News In Brief Business and Economy
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जुलाई 2025 में जियो-एयरटेल ने जोड़े 9 लाख यूज़र, वोडाफोन आइडिया और BSNL को घाटा

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जुलाई 2025 में जियो-एयरटेल ने जोड़े 9 लाख यूज़र, वोडाफोन आइडिया और BSNL को घाटा
30 Aug 2025
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News Synopsis

भारत के दूरसंचार क्षेत्र ने जुलाई 2025 में हल्की बढ़त दर्ज की। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) की रिपोर्ट के अनुसार, देश का कुल वायरलेस सब्सक्राइबर बेस जून 2025 के 1,163.03 मिलियन से बढ़कर जुलाई में 1,163.51 मिलियन तक पहुंचा। हालांकि यह वृद्धि बहुत मामूली रही।

जियो और एयरटेल की बढ़त (Jio and Airtel Lead Subscriber Growth)

जुलाई 2025 में रिलायंस जियो Reliance Jio 4.82 लाख नए ग्राहकों को जोड़कर बाजार में सबसे आगे रहा। उसके बाद भारती एयरटेल Bharti Airtel ने 4.64 लाख नए यूज़र्स जोड़े। दोनों मिलकर लगभग सभी नए सब्सक्राइबर्स पर कब्जा जमाने में सफल रहे। इनकी लगातार बढ़त का कारण बेहतर नेटवर्क कवरेज, आक्रामक टैरिफ प्लान और मज़बूत ग्राहक सेवा रणनीति है।

इसके विपरीत, वोडाफोन आइडिया को 3.59 लाख और BSNL को 1 लाख ग्राहकों का नुकसान झेलना पड़ा। यह दर्शाता है कि ये कंपनियां जियो और एयरटेल की तेज़ रफ्तार पकड़ने में संघर्ष कर रही हैं।

कुल सब्सक्राइबर बेस में मामूली वृद्धि(Marginal Growth in Total Subscriber Base)

भारत का कुल वायरलेस सब्सक्राइबर बेस जुलाई में सिर्फ 0.04% बढ़ा। जून में यह 1,163.03 मिलियन था, जो जुलाई में 1,163.51 मिलियन हो गया। यह साफ़ संकेत है कि टेलीकॉम बाजार लगभग संतृप्त (saturated) हो चुका है और अब ग्राहकों को बनाए रखना और सेवा की गुणवत्ता सुधारना ही असली चुनौती है।

शहरी बनाम ग्रामीण रुझान (Urban vs Rural Subscriber Trends)

दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) की रिपोर्ट बताती है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग तस्वीर दिख रही है:

  • शहरी सब्सक्रिप्शन जून के 633.14 मिलियन से बढ़कर जुलाई में 636.02 मिलियन हुआ (0.45% की वृद्धि)।

  • ग्रामीण सब्सक्रिप्शन जून के 529.88 मिलियन से घटकर 527.49 मिलियन हो गया (0.45% की गिरावट)।

शहरी क्षेत्र में स्मार्टफोन अपनाने, 5G लॉन्च और डेटा खपत में बढ़ोतरी ने वृद्धि को बढ़ावा दिया है। वहीं ग्रामीण इलाकों में कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर और सीमित आय के कारण गिरावट देखने को मिली।

टेलीडेंसिटी में गिरावट (Dip in Mobile Tele-Density)

भारत की कुल मोबाइल टेलीडेंसिटी जुलाई में 82.16% रही, जो जून के 82.18% से कम है।

  • शहरी टेलीडेंसिटी मामूली बढ़कर 124.75% हुई।

  • ग्रामीण टेलीडेंसिटी गिरकर 58.20% हो गई।

यह आंकड़े शहरी और ग्रामीण डिजिटल खाई (Digital Divide) को उजागर करते हैं।

ऑपरेटरों का मार्केट शेयर (Market Share of Operators)

जुलाई 2025 तक निजी ऑपरेटरों ने 92.21% बाजार हिस्सेदारी अपने पास रखी।

  • रिलायंस जियो – शीर्ष स्थान पर

  • एयरटेल – मज़बूत दूसरे स्थान पर

  • वोडाफोन आइडिया – गिरावट के साथ
    वहीं, BSNL और MTNL जैसे सरकारी ऑपरेटरों की हिस्सेदारी घटकर केवल 7.79% रह गई।

मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) की मांग में उछाल (Surge in Mobile Number Portability Requests)

जुलाई 2025 में 1.54 करोड़ MNP अनुरोध दर्ज किए गए।

  • ज़ोन 1 (उत्तर और पश्चिम भारत): 87.7 लाख

  • ज़ोन 2 (दक्षिण और पूर्व भारत): 66.3 लाख

यह दर्शाता है कि ग्राहक लगातार बेहतर नेटवर्क और टैरिफ पाने के लिए ऑपरेटर बदल रहे हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

TRAI की जुलाई 2025 की रिपोर्ट भारत के टेलीकॉम सेक्टर की बदलती तस्वीर को बखूबी दर्शाती है। इसमें साफ़ झलकता है कि जियो और एयरटेल न केवल अपने नेटवर्क कवरेज बल्कि बेहतर डेटा सेवाओं और आक्रामक योजनाओं के दम पर लगातार मज़बूत हो रहे हैं।

वहीं, वोडाफोन आइडिया और BSNL के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है, क्योंकि वे नेटवर्क विस्तार, कर्ज़ बोझ और पूंजी की कमी जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में तेज़ इंटरनेट और 5G सेवाओं का लाभ स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, लेकिन ग्रामीण भारत अब भी डिजिटल खाई (digital divide) से जूझ रहा है।

साथ ही, मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के बढ़ते आंकड़े बताते हैं कि ग्राहक अब पहले से कहीं ज़्यादा जागरूक और विकल्प तलाशने वाले हो गए हैं। यही कारण है कि टेलीकॉम कंपनियों को न केवल सस्ती और आकर्षक योजनाएँ बल्कि बेहतर नेटवर्क गुणवत्ता, डिजिटल सेवाओं और ग्राहक सहायता पर भी ध्यान देना होगा।

आने वाले वर्षों में वही कंपनियाँ टिकेंगी और आगे बढ़ेंगी, जो ग्राहक विश्वास को बनाए रखते हुए भविष्य की तकनीकों को तेज़ी से अपनाएँगी।