Infosys ने फ्रेशर्स के लिए बढ़ाई सैलरी, मिलेगा 21 लाख का पैकेज

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Infosys ने फ्रेशर्स के लिए बढ़ाई सैलरी, मिलेगा 21 लाख का पैकेज
26 Dec 2025
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News Synopsis

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में पिछले लंबे समय से फ्रेशर्स की सैलरी में कोई बड़ी बढोतरी नहीं हुई है, लेकिन अब सॉफ्टवेयर दिग्गज Infosys ने इस संबंध में बड़ा कदम उठाया है, कंपनी ने घोषणा की है, कि वह विशेष तकनीकी भूमिकाओं के लिए कैंपस और ऑफ-कैंपस प्लेसमेंट के जरिए फ्रेशर्स को 21 लाख रुपये प्रति वर्ष तक का पैकेज देगी, यह कदम न केवल इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, बल्कि यह भारतीय आईटी जगत में ‘टैलेंट वॉर’ और कौशल-आधारित वेतन वृद्धि की एक नई शुरुआत का संकेत भी है, रिपोर्ट के अनुसार इंफोसिस केवल वेतन ही नहीं बढ़ा रही, बल्कि भर्ती की संख्या में भी तेजी ला रही है, कंपनी के CFO जयेश संघराजका के अनुसार इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में ही 12,000 फ्रेशर्स को नियुक्त किया है, और साल के अंत तक 20,000 नई भर्तियों का लक्ष्य रखा है, कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या अब 3.3 लाख के पार पहुंच चुकी है।

इंफोसिस उन ग्रेजुएट्स को मोटा पैसा देकर अपने पाले करेगी जो जटिल कोडिंग और आधुनिक तकनीकों में माहिर हैं, सोशल मीडिया पोस्ट और ऑफिसियल सूचनाओं के अनुसार कंपनी 2025 के बैच के लिए बड़े पैमाने पर हायरिंग ड्राइव शुरू कर रही है, इसमें सैलरी को चार मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है, जो उम्मीदवार की विशेषज्ञता और भूमिका पर निर्भर करेगी, कंपनी स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर L3 (ट्रेनी) को ₹21 लाख सालाना का ऑफर दे रही है, स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर L2 (ट्रेनी) उम्मीदवारों को ₹16 लाख का वार्षिक पैकेज मिलेगा, स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर L1 (ट्रेनी) श्रेणी के कर्मचारियों को ₹11 लाख का वेतन मिलेगा तो डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर (ट्रेनी) का सालाना पैकेज ₹7 लाख होगा।

ये उम्‍मीदवार कर सकते हैं, अप्‍लाई

यह वेतन पारंपरिक आईटी भूमिकाओं के लिए मिलने वाले ₹3.5 लाख से ₹4 लाख के औसत पैकेज से कहीं अधिक है, यह ऑफर BE, BTech, ME, MTech, MCA और चुनिंदा इंजीनियरिंग शाखाओं जैसे ECE और EEE के छात्रों के लिए खुला है।

क्यों बढ़ी सैलरी?

इंफोसिस के ग्रुप मुख्य मानव संसाधन अधिकारी शाजी मैथ्यू के अनुसार इस वेतन वृद्धि के पीछे मुख्य कारण कंपनी की “AI-फर्स्ट” रणनीति है, वर्तमान में वैश्विक बाजार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग की मांग तेजी से बढ़ी है, कंपनियों को अब ऐसे ‘डिजिटल-नेटिव’ युवाओं की तलाश है, जिनके पास न केवल सैद्धांतिक ज्ञान हो, बल्कि जो जटिल समस्याओं को सुलझाने के लिए गहरी तकनीकी विशेषज्ञता भी रखते हों,

मैथ्यू का कहना है, कि कंपनी अपने मौजूदा कार्यबल को अपस्किल तो कर ही रही है, लेकिन फ्रेश टैलेंट के जरिए नई सोच और तकनीकी गहराई को संगठन में लाना अनिवार्य हो गया है, यही कारण है, कि ‘स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर ट्रैक’ का विस्तार किया गया है, ताकि शीर्ष प्रतिभाओं को प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से पहले अपनी ओर आकर्षित किया जा सके।

आईटी फेशर्स को मिल रही काफी कम सैलरी

भारत में आईटी फ्रेशर्स की सैलरी पिछले 10-12 वर्षों से चर्चा का विषय रही है, जहां एक ओर कॉर्पोरेट जगत के शीर्ष पदों पर बैठे अधिकारियों के वेतन में भारी उछाल देखा गया, वहीं एंट्री-लेवल सैलरी लगभग स्थिर रही, एक विश्लेषण के मुताबिक वित्त वर्ष 2012 से 2022 के बीच आईटी कंपनियों के CEOs का औसत वेतन 835% बढ़कर 31.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि फ्रेशर्स की औसत सैलरी में इसी दौरान मात्र 45% की वृद्धि हुई (जो 2.45 लाख से बढ़कर 3.55 लाख हुई)।