार करने की समस्या उठाई। उन्होंने दोनों देशों को स्वीकार्य मानकों और लैब की स्थापना, भारत के फार्मा उत्पादों Pharma Products को तीव्र गति से स्वीकृति पर बल दिया। उन्होंने यूएई में निवेश की न्यूनतम सीमा कम करने पर भी बल दिया। वर्तमान में यह 10 करोड़ दिरहम है।

उन्होंने भारत-यूएई के द्विपक्षीय निवेश पर जल्द निर्णय लेने, दोनों देशों के संयुक्त उद्यमों पर काम सुव्यवस्थित करने पर भी बल दिया। यूएई के मंत्री ने भारत के साथ व्यापार की स्थिति पर संतोष जताया। साथ ही भारत में निवेश का भरोसा दिया। वहीं, एस. विक्रमजीत सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री Chief Minister of Punjab के प्रतिनिधि के तौर पर राज्य और यूएई के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर विमर्श किया। उन्होंने पंजाब के आधारभूत ढांचे में निवेश, बासमती निर्यात, कृषि प्रसंस्करण सेक्टर Agro Processing Sector पर विचार विमर्श किया।