PhonePe ने अकाउंट एग्रीगेटर बिज़नेस से बाहर निकलने का फैसला किया

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PhonePe ने अकाउंट एग्रीगेटर बिज़नेस से बाहर निकलने का फैसला किया
08 Feb 2025
6 min read

News Synopsis

पेमेंट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी PhonePe Group ने अकाउंट एग्रीगेटर बिज़नेस से बाहर निकलने का फैसला किया है, और फाइनेंसियल इंक्लूजन को बढ़ाने के लिए अन्य AA के साथ साझेदारी करेगी। कंपनी ने भारतीय रिजर्व बैंक को अपना NBFC-AA लाइसेंस सौंपने की प्रोसेस शुरू कर दी है, और अपने AA ऑपरेशन को बंद कर देगी।

वॉलमार्ट समर्थित फिनटेक फर्म अपनी सहायक कंपनी PhonePe Technology Services के माध्यम से अकाउंट एग्रीगेटर सर्विस देना जारी रखेगी, जिसे उसने 18 महीने पहले लॉन्च किया था।

इस सर्विस ने कंस्यूमर्स को लोन एप्लीकेशन, इंश्योरेंस परचेज और इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी के लिए रेगुलेटेड Financial Information Users के साथ बैंक स्टेटमेंट, इंश्योरेंस पॉलिसियों और कर फाइलिंग सहित अपने फाइनेंसियल डेटा को सुरक्षित रूप से शेयर करने की अनुमति दी।

कंपनी ने अपने प्लेटफ़ॉर्म पर पर्याप्त संख्या में फाइनेंसियल इनफार्मेशन प्रोवाइडर्स को शामिल करने में असमर्थता का हवाला दिया। PhonePe ने जून 2023 में AA स्पेस में प्रवेश किया, जिसका उद्देश्य इकोसिस्टम के विकास में तेजी लाना था। उस समय AA सर्विस को अपनाना अभी भी कम था, और कंपनी ने अपना स्वयं का AA प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च करके फाइनेंसियल इंक्लूजन को बढ़ावा देने की कोशिश की।

फर्म ने कहा "दो साल से भी कम समय में फोनपे ने लगभग 5 करोड़ यूजर्स को अपने साथ जोड़ लिया। हालांकि कॉम्पिटिटिव बिज़नेस प्राथमिकताओं के कारण यह उतने फाइनेंसियल इनफार्मेशन प्रोवाइडर्स को इंटीग्रेट नहीं कर सका, जितने की शुरुआत में योजना बनाई गई थी।"

"हमारा दृढ़ विश्वास है, कि फाइनेंसियल इंक्लूजन को ठीक से संबोधित करने के लिए AA इकोसिस्टम का विकास बहुत महत्वपूर्ण है। 2022 तक AA इकोसिस्टम अभी भी बहुत नवजात था, और शुरुआती अपनाने की संख्या अभी भी कम थी। इसलिए जून 2023 में हमें अपना खुद का अकाउंट एग्रीगेटर प्लेटफ़ॉर्म बनाने और AA इकोसिस्टम के विकास में तेज़ी लाने में मदद करने के लिए अपना खुद का AA लाइसेंस मिला। यह केवल अंतिम कंस्यूमर प्रोडक्ट्स बनाने की हमारी सामान्य रणनीति से अलग था," इसने कहा।

AA फ्रेमवर्क 2 सितंबर 2021 को पेश किया गया था, और यह सहमति मैनेजर्स के रूप में कार्य करता है, जो FIU से स्वतंत्र रूप से काम करते हैं, जो यूजर्स और बिज़नेस को सहमति से अपने फाइनेंसियल डेटा को शेयर करने और एक ही स्थान पर सहमति मैनेज करने की अनुमति देता है।

यह RBI द्वारा रेगुलेटेड एंटिटी है, जो यूजर्स के बैंक से AA नेटवर्क में किसी भी अन्य रेगुलेटेड फाइनेंसियल इंस्टीटूशन तक फाइनेंसियल जानकारी को डिजिटल रूप से एक्सेस और शेयर करती है। डेटा शेयर करने के लिए यूजर्स की सहमति आवश्यक है। इससे कई एजेंसियों को शामिल किए बिना आसान लोन मंजूरी की सुविधा होगी।

भारत में ओपन बैंकिंग जैसी सर्विस के लिए रेगुलेटर्स और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन द्वारा जोर दिए जाने के कारण इसे अपनाने में वृद्धि देखी गई है।

डिजीसहमती फाउंडेशन के अनुसार अकाउंट एग्रीगेटर इकोसिस्टम ने एए फ्रेमवर्क पर 100 मिलियन सहमति को पार कर लिया है, जिसमें भारत में लगभग 80-90 मिलियन भारतीय इस सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं। अगस्त 2024 तक फाइनेंसियल इनफार्मेशन प्रोवाइडर्स और फाइनेंसियल इनफार्मेशन यूजर्स की संख्या क्रमशः 155 और 475 हो गई है। 2023 में एए इकोसिस्टम में बैंकों और इंश्योरेंस फर्मों सहित 146 एफआईपी और 363 एफआईयू मौजूद थे।

एफआईयू और एफआईपी एए इकोसिस्टम के प्रमुख कंपोनेंट्स हैं। एफआईपी ऐसी संस्थाएँ हैं, जो बैंक, नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियाँ और डिपॉजिटरी जैसे यूजर्स डेटा संग्रहीत करती हैं। वे एए द्वारा उत्पन्न अनुरोधों के माध्यम से कस्टमर्स की फाइनेंसियल जानकारी एफआईयू के साथ साझा करते हैं।

नवंबर 2024 तक भारतीय रिज़र्व बैंक ने 14 कंपनियों को NBFC-AA के रूप में काम करने के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदान किया था, जिसमें अग्या टेक्नोलॉजीज द्वारा सेतु AA, फ़ोनपे, परफ़ियोस अकाउंट एग्रीगेटर सर्विसेज द्वारा अनुमति जैसी कंपनियाँ शामिल हैं। 112 फाइनेंसियल संस्थान FIP और FIU दोनों के रूप में सक्रिय हो गए हैं।