RCB बनी IPL की सबसे वैल्यूएबल टीम

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इंडियन प्रीमियर लीग के बिज़नेस और ब्रांड वैल्यू में इस साल ज़बरदस्त बढ़ोतरी हुई है, और Royal Challengers Bengaluru सबसे वैल्यूएबल फ्रैंचाइज़ी बनकर उभरी है।
इन्वेस्टमेंट बैंक हुलिहान लोकी द्वारा कहा गया है, कि IPL का बिज़नेस 2025 में 13% बढ़कर 18.5 अरब डॉलर यानी लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। इसी दौरान लीग की ब्रांड वैल्यू 14% बढ़कर लगभग 4 अरब डॉलर यानी लगभग 33,000 करोड़ रुपये हो गई।
अपने 18 साल के इतिहास में पहली बार RCB ने इस सीज़न में आईपीएल ट्रॉफी जीती। इस जीत और मैदान के बाहर के शानदार प्रदर्शन ने टीम को ब्रांड वैल्यू के मामले में सबसे वैल्यूएबल फ्रैंचाइज़ी बनने में मदद की। रिपोर्ट के अनुसार आरसीबी की कीमत अब 269 मिलियन डॉलर है।
इससे वह चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस से आगे निकल गई, जो पिछले वर्षों में टॉप स्थान पर रही थीं।
आरसीबी की बढ़त मैदान पर लगातार अच्छे परफॉरमेंस, लॉयल फैन और चतुर ब्रांडिंग रणनीतियों के मिक्स से संभव हुई। रिपोर्ट में कहा गया है, कि टीम को अपने स्टार प्लेयर्स रजत पाटीदार के नेतृत्व में नए लीडरशिप और टेक ब्रांड नथिंग जैसे एसोसिएट स्पॉन्सर से फ़ायदा हुआ।
आरसीबी ने कर्नाटक में इवेंट्स और डिजिटल जुड़ाव के ज़रिए लोकल समर्थन बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिससे उसकी ब्रांड मज़बूत हुई। टीम की ख़िताब जीत और फ़ाइनल मैच के दौरान दर्शकों की भारी संख्या, जो 678 मिलियन से ज़्यादा बार देखी गई, ने उसके टॉप स्थान को मज़बूत करने में मदद की।
मुंबई इंडियंस अब 242 मिलियन डॉलर की ब्रांड वैल्यू के साथ दूसरे स्थान पर है।
सीएसके 235 मिलियन डॉलर की वैल्यू के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स 227 मिलियन डॉलर के साथ उसके ठीक पीछे है। ये चारों टीमें आईपीएल में टॉप ब्रांड बनी हुई हैं। सीएसके के कमजोर सीज़न और तालिका में सबसे निचले स्थान पर रहने के बावजूद टीम को फैन का मज़बूत समर्थन और स्पॉन्सरशिप मिल रहा है, खासकर एमएस धोनी की मौजूदगी के कारण।
हुलिहान लोकी की रिपोर्ट में आईपीएल को "a global phenomenon" कहा गया है, जो सिर्फ़ एक क्रिकेट लीग से कहीं बढ़कर बन गई है।
आईपीएल अब स्पोर्ट, एंटरटेनमेंट और बिज़नेस के चौराहे पर खड़ा है। यह न केवल फैंस का बल्कि प्रमुख इन्वेस्टर और स्पॉन्सर का भी ध्यान आकर्षित करता है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि मज़बूत मीडिया राइट्स, अग्रिम स्पॉन्सरशिप डील्स और वेतन सीमा द्वारा संचालित आईपीएल का बिज़नेस मॉडल इसे इंग्लिश प्रीमियर लीग या एनबीए जैसी लीगों की तुलना में बेहतर फाइनेंसियल स्थिति प्रदान करता है।
इस सीज़न में एडवरटाइजिंग इनकम में भी भारी वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट का अनुमान है, कि आईपीएल 2025 में एडवर्टाइजमेंट से लगभग 600 मिलियन डॉलर या लगभग 5,000 करोड़ रुपये की कमाई हुई, जो पिछले साल की तुलना में 50% अधिक है। आरसीबी और पंजाब किंग्स के बीच फाइनल मैच सबसे ज़्यादा देखा गया प्रसारण था, जिसने इस साल की शुरुआत में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के भारत बनाम पाकिस्तान मैच को भी पीछे छोड़ दिया।
रेवेनुए के मामले में टॉप फ्रैंचाइज़ियों की लगभग 80% लागत सीज़न शुरू होने से पहले ही पूरी हो जाती है। प्रति टीम 120 करोड़ रुपये की वेतन सीमा बड़ी वेतन वृद्धि को रोकती है, और कम्पटीशन को निष्पक्ष रखने में मदद करती है। इससे आईपीएल टीमों को अपने कई ग्लोबल कॉउंटरपर्ट की तुलना में बेहतर प्रॉफिट मार्जिन मिलता है। रिपोर्ट के अनुसार टॉप फ्रैंचाइज़ हर साल 650 करोड़ रुपये से 700 करोड़ रुपये के बीच कमाती हैं।
हुलिहान लोकी ने यह भी कहा कि आईपीएल ने अन्य देशों में शार्ट-फॉर्मेट लीगों की लहर पैदा करने में मदद की है, और मॉडर्न क्रिकेट कैलेंडर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस लीग को अब दुनिया भर में सबसे मज़बूत स्पोर्ट्स और एंटरटेनमेंट ब्रांडों में से एक माना जा रहा है।
अपनी बढ़ती इंटरनेशनल पहुँच, मज़बूत कैश फ्लो और बढ़ते डिजिटल व्यूअरशिप के साथ आईपीएल ग्लोबल इन्वेस्टर्स का अधिक ध्यान आकर्षित कर रहा है। इंस्टिट्यूशन फंड और प्राइवेट इक्विटी प्लेयर्स अब आईपीएल फ्रैंचाइज़ी को लॉन्ग-टर्म, हाई-ग्रोथ वाले निवेश के रूप में देख रहे हैं।
रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है, कि आईपीएल कमर्शियल स्पोर्ट्स में नए बेंचमार्क स्थापित कर रहा है, और आरसीबी की 2025 की जीत लीग की सबसे वैल्यूएबल टीमों के पावर बैलेंस में एक बड़ा बदलाव दर्शाती है।