भारतीय रेलवे 3 साल में 200 नई वंदे भारत ट्रेनें लॉन्च करेगा

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भारतीय रेलवे 3 साल में 200 नई वंदे भारत ट्रेनें लॉन्च करेगा
06 Feb 2025
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News Synopsis

भारत के बजट 2025 के अनुमानों के बाद भारतीय रेलवे Indian Railways ने देश के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए 17,500 नॉन-एसी जनरल कोच और स्लीपर कोच बनाने का संकल्प लिया है। इस कदम से केंद्र को किफायती पब्लिक ट्रेवल की बढ़ती मांग से निपटने में मदद मिलेगी।

भारतीय रेलवे के इस कदम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए ट्रेवल की क्वालिटी में सुधार होगा और साथ ही पहले से ही तनावग्रस्त रेलवे सिस्टम पर बोझ कम होगा।

रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव Ashwini Vaishnaw ने कहा कि भारतीय रेलवे को नॉन-एसी कोच के लिए 2:3 और एसी कोच के लिए 1:3 के अनुपात पर टिके रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेशनल ट्रांसपोर्टर ने देश के विभिन्न हिस्सों में जनरल कोच की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक विशेष अभियान भी शुरू किया है।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2023-24 के लिए यूनियन बजट पेश करते समय सरकार ने लगातार फंड और प्रोजेक्ट अप्रूवल के साथ रेलवे को मजबूत करने की मांग की है, और इस बार भी यह अलग नहीं था, जब आवंटन 17,500 सामान्य कोच, 200 वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों और 100 अन्य प्रोजेक्ट्स के साथ 2.52 लाख करोड़ रुपये रखा गया था।

रेलवे मिनिस्टर ने कहा "बजट में 4.6 लाख करोड़ रुपये की नई प्रोजेक्ट्स जोड़ी गई हैं, जिनमें नई लाइनें, मौजूदा लाइनों को मजबूत करना, एडिशनल लाइनें, नए स्टेशन, मौजूदा स्टेशनों का अपग्रेड, फ्लाईओवर और अंडरपास शामिल हैं, जिनके पूरा होने की प्रस्तावित समय-सीमा चार से पांच वर्ष है।"

उन्होंने कहा कि अगले कुछ सालों में 100 अमृत भारत ट्रेनें, 50 नमो भारत ट्रेनें और 200 वंदे भारत स्लीपर और चेयर कार मॉडल तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहा "नई अमृत भारत ट्रेनें कई एडिशनल छोटी दूरी के शहरों के साथ संपर्क सुनिश्चित करेंगी।"

जहां तक ​​जनरल बोगियों की बात है, अश्विनी वैष्णव ने कहा कि निकट भविष्य में 17,500 बोगियों के तैयार होने की संभावना है।

"जनरल कोचों के निर्माण के लिए काम चल रहा है, और इस साल 31 मार्च तक 1400 जनरल कोच तैयार हो जाएंगे। FY 2025-26 के लिए 2000 जनरल कोच बनाने का लक्ष्य है। इसके अलावा 1000 नए फ्लाईओवर ब्रिज के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है," अश्विनी वैष्णव ने कहा।

"मार्केट कैपेसिटी के संदर्भ में रेलवे ने जैसा कि सर्वविदित है, कई लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जो अपेक्षाओं से कहीं अधिक हैं। हमारा लक्ष्य 31 मार्च तक 1.6 बिलियन मीट्रिक टन माल ढोना है। इससे हम दुनिया में माल ढोने वाली दूसरी सबसे बड़ी रेलवे बन जाएंगे, जो चीन के बाद दूसरे स्थान पर होगी।"

अश्विनी वैष्णव ने कहा "इस फाइनेंसियल ईयर के अंत तक हम 100 प्रतिशत इलेक्ट्रफिकैशन हासिल कर लेंगे।" इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार रेल सुरक्षा बढ़ाने पर अपना खर्च केंद्रित करने के लिए प्राथमिकताएं बदल रही है, अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसके लिए एक लाख करोड़ से अधिक यानी 1.14 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अगले फाइनेंसियल ईयर में इसे और बढ़ाकर 1.16 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।"