RBI ने UPI Lite को E-मैंडेट फ्रेमवर्क के साथ इंटीग्रेशन करने की घोषणा की

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RBI ने UPI Lite को E-मैंडेट फ्रेमवर्क के साथ इंटीग्रेशन करने की घोषणा की
07 Jun 2024
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News Synopsis

भारतीय रिजर्व बैंक ने यूपीआई लाइट UPI Lite को ई-मैंडेट फ्रेमवर्क के साथ इंटीग्रेशन करने की घोषणा की है। इससे यूपीआई लाइट बैलेंस की आटोमेटिक रेप्लेनिशमेंट संभव हो जाएगी। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य स्माल वैल्यू के डिजिटल पेमेंट को और अधिक सुविधाजनक बनाना है।

आरबीआई ने कहा "यूपीआई लाइट फैसिलिटी वर्तमान में कस्टमर को अपने यूपीआई लाइट वॉलेट में 2000 रुपये तक लोड करने और वॉलेट से 500 रुपये तक का पेमेंट करने की अनुमति देती है। कस्टमर्स को यूपीआई लाइट का निर्बाध उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए और विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर कस्टमर द्वारा यूपीआई लाइट वॉलेट UPI Lite Wallet को लोड करने के लिए ऑटो-रिप्लेनिशमेंट फैसिलिटी शुरू करके यूपीआई लाइट को ई-मैंडेट फ्रेमवर्क के दायरे में लाने का प्रस्ताव है, यदि शेष राशि उसके द्वारा निर्धारित सीमा से कम हो जाती है। चूंकि फंड कस्टमर के पास ही रहता है (फंड उसके खाते से वॉलेट में चला जाता है), इसलिए अतिरिक्त ऑथेंटिकेशन या प्री-डेबिट नोटिफिकेशन की आवश्यकता को समाप्त करने का प्रस्ताव है।"

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास RBI Governor Shaktikanta Das ने कहा "यूपीआई लाइट को सितंबर 2022 में ऑन-डिवाइस वॉलेट के माध्यम से क्विक और सीमलेस तरीके से स्माल वैल्यू के पेमेंट को सक्षम करने के लिए पेश किया गया था।"

उन्होंने कहा "यूपीआई लाइट को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए अब इसे ई-मैंडेट फ्रेमवर्क के तहत लाने का प्रस्ताव है, जिसमें कस्टमर्स के लिए एक फैसिलिटी शुरू की जाएगी, ताकि अगर बैलेंस उनके द्वारा निर्धारित सीमा से कम हो जाए, तो वे अपने यूपीआई लाइट वॉलेट को स्वचालित रूप से फिर से भर सकें। आरबीआई एमपीसी की बैठक के दौरान गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इससे स्माल वैल्यू के डिजिटल पेमेंट करने में आसानी होगी।"

सितंबर 2022 में एनपीसीआई द्वारा लॉन्च किया गया यूपीआई लाइट पेटीएम, भीम ऐप, गूगल पे आदि जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।

NPCI के बारे में:

एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड को 3 अप्रैल 2020 को एनपीसीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में शामिल किया गया था। एनपीसीआई की इंटरनेशनल शाखा के रूप में एनआईपीएल भारत के बाहर एनपीसीआई की स्वदेशी, सफल वास्तविक समय पेमेंट सिस्टम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस और कार्ड स्कीम (रुपे) को लागू करने के लिए समर्पित है। एनपीसीआई ने भारत में पेमेंट सेगमेंट को बदलकर डोमेस्टिक मार्केट में अपने प्रोडक्ट्स और टेक्नोलॉजिकल क्षमताओं को सफलतापूर्वक विकसित और साबित किया है। वर्तमान में ऐसे कई देश हैं, जो वास्तविक समय पेमेंट सिस्टम या डोमेस्टिक कार्ड स्कीम स्थापित करना चाहते हैं। एनआईपीएल अपने ज्ञान और अनुभव के साथ तेजी से बढ़ते ग्लोबल बिज़नेस की तेजी से विकसित हो रही जरूरतों को पूरा करने के लिए रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम बनाने के लिए लाइसेंसिंग और कंसल्टिंग के माध्यम से इन देशों को टेक्नोलॉजिकल असिस्टेंस प्रदान कर सकता है। एनआईपीएल टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के माध्यम से दुनिया भर में पेमेंट को बदलने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह न केवल भारतीयों के लिए पेमेंट सक्षम करेगा बल्कि टेक्नोलॉजिकल असिस्टेंस, कंसल्टिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करके उनकी पेमेंट क्षमताओं को बढ़ाकर अन्य देशों का भी समर्थन करेगा।